जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू की दूरदर्शी सोच के कारण देश में बड़े-बड़े बांधों का निर्माण हुआ. इससे भारत आत्मनिर्भर बना, लेकिन पाकिस्तान आत्मनिर्भर नहीं बन पाया और हमेशा दूसरे देशों पर निर्भर रहा. इसका नतीजा है कि आज वहां क्या हालात हैं. सीएम गहलोत सोमवार को दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में राजस्थान मिलेट्स कॉन्क्लेव के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में किसानों का सम्मान होता है. सरकार कोई भी हो किसानों को अच्छे खाद, बीज और दवाइयां मुहैया करवाए जाने चाहिए. भारत सरकार की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को मिलेट्स ईयर घोषित किया है. इससे मोटे अनाज को बढ़ावा मिलेगा. इस कार्यक्रम को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारीलाल मीना, केंद्रीय कृषि विभाग की संयुक्त सचिव शुभा ठाकुर और मुख्य सचिव उषा शर्मा ने भी संबोधित किया.
पहली बार सीएम बने तो की थी बाजरे की खरीद: अपने संबोधन में सीएम गहलोत गहलोत ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा दिए दिए जाने की जरूरत है. यह हम सभी जानते जानते हैं कि बाजरा जल्दी खराब हो जाता है. गहलोत बोले कि वे जब पहली बार सत्ता में आए और सीएम बने तो बाजरे की खरीद की गई थी, लेकिन फायदा नहीं हुआ. इसके बाद कभी खरीद नहीं हुई. केंद्र सरकार ने भी सहयोग नहीं दिया. उन्होंने मांग उठाई कि मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए सभी को आगे आकर काम करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह सामान्य सेमिनार नहीं है. राजस्थान की मोटे अनाज को लेकर अपनी अलग पहचान है. हमारी सोच खेती को लेकर सकारात्मक है. मिलेट्स ईयर के बहाने हमें आज एक अवसर मिला है कि हम इस दिशा में सोचें और इसे बढ़ावा दें. गहलोत ने कहा कि कृषि को लेकर प्रदेश की सरकार की सोच सकारात्मक है. हमारी सरकार ने नए कृषि कॉलेज और विश्वविद्यालय खोले हैं. इससे कृषि की पढ़ाई करने वाले युवाओं को फायदा होगा और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा.
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तुरंत गिरदावरी करवाने के आदेश: कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार की निशुल्क बिजली योजना से लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के सवाल पर उन्होंने कहा कि बारिश और ओलावृष्टि के तुरंत बाद रात को ही गिरदावरी करवाने के आदेश दे दिए थे. उन्होंने कहा कि देश में हर परिवार को सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए. केंद्र सरकार को इस संबंध में कानून बनाना चाहिए. इससे देश में सभी को समान पेंशन मिलेगी. अभी पेंशन योजना में राज्य सरकार 12 हजार करोड़ रुपए दे रही है जबकि केंद्र सरकार महज 300 करोड़ रुपए दे रही है.
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65 साल से ओपीएस थी तब भी देश ने तरक्की की: ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर चल रही बयानबाजी के बीच सीएम ने कहा कि कई अर्थशास्त्री इस पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन जब 65 साल तक ओपीएस लागू थी तब भी देश ने लगातार तरक्की की है. इसलिए सामाजिक सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी है. अगर सरकार वित्तीय प्रबंधन ठीक से करे तो राजस्व की प्राप्ति भी बढ़ेगी.