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सरकार ने सड़क तंत्र के लिए स्वीकृत किए 65.91 करोड़, रोडवेज को मिलेंगे 360 करोड़

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Published : Oct 28, 2022, 10:21 PM IST

राजस्थान में सड़क तंत्र को मजबूत करने के लिए गहलोत सरकार ने सड़क निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए 65.91 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को स्वीकृति दी (Proposal of Rs 66 crore approved for roads) है. इनमें डामरीकरण, सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने, पुलिया निर्माण और नई सड़कें बनाने जैसे कार्य शामिल हैं. इस संबंध में सीएम ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में घोषणा की थी. राजस्थान रोडवेज को गैप फंडिंग के रूप में गहलोत सरकार 360 करोड़ रुपए देगी.

CM Ashok Gehlot approves funds for roads
सरकार ने सड़क तंत्र के लिए स्वीकृत किए 65.91 करोड़, रोडवेज को मिलेंगे 360 करोड़

जयपुर. मजबूत सड़क तंत्र विकसित करने के क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में विभिन्न सड़क निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए 65.91 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. मुख्यमंत्री की मंजूरी से प्रदेश के बाड़मेर, डूंगरपुर, सीकर, भरतपुर, अलवर, सवाईमाधोपुर, बांसवाड़ा एवं हनुमानगढ़ जिलों में सड़क सुदृढीकरण, डामरीकरण, सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने, पुलिया निर्माण एवं नवीन सड़क निर्माण जैसे 20 कार्य समयबद्ध रूप से पूर्ण हो सकेंगे.

सड़क निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए स्वीकृत इस राशि से राज्य में एक उत्कृष्ट सड़क तंत्र विकसित होगा तथा आमजन के आवागमन में आसानी होगी. गहलोत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में राज्य के सभी जिलों में सुदृढ़ सड़क तंत्र विकसित करने के लिए अधिक से अधिक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी.

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रोडवेज को गैप फंडिंग के रूप में मिलेंगे 360 करोड़: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान पथ परिवहन निगम को गैप फंडिंग के रूप में 360 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान को मंजूरी दी (Rs 360 crore for Rajasthan Roadways approved) है. यह राशि 90 करोड़ रुपए की चार समान किश्तों में जारी की जाएगी. राजस्थान पथ परिवहन निगम की सवारी एवं माल वाहन की लागत आधारित दरों तथा राज्य सरकार द्वारा अनुमत दरों के आधार पर हानि को आंकलित करते हुए इस राशि को स्वीकृत किया गया है. पूर्व में राज्य सरकार निगम को 140 करोड़ रुपए हस्तांतरित कर चुकी है. मुख्यमंत्री की इस मंजूरी से रोडवेज बसों का संचालन सुचारू रखने तथा राजस्थान पथ परिवहन निगम को आर्थिक रूप से सक्षम बनाए रखने में मदद मिलेगी.

स्थापित होगा ब्लॉक चेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ब्लॉक चेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए 33.28 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. प्रस्ताव के अनुसार, ब्लॉक चेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए आगामी 5 वर्षों के लिए यह वित्तीय प्रावधान किया गया है. गहलोत ने चालू वित्तीय वर्ष में 4.24 करोड़ रुपए के व्यय की स्वीकृति दी है. इस सेंटर की स्थापना तथा तकनीकी विशेषज्ञों की सेवाएं प्राप्त करने के लिए आईआईआईटी कोटा से एमओयू किया जाएगा. इसके अंतर्गत इंटीग्रेटेड फाइनेन्शियल मैनेजमेंट सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक हैल्थ रिकॉर्ड्स, जन आधार रेजिडेंट डाटा रिपॉजिटरी आदि में पारदर्शिता एवं सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा.

पढ़ें: गहलोत सरकार नशा मुक्ति के लिए लागू करेगी नई कार्ययोजना, डॉ. गुरुशरण छाबड़ा जन-जागरूकता अभियान के लिए बजट स्वीकृत

वक्फ सम्पत्ति संरक्षण योजना के लिए 5 करोड़: मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समावेशी विकास कोष के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के प्रारूप को मंजूरी दी है. गहलोत द्वारा वक्फ सम्पत्ति संरक्षण योजना के लिए 5 करोड़, आधारभूत संरचना विकास कार्यों के लिए 34 करोड़ तथा जनसहभागिता के आधार पर आधारभूत संरचना विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान किया गया है. वक्फ संपत्ति संरक्षण योजना के अंतर्गत वक्फ भूमि अथवा सार्वजनिक भूमि में बने कब्रिस्तान, मदरसों, विद्यालयों में चारदीवारी निर्माण जैसे विकास कार्य किए जाएंगे. इन विकास कार्यों के किए जाने से वक्फ भूमि अथवा सार्वजनिक भूमि को विवाद एवं अतिक्रमण से सुरक्षित रखा जा सकेगा.

आधारभूत संरचना विकास कार्यों में राज्य में स्थित अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों में विकास कार्य करवाए जाएंगे. इन क्षेत्रों में पेयजल टंकी निर्माण, सड़क निर्माण, नाली निर्माण आदि विकास कार्य होने से अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय का समग्र विकास हो सकेगा तथा बस्तियों में जीवनयापन की स्थितियों को बेहतर बनाया जा सकेगा. जनसहभागिता आधारित संरचना विकास कार्यों में ऐसी वक्फ सम्पत्तियों का संरक्षण एवं विकास कार्य होगा जहां 10 प्रतिशत जनसहभागिता हिस्सा राशि प्राप्त हो जाती है. योजना के अंतर्गत वे सभी वक्फ संपत्तियों पात्र होंगी, जो राजस्व रिकॉर्ड/राजस्थान वक्फ बोर्ड में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज हैं तथा योजना के तहत नवीन धार्मिक संपत्तियों का निर्माण कार्य शामिल नहीं होगा.

पढ़ें: जल जीवन मिशन : हाड़ौती के 876 गांवों में पहुंचेगा नल का जल..2021.38 करोड़ रुपये स्वीकृत

जेएनवीयू को 20 करोड़ रूपए का अनुदान: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के पेंशनर्स को समय पर पेंशन भुगतान के लिए 20 करोड़ रुपए की अनुदान राशि के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में वर्तमान में करीब 1460 सेवानिवृत्त कार्मिक हैं जिनको पेंशन का भुगतान किया जा रहा है. गहलोत के इस निर्णय से विश्वविद्यालय के पेंशनर्स को पेंशन तथा सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान संभव हो सकेगा.

जयपुर. मजबूत सड़क तंत्र विकसित करने के क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में विभिन्न सड़क निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए 65.91 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. मुख्यमंत्री की मंजूरी से प्रदेश के बाड़मेर, डूंगरपुर, सीकर, भरतपुर, अलवर, सवाईमाधोपुर, बांसवाड़ा एवं हनुमानगढ़ जिलों में सड़क सुदृढीकरण, डामरीकरण, सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने, पुलिया निर्माण एवं नवीन सड़क निर्माण जैसे 20 कार्य समयबद्ध रूप से पूर्ण हो सकेंगे.

सड़क निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए स्वीकृत इस राशि से राज्य में एक उत्कृष्ट सड़क तंत्र विकसित होगा तथा आमजन के आवागमन में आसानी होगी. गहलोत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में राज्य के सभी जिलों में सुदृढ़ सड़क तंत्र विकसित करने के लिए अधिक से अधिक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी.

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रोडवेज को गैप फंडिंग के रूप में मिलेंगे 360 करोड़: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान पथ परिवहन निगम को गैप फंडिंग के रूप में 360 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान को मंजूरी दी (Rs 360 crore for Rajasthan Roadways approved) है. यह राशि 90 करोड़ रुपए की चार समान किश्तों में जारी की जाएगी. राजस्थान पथ परिवहन निगम की सवारी एवं माल वाहन की लागत आधारित दरों तथा राज्य सरकार द्वारा अनुमत दरों के आधार पर हानि को आंकलित करते हुए इस राशि को स्वीकृत किया गया है. पूर्व में राज्य सरकार निगम को 140 करोड़ रुपए हस्तांतरित कर चुकी है. मुख्यमंत्री की इस मंजूरी से रोडवेज बसों का संचालन सुचारू रखने तथा राजस्थान पथ परिवहन निगम को आर्थिक रूप से सक्षम बनाए रखने में मदद मिलेगी.

स्थापित होगा ब्लॉक चेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ब्लॉक चेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए 33.28 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. प्रस्ताव के अनुसार, ब्लॉक चेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए आगामी 5 वर्षों के लिए यह वित्तीय प्रावधान किया गया है. गहलोत ने चालू वित्तीय वर्ष में 4.24 करोड़ रुपए के व्यय की स्वीकृति दी है. इस सेंटर की स्थापना तथा तकनीकी विशेषज्ञों की सेवाएं प्राप्त करने के लिए आईआईआईटी कोटा से एमओयू किया जाएगा. इसके अंतर्गत इंटीग्रेटेड फाइनेन्शियल मैनेजमेंट सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक हैल्थ रिकॉर्ड्स, जन आधार रेजिडेंट डाटा रिपॉजिटरी आदि में पारदर्शिता एवं सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा.

पढ़ें: गहलोत सरकार नशा मुक्ति के लिए लागू करेगी नई कार्ययोजना, डॉ. गुरुशरण छाबड़ा जन-जागरूकता अभियान के लिए बजट स्वीकृत

वक्फ सम्पत्ति संरक्षण योजना के लिए 5 करोड़: मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समावेशी विकास कोष के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के प्रारूप को मंजूरी दी है. गहलोत द्वारा वक्फ सम्पत्ति संरक्षण योजना के लिए 5 करोड़, आधारभूत संरचना विकास कार्यों के लिए 34 करोड़ तथा जनसहभागिता के आधार पर आधारभूत संरचना विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान किया गया है. वक्फ संपत्ति संरक्षण योजना के अंतर्गत वक्फ भूमि अथवा सार्वजनिक भूमि में बने कब्रिस्तान, मदरसों, विद्यालयों में चारदीवारी निर्माण जैसे विकास कार्य किए जाएंगे. इन विकास कार्यों के किए जाने से वक्फ भूमि अथवा सार्वजनिक भूमि को विवाद एवं अतिक्रमण से सुरक्षित रखा जा सकेगा.

आधारभूत संरचना विकास कार्यों में राज्य में स्थित अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों में विकास कार्य करवाए जाएंगे. इन क्षेत्रों में पेयजल टंकी निर्माण, सड़क निर्माण, नाली निर्माण आदि विकास कार्य होने से अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय का समग्र विकास हो सकेगा तथा बस्तियों में जीवनयापन की स्थितियों को बेहतर बनाया जा सकेगा. जनसहभागिता आधारित संरचना विकास कार्यों में ऐसी वक्फ सम्पत्तियों का संरक्षण एवं विकास कार्य होगा जहां 10 प्रतिशत जनसहभागिता हिस्सा राशि प्राप्त हो जाती है. योजना के अंतर्गत वे सभी वक्फ संपत्तियों पात्र होंगी, जो राजस्व रिकॉर्ड/राजस्थान वक्फ बोर्ड में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज हैं तथा योजना के तहत नवीन धार्मिक संपत्तियों का निर्माण कार्य शामिल नहीं होगा.

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जेएनवीयू को 20 करोड़ रूपए का अनुदान: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के पेंशनर्स को समय पर पेंशन भुगतान के लिए 20 करोड़ रुपए की अनुदान राशि के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में वर्तमान में करीब 1460 सेवानिवृत्त कार्मिक हैं जिनको पेंशन का भुगतान किया जा रहा है. गहलोत के इस निर्णय से विश्वविद्यालय के पेंशनर्स को पेंशन तथा सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान संभव हो सकेगा.

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