जयपुर. जमवारामगढ़ बांध में पानी लाने और अतिक्रमण हटाने को लेकर किए गए राजनीतिक आंदोलन के मंच से अधिकारियों को संवाद करना और राजनेताओं के प्रश्नों पर टिप्पणी करना महंगा पड़ गया है. राजनीतिक प्रकृति के आंदोलन में मंच पर अधिकारियों की ओर से किए गए संवाद को जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने अनुशासनहीनता माना और जमवारामगढ़ के उपखंड अधिकारी विश्वामित्र मीणा और जयपुर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त लोकेश गौतम को मंगलवार को नोटिस जारी किया.
कलेक्टर जगरुप सिंह यादव ने बताया कि 21 अक्टूबर को जमवारामगढ़ में रामगढ़ बाद में चंबल और यमुना नदी का पानी लाने और क्षेत्र में बने प्रभावी लोगों के तथाकथित अतिक्रमण हटाने के लिए किए जा रहे राजनीतिक आंदोलन में मंच के माध्यम से संवाद करने और राजनेताओं के प्रश्नों पर टिप्पणी को गंभीरता से लिया और दोनों को नोटिस जारी किया है.
कलेक्टर यादव ने कहा कि किसानों का नेतृत्व राज्यसभा के सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने किया था. इसमें कई सांसद और विधायक भी उपस्थित रहे. जहां उपखंड अधिकारी विश्वामित्र मीणा और जेडीए उपयुक्त लोकेश गौतम को डॉ. किरोडी लाल मीणा ने मंच पर बुलाया और दोनों अधिकारियों ने उनके पूछे गए प्रश्नों का मंच पर उपस्थित होकर माइक के जरिए जवाब दिया और संवाद किया.
कलेक्टर यादव ने कहा कि इन दोनों अधिकारियों को ज्ञापन ही प्राप्त करना था. अधिकारियों का यह कृत्य राजस्थान सेवा नियमों के विपरीत है और अनुशासनहीनता का परिचायक है. इसलिए इन दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिन में अपना जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं.