जयपुर. राजधानी जयपुर में लगातार बढ़ रहे क्राइम ने जहां आमजन को परेशान कर रखा है, वहीं पुलिस भी हैरान है. लेकिन इसके पीछे एक बड़ा कारण शहर के लोगों में जागरुकता की कमी भी है. हाल ही में हुई कई घटनाओं की जांच में सामने आया है कि राजधानी जयपुर में बड़े पैमाने पर लोग अपने किराएदारों और घरेलू नौकरों का पुलिस वैरिफिकेशन नहीं करवाते हैं. जबकि यह जरूरी है और पुलिस लगातार इस संबंध में आमजन से अपील करती रहती है, लेकिन कम ही लोग रूचि लेते हैं.
ऐसे में कई बार वे खुद ही बड़ी वारदात का शिकार हो जाते हैं. बजाज नगर थाना इलाके की जय जवान कॉलोनी-प्रथम में एक बिजनेसमैन के घर 21 अप्रैल को हुई लाखों रुपए और गहनों की चोरी के मामले की जांच में खुलासा हुआ है कि वारदात को अंजाम देने वाला नौकर और ड्राइवर सितंबर 2022 से काम कर रहे थे. लेकिन उनका पुलिस सत्यापन नहीं करवाया गया. हालांकि, गनीमत यह है कि बदमाश वारदात के बाद शहर से बाहर भागने में कामयाब होते, उससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए. ऐसे में ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि बिजनेसमैन अशोक कुमार ने अपने ड्राइवर और नौकर का पुलिस सत्यापन करवाया होता तो एक बड़ी परेशानी से बच सकते थे.
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वारदात के बाद भागने की फिराक में थे आरोपी : डीसीपी (पूर्व) ज्ञानचंद यादव का कहना है कि बजाज नगर इलाके में बिजनेसमैन अशोक कुमार मल्होत्रा के घर चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद उनका ड्राइवर भागचंद चौधरी, नौकर राधेश्याम मंडल और सहयोगी मन्नालाल चौधरी भागने की फिराक में थे. लेकिन पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई कर उन्हें पकड़ लिया और जेवर व नकदी बरामद कार ली. हालांकि, चुराए गए 25 लाख में से 23.50 लाख ही बरामद हुए हैं. बाकि 1.50 लाख रुपए उन्होंने किसे दिए, इसे लेकर पूछताछ की जा रही है.
तीनों आपराधिक प्रवृत्ति के, लेकिन मकान मालिक अनजान : डीसीपी (पूर्व) ज्ञानचंद यादव के अनुसार, पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि बिजनेसमैन के घर लाखों रुपए और जेवर चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले नौकर राधेश्याम मंडल, ड्राइवर भागचंद और उनका सहयोगी मन्नालाल आपराधिक प्रवृत्ति के हैं. लेकिन मकान मालिक इससे अनजान थे. नौकर पहले जहां काम करता था, वहां भी उसने वारदात की है. ड्राइवर भागचंद के खिलाफ भी पहले एक मामला दर्ज है और पुलिस ने चार्जशीट पेश कर रखी है. वारदात में उनके सहयोगी मन्नालाल के खिलाफ ब्लैकमेलिंग और एक्सटॉर्शन का मामला दर्ज है.
लाखों के मोबाइल चुराने वाले रहते थे किराए के मकान में : राजधानी जयपुर में लाखों रुपए के चोरी के मोबाइल के साथ पकड़े गए बादल कुमार, दीपक महतो, सन्नी कुमार और कृष्ण कुमार महतो झोटवाड़ा इलाके में किराए के मकान में रहते थे. वे मूल रूप से झारखंड में साहेबगंज जिले के नया टोला, महाराजपुर गांव के रहने वाले हैं. वे जयपुर में झोटवाड़ा इलाके में बोरिंग चौराहे के पास कृष्णा नगर में किराए के मकान में रह रहे थे. उनका भी पुलिस वैरिफिकेशन नहीं हुआ था.
नकली नोट तस्करी का आरोपी रहता था हसनपुरा में : पुलिस ने पिछले दिनों नकली नोट की तस्करी के आरोप में झुंझुनूं जिले के रणधीर सिंह, कर्मवीर सिंह और अशोक कुमार को गिरफ्तार किया था. कर्मवीर सिंह जयपुर के हसनपुरा में किराए के मकान में रहता है. उसका सत्यापन नहीं था.
यह काफी गंभीर मामला, लापरवाही पड़ती है भारी : डीसीपी (पूर्व) ज्ञानचंद यादव का कहना है कि न केवल बिजनेसमैन के घर चोरी के मामले में बल्कि कई अन्य मामलों में भी यह बात निकालकर सामने आई है कि अमूमन लोग अपने किराएदारों या घरेलू नौकरों का पुलिस सत्यापन करवाने की प्रक्रिया को झंझट समझते हैं. लेकिन उनकी यह लापरवाही खुद उन पर और अन्य लोगों पर भारी पड़ती है. वारदात के बाद पछताना पड़ता है. समय पर पुलिस सत्यापन करवाने से पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी मिल जाती है और बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है.