जयपुर. सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षाकर्मियों और पैराटीचर्स के पदनाम बदले गए (Shikshakarmi Post name changed to Shiksha Sahayak) हैं. साथ ही ग्राम पंचायत सहायकों के पदनाम में भी परिवर्तन किया गया है. अब शिक्षाकर्मी शिक्षा सहायक, पैराटीचर्स पाठशाला सहायक और ग्राम पंचायत सहायक विद्यालय सहायक कहलाएंगे. पदनाम बदलने के साथ ही उनके मानदेय भी तय किए गए हैं. इस संबंध में स्कूल शिक्षा, भाषा एवं पुस्तकालय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने शुक्रवार को आदेश जारी किए हैं.
प्रदेश में 23749 ग्राम पंचायत सहायक, 26 वरिष्ठतम शिक्षाकर्मी, 1764 वरिष्ठ शिक्षाकर्मी, 2048 सामान्य शिक्षाकर्मी और 3 हजार 886 पैराटीचर्स हैं. इनके पदनाम बदलने के साथ ही मानदेय भी तय किए गए हैं. विभागीय आदेश में कहा गया है कि जिन संविदाकार्मिकाें का पूर्व का मानदेय संरक्षित किया गया है, उन कार्मिकों को 9 और 18 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर यदि प्राप्त मानदेय निर्धारित मानदेय से ज्यादा मिलता है, तो ऐसे कार्मिकों को उन्हें प्राप्त मानदेय में दो वार्षिक वृद्धियां जोड़ कर मानदेय निर्धारित किया जाएगा. इसके अलावा कार्मिकों को सेवा अवधि पूर्ण करने पर उच्चतर मानदेय और संशोधित पदनाम होगा.
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पूर्व नाम | परिवर्तित पदनाम | निर्धारित मानदेय |
शिक्षाकर्मी | शिक्षा सहायक | 10400 |
पैराटीचर्स | पाठशाला सहायक | 10400 |
ग्राम पंचायत सहायक | विद्यालय सहायक | 10400 |
संविदा अवधि पूर्ण करने पर बदलेगा पदनाम: शिक्षा सहायकों, पाठशाला सहायकों और विद्यालय सहायकों की संविदा अवधि पूर्ण करने पर उनका पदनाम भी बदला जाएगा. संविदा सेवा अवधि भी तय की गई है. शिक्षा सहायक के 9 वर्ष पूर्ण करने पर ग्रेड सैकंड और 18500 का मानदेय मिलेगा. 18 वर्ष की सेवा पूरी करने पर ग्रेड प्रथम मिलेगा और मानदेय 32300 रुपए किया जाएगा. इसी तरह पाठशाला सहायक के 9 वर्ष की सेवा करने पर ग्रेड सैकंड और मानदेय 18500 रुपए मिलेगा. जबकि 18 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर ग्रेड प्रथम मिलेगा और मानदेय 32300 रुपए दिया जाएगा. साथ ही विद्यालय सहायक की 18 वर्ष की सेवा पूरी होने पर ग्रेड प्रथम और मानदेय 32300 और 9 वर्ष की सेवा पूरी होने पर ग्रेड सैकंड और 18500 रुपए का मानदेय दिया जाएगा.
हालांकि अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग की ओर से संविदा सेवा नियम 2022 के तहत 18 वर्ष तक संविदा पर कर्मचारियों को रखने और संविदा कर्मचारियों की 10-10 वर्ष की पूर्व संविदा सेवा काल को इन नियमों के तहत निर्धारित 9 और 18 वर्ष के पदनाम और वेतन के लिए शामिल नहीं करने के चलते इस पर पुनर्विचार की मांग की है.