जयपुर. विधानसभा में पारित हुए राइट टू हेल्थ बिल का विरोध जारी है. बुधवार को निजी चिकित्सकों ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाहर इस बिल की प्रतियां जलाईं और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान करीब 200 से ज्यादा निजी चिकित्सक मौजूद रहे. वहीं निजी अस्पतालों के समर्थन में रेजिडेंट डॉक्टर ने भी सामूहिक कार्य बहिष्कार किया और मेडिकल टीचर्स भी 2 घंटे पेन डाउन हड़ताल पर रहे. जिसकी वजह से एसएमएस अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा.
राज्य सरकार की ओर से लाए गए राइट टू हेल्थ बिल के विधानसभा में पारित होने के बाद अब इस बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. इससे पहले आंदोलनरत निजी चिकित्सकों ने राइट टू हेल्थ बिल का विरोध करते हुए एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाहर इकट्ठा होकर बिल की प्रतियां जलाईं. इस संबंध में प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव डॉ विजय कपूर ने बताया कि राज्यपाल से मुलाकात की गई थी. राज्यपाल ने आश्वस्त किया कि वो कोशिश करेंगे कि ये बिल लागू नहीं किया जाए.
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डॉ कपूर ने कहा कि जिस तरह से प्रशासन ने लाठीचार्ज कर चिकित्सकों को घायल किया. उसके बाद सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक भी उनके समर्थन में आ चुके हैं. साथ ही फैसला लिया गया है कि निजी अस्पताल किसी भी सरकारी योजना को लागू नहीं करेंगे और जब तक सरकार इस बिल को वापस नहीं ले लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. राइट टू हेल्थ बिल को लेकर मेडिकल टीचर्स की जनरल बॉडी मीटिंग में रणनीति तय करते हुए आंदोलन को लेकर आगामी फैसला लिया जाएगा.