जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिए हैं कि वह परकोटे की हेरिटेज इमारतों से छेड़छाड़ करे बिना ही अवैध इमारतों को हटाने का एक्शन प्लान पेश करें. अदालत ने 6 सप्ताह में सर्वे कर बिना अनुमति हुए निर्माणों की सूची तैयार करने को कहा है.
वहीं, अदालत ने स्वायत्त शासन सचिव को मामले में मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश एक मामले में लिए गए स्वप्रेरित संज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने नगर निगम से कहा कि एक्शन प्लान को तीन भागों में तैयार किया जाए. पहले भाग में उन अवैध निर्माणों को शामिल किया जाए जिनसे हेरिटेज को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. वहीं, दूसरे और तीसरे भाग में हेरिटेज को कम प्रभावित करने वाले अवैध निर्माणों को रखा जाए. अदालत ने एक्शन प्लान में निगम को यह भी बताने को कहा है कि इन अवैध निर्माणों को कब तक हटा दिया जाएगा.
सुनवाई के दौरान न्याय मित्र शोभित तिवारी ने अदालत को बताया कि 4 अप्रैल 2019 को नगर निगम ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र पेश कर साल 2008 से साल 2019 तक चारदीवारी में व्यावसायिक निर्माण की अनुमति नहीं देने की जानकारी दी थी. जबकि मौके पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे रहे हैं. जिसके चलते हेरिटेज को भी नुकसान पहुंच रहा है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने नगर निगम से अवैध निर्माणों को हटाने का एक्शन प्लान पेश करने को कहा है.