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मुख्यमंत्री गहलोत के किले में भाजपा ने लगाई बड़ी सेंध, सीएम के करीबी रामेश्वर दाधीच ने थामा भाजपा का दामन

Rajasthan assembly Election 2023, विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. गुरुवार को जोधपुर के पूर्व मेयर रामेश्वर दाधीच ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया.

Rajasthan assembly Election 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 9, 2023, 10:24 PM IST

Updated : Nov 10, 2023, 12:33 AM IST

जयपुर. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के किले में बड़ी सेंध लगाई है. 40 साल से सीएम गहलोत के करीबी व जोधपुर के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने गुरुवार को भाजपा का दामन थाम लिया. प्रदेश भाजपा चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेश सह-प्रभारी विजया राहटकर, सांसद राजेंद्र गहलोत और चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया की मौजूदगी में कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के लोगों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. रामेश्वर दाधीच ने सूरसागर विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, लेकिन उन्होंने नामांकन वापस ले लिया.

भाजपा के हुए सीएम गहलोत के हमशक्ल : रामेश्वर दाधीच को देखने पर कई बार लोग भ्रमित भी हो जाते हैं, क्योंकि रामेश्वर दाधीच की शक्ल काफी हद तक सीएम अशोक गहलोत से मिलती है. खास बात यह है कि रामेश्वर दाधीच अशोक गहलोत के करीबी माने जाते थे और पिछले 40 साल से सीएम गहलोत और रामेश्वर के काफी अच्छे रिश्ते रहे हैं. वहीं, कांग्रेस से उन्हें टिकट न मिलने से वो नाराज चल रहे थे और आखिरकार बागी होकर उन्होंने बतौर निर्दलीय सूरसागर सीट से अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था. इसके बाद गुरुवार को उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए.

इसे भी पढ़ें - राजाखेड़ा में दो दर्जन से अधिक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने थामा भाजपा का दामन

दाधीच के नामांकन से सबसे अधिक भाजपा परेशान थी. ऐसा माना जा रहा था कि भाजपा के ब्राह्मण नेताओं के दबाव के चलते ही रामेश्वर दाधीच ने अपना नामांकन वापस लिया है, क्योंकि अगर रामेश्वर दाधीच सूरसागर से निर्दलीय चुनाव लड़ते तो इससे हिंदू वोट बंट सकते थे और इसका सीधा फायदा कांग्रेस प्रत्याशी शहजाद खान को होता. यही वजह है कि कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने दाधीच से नामांकन वापस लेने के लिए संपर्क तक नहीं किया, लेकिन भाजपा ने लगातार रामेश्वर दाधीच से संपर्क बनाए रखा और आखिरकार वो भाजपा में शामिल हो गए. बताया जा रहा है कि दाधीच के पार्टी में शामिल होने में सबसे बड़ी भूमिका केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की रही.

भाजपा का लगातार बढ़ रहा है कुनबाः केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवात ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा का कुनबा लगातार बढ़ रहा है. कांग्रेस सरकार की नीतियों और झूठे वादों से परेशान होकर कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता भाजपा का दामन थाम रहे हैं. इस कड़ी में जोधपुर नगर निगम के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच और दौसा के पूर्व जिला प्रमुख विनोद शर्मा अपने समर्थकों के साथ भाजपा परिवार में शामिल हुए. इस दौरान शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार की विफलताओं और प्रदेश में व्याप्त अराजकता को देखकर कहा जा सकता है कि कांग्रेस सरकार के जाने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, इनके साथ आने से हमें चुनावी वैतरणी पार करने में मदद मिलेगी . रामेश्वर दाधीच 80 के दशक से सेवादल में मुख्यमंत्री गहलोत के साथी रहे हैं, इन्होंने सीधे नगर निगम चुनावों में बडे़ अंतर से जीत दर्ज की थी.

पढ़ेंः पीएम मोदी का तीखा हमला, कहा- कांग्रेस आतंकियों के साथ साहनुभूति रखने वाली पार्टी, मानवता को किया शर्मसार

मोदी की निर्णय लेने की क्षमता से हुआ प्रभावितः भाजपा का दामन थामने के बाद जोधपुर के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निर्णय लेने की जो क्षमता है, उससे मैं बहुत लंबे समय से प्रभावित रहा हूं . राम जन्म भूमि का का मामला लंबित था, उसको गति देकर अच्छा काम किया. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि नरेंद्र मोदी अगर प्रधानमंत्री नहीं होते तो राम मंदिर नहीं बनता. उन्होंने कहा कि हमारे राजस्थान में कई तरह की समस्या हैं, उसके लिए हमें भाजपा को सपोर्ट करना चाहिए. वहीं, दौसा के पूर्व जिला प्रमुख विनोद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में सर्वांगीण विकास की विचारधारा रखते हैं, उनकी विचारधारा से मैं लंबे समय से प्रभावित हूं. कांग्रेस के लोग ओबीसी वर्ग की बात करते हैं, लेकिन उस दिशा में कोई काम नहीं करते हैं.

जयपुर. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के किले में बड़ी सेंध लगाई है. 40 साल से सीएम गहलोत के करीबी व जोधपुर के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने गुरुवार को भाजपा का दामन थाम लिया. प्रदेश भाजपा चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेश सह-प्रभारी विजया राहटकर, सांसद राजेंद्र गहलोत और चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया की मौजूदगी में कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के लोगों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. रामेश्वर दाधीच ने सूरसागर विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, लेकिन उन्होंने नामांकन वापस ले लिया.

भाजपा के हुए सीएम गहलोत के हमशक्ल : रामेश्वर दाधीच को देखने पर कई बार लोग भ्रमित भी हो जाते हैं, क्योंकि रामेश्वर दाधीच की शक्ल काफी हद तक सीएम अशोक गहलोत से मिलती है. खास बात यह है कि रामेश्वर दाधीच अशोक गहलोत के करीबी माने जाते थे और पिछले 40 साल से सीएम गहलोत और रामेश्वर के काफी अच्छे रिश्ते रहे हैं. वहीं, कांग्रेस से उन्हें टिकट न मिलने से वो नाराज चल रहे थे और आखिरकार बागी होकर उन्होंने बतौर निर्दलीय सूरसागर सीट से अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था. इसके बाद गुरुवार को उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए.

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दाधीच के नामांकन से सबसे अधिक भाजपा परेशान थी. ऐसा माना जा रहा था कि भाजपा के ब्राह्मण नेताओं के दबाव के चलते ही रामेश्वर दाधीच ने अपना नामांकन वापस लिया है, क्योंकि अगर रामेश्वर दाधीच सूरसागर से निर्दलीय चुनाव लड़ते तो इससे हिंदू वोट बंट सकते थे और इसका सीधा फायदा कांग्रेस प्रत्याशी शहजाद खान को होता. यही वजह है कि कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने दाधीच से नामांकन वापस लेने के लिए संपर्क तक नहीं किया, लेकिन भाजपा ने लगातार रामेश्वर दाधीच से संपर्क बनाए रखा और आखिरकार वो भाजपा में शामिल हो गए. बताया जा रहा है कि दाधीच के पार्टी में शामिल होने में सबसे बड़ी भूमिका केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की रही.

भाजपा का लगातार बढ़ रहा है कुनबाः केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवात ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा का कुनबा लगातार बढ़ रहा है. कांग्रेस सरकार की नीतियों और झूठे वादों से परेशान होकर कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता भाजपा का दामन थाम रहे हैं. इस कड़ी में जोधपुर नगर निगम के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच और दौसा के पूर्व जिला प्रमुख विनोद शर्मा अपने समर्थकों के साथ भाजपा परिवार में शामिल हुए. इस दौरान शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार की विफलताओं और प्रदेश में व्याप्त अराजकता को देखकर कहा जा सकता है कि कांग्रेस सरकार के जाने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, इनके साथ आने से हमें चुनावी वैतरणी पार करने में मदद मिलेगी . रामेश्वर दाधीच 80 के दशक से सेवादल में मुख्यमंत्री गहलोत के साथी रहे हैं, इन्होंने सीधे नगर निगम चुनावों में बडे़ अंतर से जीत दर्ज की थी.

पढ़ेंः पीएम मोदी का तीखा हमला, कहा- कांग्रेस आतंकियों के साथ साहनुभूति रखने वाली पार्टी, मानवता को किया शर्मसार

मोदी की निर्णय लेने की क्षमता से हुआ प्रभावितः भाजपा का दामन थामने के बाद जोधपुर के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निर्णय लेने की जो क्षमता है, उससे मैं बहुत लंबे समय से प्रभावित रहा हूं . राम जन्म भूमि का का मामला लंबित था, उसको गति देकर अच्छा काम किया. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि नरेंद्र मोदी अगर प्रधानमंत्री नहीं होते तो राम मंदिर नहीं बनता. उन्होंने कहा कि हमारे राजस्थान में कई तरह की समस्या हैं, उसके लिए हमें भाजपा को सपोर्ट करना चाहिए. वहीं, दौसा के पूर्व जिला प्रमुख विनोद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में सर्वांगीण विकास की विचारधारा रखते हैं, उनकी विचारधारा से मैं लंबे समय से प्रभावित हूं. कांग्रेस के लोग ओबीसी वर्ग की बात करते हैं, लेकिन उस दिशा में कोई काम नहीं करते हैं.

Last Updated : Nov 10, 2023, 12:33 AM IST
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