जयपुर/नई दिल्ली. राजस्थान के साथ ही पूरे देश के मीडिया की नजर सोमवार को इस बात पर रही कि क्या राहुल गांधी और पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सीएम गहलोत और पायलट के बीच जारी विवाद को खत्म कराने में सफल होते हैं या नहीं. हालांकि, दोनों नेताओं के बीच उपजे विवाद को खत्म करने के लिए सुलह फार्मूले की खासा चर्चा रही.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से राजस्थान के मामलों और सचिन पायलट के विषय को लेकर चर्चा करने दिल्ली पहुंचे हैं. वहीं, दिल्ली पहुंचते ही सीएम गहलोत ने अपने एक बयान के जरिए बिना नाम लिए सचिन पायलट पर तंज कसा है. जिससे यह लगने लगा है कि राजस्थान में इन दोनों नेताओं के बीच विवाद फिलहाल शांत होने वाला नहीं है.
उन्होंने सचिन पायलट का नाम लिए बगैर तंज कसते हुए कहा- ''मैंने ऐसा कभी नहीं सुना है कि हाईकमान किसी कार्यकर्ता को ऑफर करे कि आपको कौन सा पद चाहिए?'' उन्होंने कहा- ''कांग्रेस में इतनी लंबी सियासी जिंदगी में फॉर्मूले की बात कभी नहीं सुनी है. कोई नेता कोई चीज मांगे और यह कहकर मांगे कि ये चीज मुझे मिल जाए या हाईकमान उसे ऑफर करे कि आप कौन सा पद लेंगे?''
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गहलोत ने कहा कि कांग्रेस बहुत मजबूत संगठन है. आज भी पार्टी हाईकमान की सभी सुनते हैं. ऐसे में किसी भी कार्यकर्ता की ऐसी हिम्मत नहीं है कि वो ये कहे कि उसे कौन सा पद चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें केवल मीडिया में चलती रहती है. इसमें कोई दम नहीं है.
आपको बता दें कि सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार को 30 मई तक अल्टीमेटम दे रखा है. पायलट ने कहा था कि अगर 30 मई तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वो अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे. वहीं, चर्चा इस बात की भी है कि कांग्रेस पार्टी नहीं चाहती है कि सचिन पायलट पार्टी से अलग हों. ऐसे में उन्हें राजस्थान में कोई पद देकर संतुष्ट किए जाने के प्रयास चल रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ताजा बयान से साफ हो गया है कि अभी पायलट और गहलोत के बीच सुलह की कोई गुंजाइश नहीं है.