जयपुर. प्रदेश में भले ही गहलोत सरकार ने 2020 में सभी सरकारी और निजी स्कूलों में हर शनिवार को 'नो बैग डे' का नियम बना दिया हो, लेकिन आज भी इन नियमों की सख्ती से पालन नहीं हो रही है. नौनिहाल भारी भरकम बैग लादकर स्कूल जाने को मजबूर हैं. सरकार के निर्देशों की हो रही अवहेलना पर शुक्रवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग (RSCPCR) ने सख्ती दिखाई. आयोग की अध्यक्ष ने संज्ञान लेते हुए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख कर निर्देशित किया है वो प्रत्येक शनिवार को सरकारी और निजी स्कूलों में 'नो बैग डे' के नियमों की पालना सुनिश्चित करें.
पालना नहीं होने की मिली थीं शिकायतें: राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से विद्यालयों में 'नो बैग डे' की पालना नहीं होने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसे गंभीरता से लेते हुए सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख सख्ती से पालना के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि 2020 को राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा के दौरान समस्त सरकारी विद्यालयों में शनिवार को 'No Bag Day' रखे जाने और उस दिन अध्यापन कार्य नहीं किए जाने की घोषणा की गयी थी, लेकिन लगातार इसी संबंध में शिकायत मिलने पर बाल आयोग की और से पत्र जारी कर अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
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ये लिखा पत्र: आयोग ने अधिनियम, 2005 की धारा 17 के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए पत्र जारी किया. मुख्य शिक्षा अधिकारियों को लिखे इस पत्र में कहा गया कि मुख्यमंत्री की ओर से 20 फरवरी, 2020 को राज्य में बजट भाषण के दौरान शिक्षा विभाग से सम्बन्धित घोषणाओं (बिन्दु संख्या-97) के अन्तर्गत सभी सरकारी विद्यालयों में शनिवार के दिन 'No Bag Day' रखे जाने और उस दिन कोई अध्यापन कार्य नहीं किए जाने बाबत निर्णय की घोषणा की गई थी.
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पत्र में आगे निर्देशित किया गया कि सत्र 2022-23 में प्रत्येक सप्ताह में शनिवार को सभी विद्यालयों में 'बस्ता मुक्त दिवस' मनाये जाने और प्रत्येक शनिवार को कक्षा स्तर के अनुसार विभिन्न थीम आधारित गतिविधियों के आयोजन के लिए आपको निर्देशित किया गया है. आयोग के संज्ञान में आया है कि राज्य के निजी विद्यालयों द्वारा 'No Bag Day' की पूर्णतया पालना नहीं की जा रही है. ऐसे में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य के सभी निजी और राजकीय विद्यालयों में 'No Bag Day की पूर्णतया पालना सुनिश्चित हो.