जयपुर. गहलोत सरकार ने एक लाख से अधिक संविदा कर्मचारियों को दीपावली पर बड़ा तोहफा दिया था. प्रदेश सरकार ने संविदा कर्मचारियों के लिए नए संविदा नियम लागू किए हैं. लेकिन संविदा कर्मचारियों को सरकार का नया संविदा रूल्स पसंद नहीं आया. जिसके कारण पंचायत सहायकों, पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों ने प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों पर सोमवार को विरोध-प्रदर्शन (Contract workers Protest in Rajasthan) किया.
ये है नाराजगी : पंचायत सहायक संघ के आह्वान पर 33 जिला मुख्यालयों पर पंचायत सहायकों, पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों ने सरकार की ओर से संविदाकर्मियों के एडॉप्शन के लिए जारी किए सेवा नियमों को लेकर प्रदर्शन किया. संघ के मीडिया प्रभारी पूरण सिंह काबावत आकोली ने बताया कि जब सरकार ने सेवा नियम जारी किए, तब लगा था कि सेवा नियम संविदा कर्मियों के हित में हैं, लेकिन नियमों का विस्तृत रूप से अध्ययन करने के बाद पता लगा कि सरकार ने हमारे साथ बड़ा छलावा किया है.
उन्होंने बताया कि बीकानेर शिक्षा विभाग ने न्यूनतम वेतन 21,000 हजार रुपये का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन सरकार ने नहीं माना और पंचायत सहायकों, शिक्षाकर्मियों पैराटीचर्स आदि के अनुभव को नहीं मानते हुए वापस जीरो से शुरूआत की, जो बड़ा धोखा है.
उन्होंने कहा कि हमारी भर्ती स्कूल कि एसएमसी कमेटी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) की ओर से व्यवस्थित भर्ती हुई, तो फिर एडॉप्शन कि क्या जरूरत. सरकार को हमें सीधे नियमित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो सेवा नियम बनाए थे उसमें 9,18 का फॉर्मूला नहीं था. जो व्यक्ति 12 से 16 सालों से सेवाएं दे रहा है उसे 9 साल तक 10,400 हजार रुपये में सेवाएं देनी होंगी. यह कहां तक उचित है.
उन्होंने कहा कि इससे कर्मचारी तो सड़-सड़ कर मर जाएगा. इससे तो अच्छा है कि सरकार जहर दे दे. सरकार ने नियमितीकरण का वादा किया था. हमें सरकार की ओर से एडॉप्शन नियम नहीं चाहिए और हमें सरकार नियमित करे. जिला अध्यक्ष अमरदास वैष्णव ने कहा कि सरकार समय रहते सीधे नियमितीकरण करे, अन्यथा महाआंदोलन किया जाएगा.
दो दिन पहले सरकार ने की थी घोषणा : बता दें कि दीपावली से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी थी. प्रदेश सरकार की ओर से करीब 1 लाख से ज्यादा संविदाकर्मियों को संविदा रूल्स के दायरे में लाया गया था. जिसके तहत पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स को लाभ दिया गया. रूल्स के तहत तीनों को शुरुआत में 10,400 रुपए का वेतन मिलेगा. जिन संविदा कर्मचारियों को अभी 10,400 से ज्यादा मिलते हैं, उनका वेतन पहले की तरह मिलता रहेगा. 9 साल की सर्विस पूरी करने पर 18 हजार 500 और 18 साल की सर्विस पूरी करने पर 32 हजार 300 रुपए वेतन भुगतान होगा.