जयपुर. प्रदेश में भूमाफिया को लेकर अक्सर विपक्ष के निशाने पर एक गहलोत सरकार अब अवैध खनन को लेकर सख्त हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों वह माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने (Committee formed for land mafia) के लिए कमेटी गठित करके निर्देश थे. सीएम गहलोत के निर्देश के बाद सोमवार को प्रशासनिक सुधार विभाग में भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई का सुझाव देने के लिए गृह विभाग प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया है. इस कमेटी की पहली बैठक 15 दिसंबर को होगी.
ये जारी हुए आदेश: प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि राज्य भर में, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में अनाधिकृत भूमियों पर निर्माण सहकारी समितियों की ओर से एक ही भूमि को अनधिकृत रूप से बार-बार कई व्यक्तियों का बेचान करना और भूमि से संबंधित अन्य अनियमितताओं के प्रकरण सामने आते रहे हैं. जिसके कारण अपराधा की संख्या में वृद्धि हो रही है और आमजन को भी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जो कि कानून-व्यवस्था की दृष्टि से भी चिंता का विषय है. ऐसे में भूमाफिया के खिकाफ कार्रवाई करने और समस्याओं के दीर्घकालीन समाधान के साथ अपराध नियंत्रण को देखते हुए सुझाव देने के लिए नियमानुसार समिति का गठन किया. अब इस कमेटी की पहली बैठक 15 दिसंबर को सचिवालय में होगी.
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ये हैं कमेटी में : कमेटी प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में गठित की गई है. इसमें प्रमुख सचिव यूडीएच, एडीजी क्राइम, जयपुर पुलिस कमिश्नर, एलएसजी सचिव, रजिस्ट्रार कोपरेटिव और प्रमुख सचिव राजस्व, सदस्य सचिव प्रथम गृह विभाग को कमेटी में सदस्य सचिव बनाया गया है. कमेटी दो महीने में रिपोर्ट में सरकार को सुझाव देगी. कमेटी का प्रशासनिक विभाग गृह ग्रुप-5 को बनाया गया है. कमेटी शहरी क्षेत्रों में भूमि पर अवैध कब्जे, दोहरे पट्टे, अन्य भू मामले की समस्या पर सुझाव देगी.
सीएम ने 8 दिसंबर को दिए थे निर्देश : बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 8 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में फर्जी पट्टों पर जमीन बेचने के मामले में गंभीरता दिखाते हुए कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे. सीएम गहलोत ने कहा था कि प्रदेश में जयपुर और अन्य शहरों में जमीनों के क्रय-विक्रय से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों में काफी वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है. इस तरह के प्रकरणों की प्रभावी रोकथाम के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाए, जो दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.
इस समिति में जयपुर विकास प्राधिकरण, नगरीय विकास विभाग, सहकारिता विभाग और पुलिस के उच्चाधिकारी सम्मिलित करने के निर्देश डियव थे. यह समिति भूमाफिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अपने सुझाव देगी, ताकि आमजन को जमीन की खरीद-फरोख्त के दौरान ठगी से बचाया जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि बजरी और शराब माफिया के खिलाफ चल रहे अभियान को भी और गति दी जाएगी.