जयपुर. सीएम गहलोत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर पर्यटन विभाग की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश (Rajasthan folk art festival will be organized soon) में लोक कला उत्सव का आयोजन करने की बात कही. सीएम ने कहा कि पर्यटन का क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है. इससे बड़े स्तर पर रोजगार सृजित होता है. इससे प्राप्त होने वाली आय से राज्य के विकास को गति मिलती है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट लोक कलाओं और संस्कृति के संरक्षण और उत्थान के लिए राज्य सरकार जल्द ही राजस्थान लोक कला उत्सव का आयोजन करने जा रही है.
राजस्थान लोक कला उत्सव : सीएम गहलोत ने कहा कि पंचायत से लेकर राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले राजस्थान लोक कला उत्सव से प्रदेश में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की आवक बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान लोक कला उत्सव के आयोजन के लिए प्राथमिकता से प्रमुख स्थानीय पर्यटन स्थलों को चुना जाएगा. पर्यटन से जुड़े विभिन्न उद्योगों से समन्वय कर इसका पर्याप्त प्रचार सुनिश्चित किया जाएगा.
बैठक में बताया गया कि राजस्थान में लगभग 22 प्रकार के लोक उत्सव आयोजित किए जा रहे हैं. इन उत्सवों के माध्यम से सैलानी स्थानीय संस्कृति एवं लोक कलाओं का आनंद उठा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान का प्रत्येक क्षेत्र अपनी अनूठी संस्कृति लिए हुए है. विभिन्न माध्यमों से राजस्थान की लोक कलाओं और संस्कृति के साथ-साथ यहां के विशिष्ट व्यंजनों का व्यापक स्तर पर प्रचार होना चाहिए ताकि अधिक से अधिक पर्यटक इनका अनुभव लेने राजस्थान आएं.
देसी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि : बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022 में राजस्थान में पर्यटकों के (Tourism in Rajasthan) आगमन में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है. प्रदेश में देसी पर्यटकों की संख्या में इस वर्ष 90.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके अलावा इस वर्ष सितम्बर तक 1.64 लाख विदेशी सैलानी राजस्थान घूमने आए हैं. राज्य सरकार की ओर से पर्यटन के क्षेत्र में लिए जा रहे विभिन्न निर्णयों से राज्य देश-विदेश के पर्यटकों के आकृर्षण का केन्द्र बना है.
जयपुर का टाउन हॉल बनेगा म्यूजियम : मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के टाउन हॉल को एक म्यूजियम के रूप में विकसित किया (Town Hall to convert into Museum) जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार ने 96 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है. यहां राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों का इतिहास पर्यटकों को दिखाया जाएगा.
पर्यटन को मिल रहा प्रोत्साहन : बैठक में बताया गया कि पर्यटन को राज्य सरकार की ओर से उद्योग का दर्जा दिए जाने एवं रिप्स-2022 के तहत दी जा रही विभिन्न प्रकार की छूट से पर्यटन से आजीविका अर्जित करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है. विद्युत बिलों में औद्योगिक दरों के लागू होने से 30 प्रतिशत तक की बचत हो रही है. इसके अलावा स्टाम्प ड्यूटी एवं भूमि परिवर्तन शुल्क में 100 प्रतिशत तक छूट दी गई है.
पर्यटन इकाइयों को ऋण पर 8 प्रतिशत तक ब्याज दर में सब्सिडी दी जा रही है. इसके अलावा निर्माण कार्याें में भी आवश्यक अनुमतियों में औद्योगिक दरें लागू कर दी गई हैं. राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति-2022 के तहत विभिन्न विभागों की ओर से निःशुल्क फिल्म शूटिंग के आदेश जारी कर दिए गए हैं. आरटीडीसी एवं राज्य होटल कॉरपोरेशन की ओर से फिल्म निर्माण के लिए आई पूरी टीम के ठहरने पर 50 प्रतिशत छूट दी जा रही है. बैठक में बताया गया कि पैलेस ऑन व्हील्स को दोबारा शुरू करने के बाद सैलानियों ने बड़े स्तर पर इसमें रूचि दिखाई है.
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ढोला-मारू टूरिज्म कॉम्प्लेक्स का निर्माण : बैठक में बताया गया कि जैसलमेर में ढोला-मारू टूरिज्म कॉम्पलेक्स के निर्माण के लिए (Dhola Maru Tourism Complex in Jaisalmer) डीपीआर तैयार कर 865 एकड़ भूमि आवंटित कर दी गई है. जल्द ही टूरिज्म कॉम्पलेक्स का निर्माण पूरा किया जाएगा, जिसमें राजस्थान की लोक कला के प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन की व्यवस्था के साथ-साथ पर्यटकों के रुकने का उत्कृष्ट प्रबंध होगा. यहां राजस्थान के हस्तनिर्मित उत्पादों के अलावा राजस्थान के परम्परागत व्यंजनों का स्वाद सैलानी ले सकेंगे.
इस अवसर पर कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, पर्यटन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़, राज्य मेला प्राधिकरण आयोग के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा, मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन विभाग गायत्री राठौड़ सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे.