जयपुर. कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने मंगलवार को फीडबैक देने के बाद अपनी ही सरकार के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए हैं. रामनारायण मीणा ने किसी मंत्री का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने कहा कि राजस्थान के मतदाता कांग्रेस को जिताने के मूड में हैं, बशर्ते हम जनता की भावना का आदर करें. उन्होंने मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि यह बात सही है कि करप्शन में कुछ मंत्री बहुत आगे बढ़ चुके हैं. अब यह मुख्यमंत्री की कमजोरी है या मजबूरी है कि वह ऐसे मंत्रियों को हटा नहीं पा रहे हैं, लेकिन यह बात हमारे लिए माइनस पॉइंट है. बाकी कांग्रेस मजबूत है. मतदाता कांग्रेस को चाहता है, अगर कमजोरी दूर कर दी तो कांग्रेस सत्ता में आ सकती है.
विधायक मीणा ने कहा कि कुछ मंत्री तो चोटी से लेकर पांव के अंगूठे तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. कुछ मंत्री अपने पावर का दुरुपयोग कर भाजपा का साथ देते हैं और वोट भी भाजपा को दिलाते हैं. ऐसे लोग के कांग्रेस में आगे बढ़ने से हम कमजोर हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार करने वाले मंत्री पैसा कमा रहे हैं और हो सकता है कि पैसे के आधार पर जीत जाएं. हालांकि, उन्होंने साफ कहा कि परिवार में बैठते हैं तो सब तरीके की बातें होती हैं, लेकिन आज फीडबैक में खुलकर बोलने का समय नहीं था.
राहुल गांधी की बिना नोटिस सदस्यता रद्द कराते हैं और हम उन्हें यहां गले लगाते हैं : राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर अनशन किए और सवाल इस बात पर भी खड़े किए कि गहलोत और वसुंधरा में मिलीभगत है. अब सचिन पायलट के बाद कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने भी भाजपा और कांग्रेस के बीच मिलीभगत के आरोप लगाए हैं. लेकिन यह आरोप गहलोत-वसुंधरा मामले में नहीं होकर कोटा संभाग में मंत्री शांति धारीवाल और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के गठबंधन पर लगाए हैं.
रामनारायण मीणा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अब मजबूत कदम उठाने पड़ेंगे, क्योंकि भाजपा कोई कमी नहीं छोड़ती है. हमें यह दोस्ती खत्म करनी पड़ेगी. मीणा ने कहा कि जिस व्यक्ति ने बिना नोटिस के राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी, उन लोगों को माला पहनाने का सिस्टम गलत है. उससे हम जनता की नजरों में कमजोर हो गए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कोटा संभाग में कमजोर इसलिए है, क्योंकि ओम-शांति का गठजोड़ है. कांग्रेस में तो कुछ जातियां ऐसी हावी हैं, जिनके जो भी सदस्य जीतते हैं वो पूरे के पूरे मंत्री हैं, जबकि सदस्य उनके गिनती के हैं. सीधे तौर पर रामनारायण मीणा ने जैन समाज के विधायकों की संख्या और उनके मंत्री बनने का मामला भी उठा दिया.