जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव का रण शुरू हो चुका है. दोनों ही पार्टियों ने प्रत्याशियों को 2 सूची जारी कर दी है. हालांकि, टिकट घोषित करने में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे है. भाजपा ने अब तक जारी की गई 2 सूचियों में 124 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. वहीं, दूसरी ओर सत्ताधारी दल कांग्रेस अपनी दोनों सूची में 76 सीटों पर ही प्रत्याशी उतार सकी है. कांग्रेस की सूची की बात की जाए तो अब तक आए 76 नाम में से 58 विधायक, मंत्री समेत साल 2018 में चुनाव लड़ चुके 65 कांग्रेस प्रत्याशियों के टिकट रिपीट किए गए हैं. मतलब साफ है कि कांग्रेस पार्टी 2018 के चेहरों के दम पर ही सत्ता में वापस आने का मानस बना रही है.
यहां देखें 43 सीटों की तस्वीर :
2018 में भी यही 15 चेहरे उतारे थे : जिन 43 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के चेहरे सामने आ चुके हैं, उनमें से 15 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां पर इन्हीं चेहरों पर भाजपा और कांग्रेस ने 2018 में भी दांव खेला था. भले ही अब चुनाव 2023 का क्यों न हो, लेकिन इन प्रत्याशियों के लिए यह चुनाव 2018 का ही रिपीटेशन होगा. पिछली बार इनमें से 11 सीट कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीती थी और चार सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. हालांकि, मंडावा की सीट पर मुख्य चुनाव में तो नरेंद्र कुमार चुनाव जीते थे, लेकिन उनके सांसद बनने के चलते हुए उपचुनाव में रीटा चौधरी मंडावा से चुनाव जीत गईं थीं.
साल 2018 में निर्दलीय, इस बार मिला पार्टी का साथ :
2013 में हुए आमने सामने : वर्ष 2013 में लक्ष्मणगढ़ से गोविंद डोटासरा और सुभाष महरिया आमने सामने हुए थे. इस बार भी कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी सुभाष महरिया के सामने गोविंद डोटासरा को उतारा है.