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Chilly winter in Rajasthan: नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ने किए खास इंतजाम, भालू को अंडे तो मगरमच्छ के खाने पर रोक...पता है क्यों?

प्रदेश में सर्दी का सितम जारी (Chilly winter in Rajasthan) है. सर्दी से इंसान ही नही बल्कि वन्यजीव भी परेशान हैं. जहा इंसान तेज सर्दी से बचाव के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं, जिसमें उनकी डाइट भी शामिल है.

Chilly winter in Rajasthan
भालू को अंडे तो मगरमच्छ के खाने पर रोक...पता है क्यों?
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Published : Dec 30, 2021, 10:35 AM IST

जयपुर: सर्दी से इंसान ही नही बल्कि वन्यजीव भी परेशान है. जहा इंसान तेज सर्दी से बचाव के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं. वहीं वन्यजीवों को ठंड से बचाने के लिए (Chilly winter in Rajasthan) वन विभाग ने खास इंतजाम किए हैं. जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (Nahargarh biological Park) में वन्यजीवों को सर्दी से बचाने के लिए विशेष व्यवस्थाए की गई है.

वन्यजीवों को सर्दी से बचाने के लिए कई व्यवस्थायें की गई हैं. वन्यजीवों के एंक्लोजर्स के बाहर पर्दे लगाए गए हैं और अंदर हीटर लगाए गए हैं. साथ ही वन्यजीवों के पिंजरो में पराल भूसा बिछाया गया है और बोरियां भी लगाई गई हैं, ताकि तेज सर्दी से बचाव हो सके.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ने किए खास इंतजाम

सर्दी से बचाव के लिए वन्यजीवों की डाइट में भी बदलाव किया गया है. वन्यजीवों के लिए डाइट में दो बॉईल एग शामिल करने के साथ-साथ चिकन की मात्रा में बढ़ोतरी की गई है. भालू को उबले अंडे के साथ गर्म दूध, गुड़ और पिंड खजूर दिया जा रहा है. साथ ही शहद की मात्रा बढ़ा दी गई है. शाकाहारी वन्यजीवों के लिए दाल की मात्रा बढ़ा दी गई है और गाजर खिलाई जा रही है.

पढ़ें- ताक पर नियम: प्रदेश में बिना अनुमति के चल रही हैं आरा मशीन, नहीं बनी समिति... बेरोक टोक धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं पेड़

रेप्टाइल प्रजातियों के जानवरों के भोजन में कमी

Chilly winter in Rajasthan
धूप सेंक रहा टाइगर

बर्ड्स की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मेडिसिन दी जा रही है. वहीं रेप्टाइल (रेंगने वाले) प्रजातियों के जानवरों जैसे मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल के भोजन में कमी की गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि सर्दियों में इन वन्यजीवों का मेटाबॉलिज्म (पचाने की क्षमता कम) हो जाता है. दिन में सभी वन्यजीवों को बारी-बारी से बाहर छोड़ा जा रहा है ताकि धूप की तपन मिल सके.

पढ़ें- Sariska Tiger Reserve : बाघिन ST-10 की शावक का हुआ नामकरण, अब इस नाम से जाना जाएगा


हिरण प्रजाति के वन्यजीवों को खिलाई जा रही गाजर

Chilly winter in Rajasthan
भालू को ज्यादा शहद

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (Nahargarh biological Park) के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि वन्यजीवों को सर्दी से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. तेज सर्दी को देखते हुए वाइल्डलाइफ की डाइट में भी बदलाव किया गया है. जिसमें भालू के शहद की मात्रा बढ़ाने के साथ ही उसे अंडे दिए जा रहे हैं, मगरमच्छ के खाने में कटौती की जा रही है, हिरण को 2 किलों ज्यादा गाजर और ज्यादा चने खिलाए जा रहे हैं इसके साथ ही शाकाहारी वन्यजीवों की 100 ग्राम दाल बढ़ाई गई है तो Big Cats को एक्स्ट्रा अंडे खिलाये जा रहे हैं.

Chilly winter in Rajasthan
सर्दी इतनी की हीटर का सहारा

टाइगर, लॉयन, पैंथर समेत सभी वन्यजीवों के एंक्लोजर्स में पर्दे और हीटर लगाए गए हैं. तमाम व्यवस्थाओं की की मॉनिटरिंग भी की जा रही है. सर्दी में वन्यजीवों की देखभाल के लिए कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है.

जयपुर: सर्दी से इंसान ही नही बल्कि वन्यजीव भी परेशान है. जहा इंसान तेज सर्दी से बचाव के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं. वहीं वन्यजीवों को ठंड से बचाने के लिए (Chilly winter in Rajasthan) वन विभाग ने खास इंतजाम किए हैं. जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (Nahargarh biological Park) में वन्यजीवों को सर्दी से बचाने के लिए विशेष व्यवस्थाए की गई है.

वन्यजीवों को सर्दी से बचाने के लिए कई व्यवस्थायें की गई हैं. वन्यजीवों के एंक्लोजर्स के बाहर पर्दे लगाए गए हैं और अंदर हीटर लगाए गए हैं. साथ ही वन्यजीवों के पिंजरो में पराल भूसा बिछाया गया है और बोरियां भी लगाई गई हैं, ताकि तेज सर्दी से बचाव हो सके.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ने किए खास इंतजाम

सर्दी से बचाव के लिए वन्यजीवों की डाइट में भी बदलाव किया गया है. वन्यजीवों के लिए डाइट में दो बॉईल एग शामिल करने के साथ-साथ चिकन की मात्रा में बढ़ोतरी की गई है. भालू को उबले अंडे के साथ गर्म दूध, गुड़ और पिंड खजूर दिया जा रहा है. साथ ही शहद की मात्रा बढ़ा दी गई है. शाकाहारी वन्यजीवों के लिए दाल की मात्रा बढ़ा दी गई है और गाजर खिलाई जा रही है.

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रेप्टाइल प्रजातियों के जानवरों के भोजन में कमी

Chilly winter in Rajasthan
धूप सेंक रहा टाइगर

बर्ड्स की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मेडिसिन दी जा रही है. वहीं रेप्टाइल (रेंगने वाले) प्रजातियों के जानवरों जैसे मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल के भोजन में कमी की गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि सर्दियों में इन वन्यजीवों का मेटाबॉलिज्म (पचाने की क्षमता कम) हो जाता है. दिन में सभी वन्यजीवों को बारी-बारी से बाहर छोड़ा जा रहा है ताकि धूप की तपन मिल सके.

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हिरण प्रजाति के वन्यजीवों को खिलाई जा रही गाजर

Chilly winter in Rajasthan
भालू को ज्यादा शहद

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (Nahargarh biological Park) के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि वन्यजीवों को सर्दी से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. तेज सर्दी को देखते हुए वाइल्डलाइफ की डाइट में भी बदलाव किया गया है. जिसमें भालू के शहद की मात्रा बढ़ाने के साथ ही उसे अंडे दिए जा रहे हैं, मगरमच्छ के खाने में कटौती की जा रही है, हिरण को 2 किलों ज्यादा गाजर और ज्यादा चने खिलाए जा रहे हैं इसके साथ ही शाकाहारी वन्यजीवों की 100 ग्राम दाल बढ़ाई गई है तो Big Cats को एक्स्ट्रा अंडे खिलाये जा रहे हैं.

Chilly winter in Rajasthan
सर्दी इतनी की हीटर का सहारा

टाइगर, लॉयन, पैंथर समेत सभी वन्यजीवों के एंक्लोजर्स में पर्दे और हीटर लगाए गए हैं. तमाम व्यवस्थाओं की की मॉनिटरिंग भी की जा रही है. सर्दी में वन्यजीवों की देखभाल के लिए कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है.

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