जयपुर. सरकार की ओर लाए गए राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2022 को लेकर अब संविदाकर्मियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा के बैनर तले सोमवार को दिन में संविदाकर्मी राजधानी जयपुर में 22 गोदाम पुलिया के पास जुटे और अपनी मांगों को लेकर धरना दिया. कई संविदाकर्मी अपनी मांग पूरी होने तक धरने पर बैठने का एलान कर रात को भी 22 गोदाम पुलिया के पास डटे रहे.
लेकिन सोमवार को देर रात पुलिस ने उन्हें जबरन वहां से हटा दिया. धरना दे रहे संविदाकर्मियों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें जबरन धरना स्थल से खदेड़ा और बल प्रयोग भी किया. बताया जा रहा है कि संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौधरी और प्रवक्ता रामजीत पटेल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और इसके बाद धरने पर बैठे संविदाकर्मियों को वहां से खदेड़ दिया.
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप : दिन में धरने को संबोधित करते हुए मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौधरी और अन्य वक्ताओं ने सरकार पर संविदाकर्मियों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उनका कहना है कि चुनाव में कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने पर संविदाकर्मियों को स्थायी किया जाएगा. लेकिन साढ़े चार साल बाद भी उन्हें नियमित नहीं किया गया है.
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मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग पर अड़े : संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि उनके साथ वादाखिलाफी की गई है. संविदा से राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-22 में शामिल करना एक संविदा से दूसरी संविदा में शामिल करने जैसा है. धरना दे रहे संविदाकर्मी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की मांग पर अड़ गए और मुलाकात होने तक धरने पर बैठने का एलान किया. लेकिन रात को पुलिस ने उन्हें जबरन धरना स्थल से हटा दिया.