जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों से अपने आवास पर मुलाकात की (covid affected children celebrate diwali with cm) और दिवाली की खुशियां बांटीं. उन्होंने प्रदेशभर से आए 200 से अधिक बच्चों के साथ आत्मीय संवाद करते हुए उनका हाल जाना और उनकी समस्याएं सुनीं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों की सार-सम्भाल पूरी प्रतिबद्धता से कर रही है.
उन्होंने बच्चों को सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए खूब पढ़ाई और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर घड़ी आपके साथ है. गहलोत ने कहा कि जीवन में चुनौतियां आती रहती हैं, सुख-दुःख का चक्र भी चलता रहता है. हमें फिर भी आगे बढ़ना होगा और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास करने होंगे. इसके बाद गहलोत ने बच्चों के साथ भोजन किया और उन्हें उपहार भेंट किए.
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मुख्यमंत्री ने किया बच्चों से संवाद
गहलोत ने बच्चों से संवाद कर कोविड के बाद की स्थिति के बारे में जानकारी ली. बच्चों ने अनुभव साझा करते हुए (Diwali celebration for covid affected children) राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सहायता के लिए आभार व्यक्त किया. इस मौके पर गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनाथ हुए बच्चों के जनाधार कार्ड नए सिरे से बनाएं ताकि उन्हें योजनाओं का लाभ समय पर मिलें. उन्होंने बच्चों और उनके परिवार के सामने आ रही समस्याओं का त्वरित समाधान कराने के भी निर्देश दिए.
सीएम से मिल खुश हुए बच्चे
जयपुर पहुंचे बच्चे प्रिया और हिमेश सैन ने कहा ‘मुख्यमंत्री आवास पर आकर बहुत खुशी हुई. उन्होंने सीएम को संबोधित करते हुए कहा कि आपने हमारी कठिन परिस्थितियों को समझकर जो सहायता दी, हमारा सपोर्ट किया उसके लिए आपको लाख-लाख शुक्रिया. मम्मी-पापा के जाने के बाद हम अकेले हो गए थे, लेकिन हमें गवर्नमेंट ने सपोर्ट किया. हमें जीने की राह दिखाई और हमारी शिक्षा का खर्च उठाकर हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके लिए हम मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहेंगे. सरकार की ओर से 1 लाख रुपये की तत्काल एकमुश्त सहायता हमें समय पर मिल गई थी.
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आरक्षण की मांग
हालांकि इस कार्यक्रम के दौरान एक रोचक तथ्य भी सामने आया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अनाथ बच्चों से बात कर रहे थे तो उनमें से एक बालक ने सरकार की ओर से मिली सहायता पर सीएम गहलोत का आभार जताया. इसके साथ ही उसने यह भी कहा कि अब उनके माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं. वह पढ़ना चाहते हैं और आगे बढ़ना चाहते हैं. सरकार की ओर से उन्हें जो सहायता मिल रही है, उससे वह अपनी पढ़ाई को आगे भी निरंतर जारी रखेंगे लेकिन सरकार को चाहिए की कोविड में अनाथ हुए बच्चों को SC, ST और OBC के तर्ज पर अलग से आरक्षण दें ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित हो सके.
संगीत, खेल कूद में शामिल हुए गहलोत
कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज दिवाली की खुशियां बांटी. सीएम आवास में इन बच्चों के साथ न केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाद किया बल्कि इनके साथ खेलकूद में भी शामिल हुए और साथ खाना भी खाया. इस दौरान एक बच्चे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कोविड-19 प्रभावित बच्चों को अलग से आरक्षण देने की मांग की.
इस अवसर पर बच्चों के लिए संगीत, डांस, बैंड वादन, मैजिक शो और अन्य कई मनोरंजन के कार्यक्रमों का आयोजन हुआ .मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ आयोजन का आनन्द लिया और विभिन्न खेलों का लुत्फ भी उठाया. मुख्यमंत्री को अपने इतने करीब देखकर बच्चे भी काफी खुश थे.
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योजनाओं से दिया संबल
कोविड-19 महामारी के कारण राज्य सरकार ने अनाथ हुए बच्चों, विधवाओं एवं उनके बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक संबल देने के लिए संवेदनशीलता दर्शाते हुए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना की घोषणा की थी जिसे 25 जून 2021 से सम्पूर्ण प्रदेश में लागू किया गया. योजना के अन्तर्गत कोविड के कारण प्रत्येक अनाथ बालक/बालिकाओं को तत्कालिक सहायता के रूप में 1 लाख रुपये की एकमुश्त और अन्य सहायता राशि तथा उसके 18 वर्ष की आयु होने पर 5 लाख रुपये की एकमुश्त सहायता राशि दी गई है. इस योजना के अंतर्गत विधवा महिलाओं को 1 लाख रुपये की तत्कालिक सहायता के साथ ही 1500 रुपये प्रति माह पेंशन भी दी जा रही है. इसी तरह विधवा के बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक 1000 रुपये प्रतिमाह और 2000 रुपये वार्षिक दिये जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना
कोविड-19 के कारण राज्य में अनाथ हुए बच्चों, विधवा महिलाओं और उनके बच्चों को आर्थिक सामाजिक और शिक्षा की दृष्टि से संम्बल देने के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना 25 जून 2021 से संपूर्ण राज्य में लागू की गई. इसमें निन्न सुविधाएं मिलेंगी...
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प्रत्येक बालक/बालिका को 1 लाख रुपये की तत्काल एकमुश्त सहायता
18 वर्ष की आयु तक 2500 रुपये मासिक सहायता.
18 वर्ष की आयु पूरी होने पर 5 लाख रुपये की सहायता.
अनाथ बच्चों को निःशुल्क सहायता/आवासीय विद्यालय/छात्रावास.
कॉलेज छात्राओं को समाज कल्याण के छात्रावासों में प्रवेश में प्राथमिकता.
कॉलेज जाने वाले छात्रों को आवास सुविधा के लिए अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ और मुख्यमंत्री युवा संबल योजना में बेरोजगारी भत्ते में प्राथमिकता.
विधवा महिलाओं को 1 लाख रुपये तत्काल सहायता के साथ 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन.
विधवा के बच्चों को 18 वर्ष आयु तक 1000 रुपये प्रतिमाह और 2000 रुपये वार्षिक देय.
अब तक दी गई सुविधाएं
अक्टूबर 2022 तक 231 अनाथ बच्चों को 2.99 करोड़ रुपये की सहायता दी गई. 8329 विधवाओं के बच्चों पर 8.62 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. 12601 विधवा महिलाओं के लिए 143.09 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. कोरोना सहायता योजना के तहत कुल 1.55 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.