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लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने की लगातार तीन बैठक, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा

Congress preparation for Lok Sabha elections, लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस की गुरुवार को पीसीसी वॉर रूम में एक के बाद एक लगातार तीन बैठकें हुई. इसमें लोकसभा चुनाव के मुद्दों से लेकर प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया तक पर मंथन हुआ. बैठक में युवाओं के साथ ही वरिष्ठ नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने को लेकर सुझाव आए.

Congress preparation for Lok Sabha elections
Congress preparation for Lok Sabha elections
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 18, 2024, 7:43 PM IST

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा

जयपुर. लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने गुरुवार को पीसीसी वॉर रूम में एक के बाद एक लगातार तीन बैठकें की. इसमें लोकसभा चुनाव के मुद्दों से लेकर प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया तक पर मंथन हुआ. बैठक में युवाओं के साथ ही वरिष्ठ नेताओं को भी चुनाव लड़वाने का सुझाव आया. बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, ''प्रदेश इलेक्शन कमेटी, लोकसभा के पर्यवेक्षकों और को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई है. सभी लोगों ने अपने-अपने सुझाव दिए हैं. हमने एक कार्य योजना बनाई है कि किन मुद्दों के साथ हमें लोकसभा चुनाव में जाना है और कैसे तैयारी करनी है. हमारी स्क्रीनिंग कमेटी की चेयरपर्सन रजनी पाटिल और सदस्य भी आए थे और उन्होंने सबसे चर्चा की है.''

लोकसभा क्षेत्रों में जाएगी इलेक्शन कमेटी की टीम : उन्होंने कहा, ''हमारे प्रत्याशियों के चयन के लिए हम प्रदेश इलेक्शन कमेटी की एक टीम बनाकर भेजेंगे. यह टीम हर लोकसभा क्षेत्र में चर्चा करेगी और अपने सुझाव प्रदेश इलेक्शन कमेटी को देगी. लोकसभा चुनाव में देश के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं. दस साल की मोदी सरकार की विफलताएं हैं. उन्हें जनता तक पहुंचाएंगे. महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था का मुद्दा हो, वादे नहीं निभाने का मुद्दा हो. ये सभी मुद्दे हमारे सामने हैं.''

इसे भी पढ़ें - भजनलाल सरकार पर बरसे नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, कहा 6 महीने का क्यों 5 साल का कामकाज का करें रिव्यू

नरेंद्र मोदी को जनता ने 10 साल दिए : गोविंद डोटासरा ने कहा, ''लोगों में एक आक्रोश है कि पीएम नरेंद्र मोदी को दस साल दे दिए हैं, लेकिन उन्होंने दस साल में कोई काम नहीं किया है. राजस्थान में हमारी सरकार की जो अच्छी योजनाएं थी. उन्हें भी प्रदेश की भाजपा सरकार ने बंद किया है. उन पर काम नहीं हो रहा है. जिन मुद्दों पर केंद्र में पहली बार भाजपा ने 2014 में सरकार बनाई थी. उनमें से एक भी मुद्दा उन्होंने पूरा नहीं किया है. केवल धर्म और मुद्दों से भटकाने की राजनीती कर रहे हैं. इससे लोगों में आक्रोश है. राहुल गांधी की यात्रा से भी लोगों में सकारात्मक संदेश है.''

स्थानीय और जातिगत समीकरण भी देखेंगे : सीनियर लीडर को चुनाव लड़वाने के सुझाव से जुड़े सवाल पर डोटासरा ने कहा, ''सभी तरह के सुझाव आए हैं. युवा भी हो और सीनियर लीडर भी हो. सारे समीकरण हम देखेंगे. लोगों की भावनाओं का भी ध्यान रखा जाएगा. सभी से बात करके समन्वयक पैनल तैयार करेंगे, जिसे प्रदेश इलेक्शन कमेटी केंद्रीय चुनाव समिति को भेजेगी. हमारा प्रयास है कि जल्दी प्रत्याशियों का चयन हो.''

इसे भी पढ़ें - भजनलाल कैबिनेट के फैसले, पूर्ववर्ती सरकार के 6 महीने की फैसलों को होगी समीक्षा, RAS भर्ती परीक्षा तिथि को आगे बढ़ाने पर हुआ निर्णय

कैबिनेट के मुद्दे भी दिल्ली जाकर तय कर रहे सीएम : भजनलाल सरकार की गुरुवार को हुई पहली कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों पर डोटासरा ने कहा, ''हमारी सरकार एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दे रही थी. वो तो दे नहीं रहे हैं. राजीव गांधी युवा मित्रों को हटाया गया है. सभी काम सभी रोक दिए हैं. उन्हें शुरू नहीं किया जा रहा है. पर्ची सरकार चल रही है. हर बात पूछने के लिए सीएम को दिल्ली जाना पड़ता है. कल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इसलिए दिल्ली जाना पड़ा कि कैबिनेट बैठक में क्या चर्चा करनी है. जो हालत बने हुए हैं राजस्थान में. उससे प्रदेश के लोग निराश हैं.''

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा

जयपुर. लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने गुरुवार को पीसीसी वॉर रूम में एक के बाद एक लगातार तीन बैठकें की. इसमें लोकसभा चुनाव के मुद्दों से लेकर प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया तक पर मंथन हुआ. बैठक में युवाओं के साथ ही वरिष्ठ नेताओं को भी चुनाव लड़वाने का सुझाव आया. बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, ''प्रदेश इलेक्शन कमेटी, लोकसभा के पर्यवेक्षकों और को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई है. सभी लोगों ने अपने-अपने सुझाव दिए हैं. हमने एक कार्य योजना बनाई है कि किन मुद्दों के साथ हमें लोकसभा चुनाव में जाना है और कैसे तैयारी करनी है. हमारी स्क्रीनिंग कमेटी की चेयरपर्सन रजनी पाटिल और सदस्य भी आए थे और उन्होंने सबसे चर्चा की है.''

लोकसभा क्षेत्रों में जाएगी इलेक्शन कमेटी की टीम : उन्होंने कहा, ''हमारे प्रत्याशियों के चयन के लिए हम प्रदेश इलेक्शन कमेटी की एक टीम बनाकर भेजेंगे. यह टीम हर लोकसभा क्षेत्र में चर्चा करेगी और अपने सुझाव प्रदेश इलेक्शन कमेटी को देगी. लोकसभा चुनाव में देश के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं. दस साल की मोदी सरकार की विफलताएं हैं. उन्हें जनता तक पहुंचाएंगे. महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था का मुद्दा हो, वादे नहीं निभाने का मुद्दा हो. ये सभी मुद्दे हमारे सामने हैं.''

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नरेंद्र मोदी को जनता ने 10 साल दिए : गोविंद डोटासरा ने कहा, ''लोगों में एक आक्रोश है कि पीएम नरेंद्र मोदी को दस साल दे दिए हैं, लेकिन उन्होंने दस साल में कोई काम नहीं किया है. राजस्थान में हमारी सरकार की जो अच्छी योजनाएं थी. उन्हें भी प्रदेश की भाजपा सरकार ने बंद किया है. उन पर काम नहीं हो रहा है. जिन मुद्दों पर केंद्र में पहली बार भाजपा ने 2014 में सरकार बनाई थी. उनमें से एक भी मुद्दा उन्होंने पूरा नहीं किया है. केवल धर्म और मुद्दों से भटकाने की राजनीती कर रहे हैं. इससे लोगों में आक्रोश है. राहुल गांधी की यात्रा से भी लोगों में सकारात्मक संदेश है.''

स्थानीय और जातिगत समीकरण भी देखेंगे : सीनियर लीडर को चुनाव लड़वाने के सुझाव से जुड़े सवाल पर डोटासरा ने कहा, ''सभी तरह के सुझाव आए हैं. युवा भी हो और सीनियर लीडर भी हो. सारे समीकरण हम देखेंगे. लोगों की भावनाओं का भी ध्यान रखा जाएगा. सभी से बात करके समन्वयक पैनल तैयार करेंगे, जिसे प्रदेश इलेक्शन कमेटी केंद्रीय चुनाव समिति को भेजेगी. हमारा प्रयास है कि जल्दी प्रत्याशियों का चयन हो.''

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कैबिनेट के मुद्दे भी दिल्ली जाकर तय कर रहे सीएम : भजनलाल सरकार की गुरुवार को हुई पहली कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों पर डोटासरा ने कहा, ''हमारी सरकार एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दे रही थी. वो तो दे नहीं रहे हैं. राजीव गांधी युवा मित्रों को हटाया गया है. सभी काम सभी रोक दिए हैं. उन्हें शुरू नहीं किया जा रहा है. पर्ची सरकार चल रही है. हर बात पूछने के लिए सीएम को दिल्ली जाना पड़ता है. कल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इसलिए दिल्ली जाना पड़ा कि कैबिनेट बैठक में क्या चर्चा करनी है. जो हालत बने हुए हैं राजस्थान में. उससे प्रदेश के लोग निराश हैं.''

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