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गहलोत का पीएम मोदी पर तंज, कहा- विश्व गुरु बनने की बात करते हैं, पहले घर सम्भालें...लोग भूखे मर रहे हैं

भारत के विश्व गुरु बनने की दौड़ के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. सीएम गहलोत ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने की बात करते हैं, लेकिन हमारे देश में लोग भूखे मर रहे हैं, भुखमरी है.

CM Gehlot takes a jib at PM Modi, says India need social security act before becoming world leader
गहलोत का पीएम मोदी पर तंजः कहा विश्व गुरु बनने की बात करते हैं पहले घर सम्भालों, लोग भूखे मर रहे हैं
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Published : Jul 3, 2023, 4:47 PM IST

Updated : Jul 3, 2023, 6:24 PM IST

सीएम गहलोत ने भारत को विश्व गुरु बनाने को लेकर कसा तंज

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को राज्य स्तरीय पालनहार लाभार्थी संवाद कार्यक्रम में लाभार्थियों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर की. सीएम आवास पर हुए इस कार्यक्रम में सीएम गहलोत पैर में प्लास्टर होने के बावजूद भी शामिल हुए. इस दौरान सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया. गहलोत ने कहा कि वो कहते हैं हम विश्व गुरु बनेंगे, लेकिन हमारे देश में लोग भूखे मर रहे हैं, भुखमरी है. देश की जनता को पहले रोटी, कपड़ा, मकान की जरूरत है. उसके लिए सोशल सिक्योरिटी एक्ट बने, उसके बाद विश्व गुरु बनने की बात करें.

देश में भुखमरीः सीएम गहलोत ने एक बार फिर देश में सोशल सिक्योरिटी कानून बनाने की मांग करते हुए कहा कि हम विश्व गुरु बनने की बात करते हैं, लेकिन विश्व गुरु तब बनोगे, जब आपका घर संपन्न होगा. विश्व गुरु की बात करने वालों को पहले अपने घर को संभालना चाहिए. हमारे तो घर में लोग भूखे मर रहे हैं, भुखमरी है. रहने को मकान नहीं है और विश्व गुरु बनने की बात कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि देश की आवाम की पहली आवश्यकता और जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान है. पहले वह पूरी करो, उसके बाद हम विश्व गुरु बनने की बात करें. यह सब तब पूरा होगा जब देश में राइट टू सोशल एक्ट लागू होगा. सामाजिक सुरक्षा आज देश की सबसे बड़ी जरूरत है.

पढ़ें: सीएम अशोक गहलोत ने पूरी की कैंसर पीड़ित बच्चे की ख्वाहिश, पहुंचे जेके लोन अस्पताल

मैं अच्छे काम को पकड़ लेता हूंः सीएम गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की ओर से शुरू की गई पालनहार योजना की तारीफ करते हुए कहा कि कई जरूरतमंद बच्चे हैं उनके भविष्य को सुधारने की जरूरत है. बच्चों का भविष्य क्या होगा. उन बच्चों के लिए यह पालनहार योजना शुरू हुई थी और यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के वक्त में शुरू हुई थी.’ योजना शुरू होने के बाद इसमें कुछ खास ध्यान नहीं दिया और न कोई पैसा नहीं बढ़ाया, सिर्फ एक बार लागू करके भूल गए, लेकिन मैंने उसको पकड़ लिया, क्योंकि मैं अच्छे काम को पकड़ लेता हूं.

पढ़ें: सीएम गहलोत ने बटन दबाकर 14 लाख उपभोक्ताओं के बैंक खाते में हस्तांतरित की सब्सिडी, 76 लाख परिवार होंगे लाभान्वित

गहलोत ने कहा कि मैं लगातार कहता रहा हूं कि सरकारें बदलती हैं, लेकिन योजना नहीं बदलनी चाहिए जो, अच्छी स्कीम हो उसको लगातार आगे बढ़ाना चाहिए. ये सरकार की जिम्मेदारी होती है. हमारी सरकार जब बदलती है, तो वसुंधरा राजे हमारी स्कीम को बंद कर देती हैं जो नहीं करना चाहिए. फिर चाहे वह मेट्रो हो, रिफाइनरी हो या बद्रीनाथ केदारनाथ में जो लोग मर गए थे उनके परिवार को नौकरी देने की बात थी. इन सब को पूर्ववर्ती सरकार ने बंद कर दिया. सीएम गहलोत ने कहा कि यह बीजेपी की नेगेटिव अप्रोच है. हमारी सरकार बनती है तो उनकी कोई योजना बंद नहीं करते और मैं इस बात को नाम लेकर कह रहा हूं कि पालनहार योजना उनकी सरकार की योजना है और हम इस योजना को और मजबूत कर रहे हैं.

पढ़ें: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैर में आई चोट, चिकित्सकों ने 7 दिन के बेड रेस्ट की दी सलाह

अंतिम सांस तक सेवा करूंगाः कांग्रेस में चल रहे घटनाक्रम के बीच गहलोत ने लाभार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम के बीच कहा कि मेरी भावना अंतिम सांस तक प्रदेशवासियों की सेवा करने की है, चाहे मैं किसी पद पर रहूं, कहीं रहूं, प्रदेशवासियों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा. गहलोत ने कहा कि मेरे एक बार निमोनिया हो गया, अब दोनों पैरों में फैक्चर हो गया. भगवान ने सोचा की ये दो महीने से लगातार भाग रहा है, दौरे कर रहा है, इसलिए इसको आराम देते हैं. लेकिन मैं काम करने में रुकने वाला नहीं हूं. इसके बाद सीएम गहलोत ने शायरी बोली ’न पूछो मेरी मंजिल कहां हैं, अभी तो सफर का इरादा किया है, ना हारूंगा हौंसला उम्रभर ये मैंने किसी और से नहीं खुद से वादा किया है’.

88 करोड़ रुपए की धनराशि ट्रांसफर: गहलोत ने पालनहार योजना के तहत प्रदेश के 5 लाख 91 हजार से अधिक लाभार्थियों के बैंक खाते में 87 करोड़ 36 लाख 56 हजार 750 रुपये ट्रांसफर किये. इस योजना में 0 से 6 वर्ष के उम्र के बच्चों के लिए 500 रुपए दिए जाते थे, लेकिन अब 500 रुपए के स्थान पर अब 750 रुपए दिए जाएंगे, जबकि 6 से 18 वर्ष आयु के बच्चों के लिए हजार रुपए की जगह 1500 रुपए प्रतिमाह की राशि दी जाएगी. जुलाई 2023 से इसकी राशि में बढ़ोतरी की गई है. इस योजना के तहत बच्चों के पालन-पोषण करने वाले व्यक्ति को बच्चों की शिक्षा खाने-पीने और कपड़ों की व्यवस्था के लिए यह आर्थिक सहायता दी गई है. वहीं इस योजना के तहत कपड़े, स्वेटर और जूतों के लिए हर साल 2000 रुपए अतिरिक्त दिए जाते हैं. इसके लिए बच्चों का आंगनबाड़ी या विद्यालय जाना जरूरी है. इस योजना पर गहलोत सरकार अब तक ढाई हजार करोड़ से ज्यादा खर्च कर चुकी है.

सीएम गहलोत ने भारत को विश्व गुरु बनाने को लेकर कसा तंज

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को राज्य स्तरीय पालनहार लाभार्थी संवाद कार्यक्रम में लाभार्थियों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर की. सीएम आवास पर हुए इस कार्यक्रम में सीएम गहलोत पैर में प्लास्टर होने के बावजूद भी शामिल हुए. इस दौरान सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया. गहलोत ने कहा कि वो कहते हैं हम विश्व गुरु बनेंगे, लेकिन हमारे देश में लोग भूखे मर रहे हैं, भुखमरी है. देश की जनता को पहले रोटी, कपड़ा, मकान की जरूरत है. उसके लिए सोशल सिक्योरिटी एक्ट बने, उसके बाद विश्व गुरु बनने की बात करें.

देश में भुखमरीः सीएम गहलोत ने एक बार फिर देश में सोशल सिक्योरिटी कानून बनाने की मांग करते हुए कहा कि हम विश्व गुरु बनने की बात करते हैं, लेकिन विश्व गुरु तब बनोगे, जब आपका घर संपन्न होगा. विश्व गुरु की बात करने वालों को पहले अपने घर को संभालना चाहिए. हमारे तो घर में लोग भूखे मर रहे हैं, भुखमरी है. रहने को मकान नहीं है और विश्व गुरु बनने की बात कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि देश की आवाम की पहली आवश्यकता और जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान है. पहले वह पूरी करो, उसके बाद हम विश्व गुरु बनने की बात करें. यह सब तब पूरा होगा जब देश में राइट टू सोशल एक्ट लागू होगा. सामाजिक सुरक्षा आज देश की सबसे बड़ी जरूरत है.

पढ़ें: सीएम अशोक गहलोत ने पूरी की कैंसर पीड़ित बच्चे की ख्वाहिश, पहुंचे जेके लोन अस्पताल

मैं अच्छे काम को पकड़ लेता हूंः सीएम गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की ओर से शुरू की गई पालनहार योजना की तारीफ करते हुए कहा कि कई जरूरतमंद बच्चे हैं उनके भविष्य को सुधारने की जरूरत है. बच्चों का भविष्य क्या होगा. उन बच्चों के लिए यह पालनहार योजना शुरू हुई थी और यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के वक्त में शुरू हुई थी.’ योजना शुरू होने के बाद इसमें कुछ खास ध्यान नहीं दिया और न कोई पैसा नहीं बढ़ाया, सिर्फ एक बार लागू करके भूल गए, लेकिन मैंने उसको पकड़ लिया, क्योंकि मैं अच्छे काम को पकड़ लेता हूं.

पढ़ें: सीएम गहलोत ने बटन दबाकर 14 लाख उपभोक्ताओं के बैंक खाते में हस्तांतरित की सब्सिडी, 76 लाख परिवार होंगे लाभान्वित

गहलोत ने कहा कि मैं लगातार कहता रहा हूं कि सरकारें बदलती हैं, लेकिन योजना नहीं बदलनी चाहिए जो, अच्छी स्कीम हो उसको लगातार आगे बढ़ाना चाहिए. ये सरकार की जिम्मेदारी होती है. हमारी सरकार जब बदलती है, तो वसुंधरा राजे हमारी स्कीम को बंद कर देती हैं जो नहीं करना चाहिए. फिर चाहे वह मेट्रो हो, रिफाइनरी हो या बद्रीनाथ केदारनाथ में जो लोग मर गए थे उनके परिवार को नौकरी देने की बात थी. इन सब को पूर्ववर्ती सरकार ने बंद कर दिया. सीएम गहलोत ने कहा कि यह बीजेपी की नेगेटिव अप्रोच है. हमारी सरकार बनती है तो उनकी कोई योजना बंद नहीं करते और मैं इस बात को नाम लेकर कह रहा हूं कि पालनहार योजना उनकी सरकार की योजना है और हम इस योजना को और मजबूत कर रहे हैं.

पढ़ें: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैर में आई चोट, चिकित्सकों ने 7 दिन के बेड रेस्ट की दी सलाह

अंतिम सांस तक सेवा करूंगाः कांग्रेस में चल रहे घटनाक्रम के बीच गहलोत ने लाभार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम के बीच कहा कि मेरी भावना अंतिम सांस तक प्रदेशवासियों की सेवा करने की है, चाहे मैं किसी पद पर रहूं, कहीं रहूं, प्रदेशवासियों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा. गहलोत ने कहा कि मेरे एक बार निमोनिया हो गया, अब दोनों पैरों में फैक्चर हो गया. भगवान ने सोचा की ये दो महीने से लगातार भाग रहा है, दौरे कर रहा है, इसलिए इसको आराम देते हैं. लेकिन मैं काम करने में रुकने वाला नहीं हूं. इसके बाद सीएम गहलोत ने शायरी बोली ’न पूछो मेरी मंजिल कहां हैं, अभी तो सफर का इरादा किया है, ना हारूंगा हौंसला उम्रभर ये मैंने किसी और से नहीं खुद से वादा किया है’.

88 करोड़ रुपए की धनराशि ट्रांसफर: गहलोत ने पालनहार योजना के तहत प्रदेश के 5 लाख 91 हजार से अधिक लाभार्थियों के बैंक खाते में 87 करोड़ 36 लाख 56 हजार 750 रुपये ट्रांसफर किये. इस योजना में 0 से 6 वर्ष के उम्र के बच्चों के लिए 500 रुपए दिए जाते थे, लेकिन अब 500 रुपए के स्थान पर अब 750 रुपए दिए जाएंगे, जबकि 6 से 18 वर्ष आयु के बच्चों के लिए हजार रुपए की जगह 1500 रुपए प्रतिमाह की राशि दी जाएगी. जुलाई 2023 से इसकी राशि में बढ़ोतरी की गई है. इस योजना के तहत बच्चों के पालन-पोषण करने वाले व्यक्ति को बच्चों की शिक्षा खाने-पीने और कपड़ों की व्यवस्था के लिए यह आर्थिक सहायता दी गई है. वहीं इस योजना के तहत कपड़े, स्वेटर और जूतों के लिए हर साल 2000 रुपए अतिरिक्त दिए जाते हैं. इसके लिए बच्चों का आंगनबाड़ी या विद्यालय जाना जरूरी है. इस योजना पर गहलोत सरकार अब तक ढाई हजार करोड़ से ज्यादा खर्च कर चुकी है.

Last Updated : Jul 3, 2023, 6:24 PM IST
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