जयपुर. राज्य निर्वाचन आयोग ने 26 नवंबर को होने वाले अध्यक्ष पद के चुनाव कार्यक्रम और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी और सचिव श्याम सिंह राज पुरोहित ने बताया कि कार्यक्रम के अनुसार रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष नगर पालिका कार्यालय में अध्यक्ष पद के लिए नाम निर्देशन पत्र 20 से 21 नवंबर सुबह साढ़े 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक प्रस्तुत किए जा सकेंगे. साथ ही नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 22 नवंबर को की जाएगी. वहीं अभ्यर्थिता 23 नवंबर को दोपहर 3 बजे तक नाम वापस ले सकेंगे.
अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 26 नवंबर को
जानकारी के अनुसार नाम वापसी के बाद ही चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे. यह समस्त कार्य भी नगर पालिका में ही रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से सम्पन्न कराए जाएंगे. साथ ही 26 नवंबर को सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नगर पालिका में होंगे. वहीं मतदान समाप्ति के तुरंत बाद मतगणना करवाई जाएगी.
राज पुरोहित ने बताया कि संशोधित राजस्थान नगर पालिका (निर्वाचन) नियम, 1994 के अनुसार अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए, नगर पालिका सदस्य के लिए निर्धारित योग्यता होना आवश्यक है और निर्योग्य नहीं होना चाहिए. उन्होंने बताया कि कोई निर्वाचित सदस्य भी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने और उसका पद धारण करने का पात्र होगा.
कौन होगा पद धारण करने के योग्य
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अध्यक्ष पद के अभ्यर्थी का नाम निर्देशन पत्र किसी निर्वाचित सदस्य की ओर से प्रस्तावक के रूप में सम्यक रूप से हस्ताक्षरित होना आवश्यक है. साथ ही उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति जो संसद या राज्य विधानसभा का सदस्य है या वह किसी पंचायती राज संस्था का अध्यक्ष या सदस्य हैस, तो वह अध्यक्ष के रूप में चुने जाने और उसका पद धारण करने का पात्र नहीं होगा.
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अधिकारी ने बताया कि अध्यक्ष का पद जिस जाति और वर्ग (यथा अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिला, जाति, जनजाति या पिछड़ा वर्ग महिला) के लिए आरक्षित है, उसी जाति और वर्ग का अभ्यर्थी ही अध्यक्ष के रूप में चुने जाने या उसका पद धारण करने के योग्य होगा. इसके लिए अभ्यर्थी को नाम निर्देशन पत्र के साथ राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी की ओर से जारी जाति प्रमाण पत्र की प्रति संलग्न करना आवश्यक होगा.
अभ्यर्थी मतदान और मतगणना की प्रक्रिया देख सकते है
राज पुरोहित ने बताया कि मतदान निर्वाचित सदस्यों की ओर से ही किया जाना है, किन्तु चुनाव लड़ने वाला प्रत्येक अभ्यर्थी मतदान और मतगणना की प्रक्रिया देखने के लिए उपस्थित रह सकता है, चाहे वह निर्वाचित सदस्य हो या नहीं. पुरोहित ने बताया कि दोष सिद्धि और विचाराधीन आपराधिक मुकदमों, संतानों की सूचना, घर में कार्यशील स्वच्छ शौचालय और खुले में शौच नहीं जाने के संबंध में निर्धारित घोषणा पत्र या अंडरटेकिंग 50 रुपए के नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र और सांख्यिकी सूचना के लिए फॉर्म भरकर प्रस्तुत करना आवश्यक होगा.
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जरूरी दस्तावेजों के अभाव में नामांकन हो सकता है खारिज
साथ ही उन्होंने बताया कि किसी अभ्यर्थी की ओर से नाम निर्देशन पत्र के साथ उक्त दस्तावेजों (सांख्किी सूचना के कार्य को छोड़कर) संलग्न नहीं किए जाने की स्थिति में उक्त उप बिन्दुओं में वर्णित आयोग के पत्रों में अंकित निर्देशों के अनुसार रिटर्निंग अधिकारी द्वारा कमी की पूर्ति के लिए मीमो जारी किया जाएगा. निर्धारित समयावधि के पश्चात भी अभ्यर्थी की ओर से कमी की पूर्ति नहीं की जाती है तो संबंधित रिटर्निंग अधिकारी की ओर से उसका नाम निर्देशन अस्वीकार किया जा सकेगा.
किस वर्ग को कितनी राशी जमा करनी होंगी
राजपुरोहित ने बताया कि महापौर पद के निर्वाचन में सामान्य वर्ग के लिए 30 हजार और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला उम्मीदवार के लिए 15 हजार रुपए अमानत राशि जमा करानी होगी. इसी तरह सभापति पद निर्वाचन में सामान्य वर्ग के लिए 20 हजार और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाव उम्मीदवार के लिए 10 हजार रुपए अमानत राशि जमा करानी होगी.
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अध्यक्ष पद निर्वाचन में सामान्य वर्ग के लिए 10 हजार और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं महिला उम्मीदवार के लिए 5 हजार रुपए अमानत राशि जमा करानी होगी और इसकी रसीद नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत करनी होगी. साथ ही उन्होंने बताया कि आयोग निर्देशों और राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए नियमों में किसी प्रकार की विसंगति पाई जाती है तो नियमों में विद्यमान उपबंधों को ही अंतिम माना जाएगा.