जयपुर. जेडीए की नींदड़ आवासीय योजना के खिलाफ जमीन समाधि सत्याग्रह कर रहे नींदड़ के किसानों का आंदोलन शुक्रवार को स्थगित कर दिया गया. सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की समझाइश और जेडीसी टी रविकांत से फोन पर मिले आश्वासन के बाद सत्याग्रह की अगुवाई कर रहे नगेंद्र सिंह ने आंदोलन स्थगित करने की बात कही. वहीं, मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आश्वस्त किया कि यदि जेडीए किसानों के साथ धोखा करता है, तो वो खुद इस आंदोलन में शामिल होंगे.
इससे पहले किसानों के साथ शुक्रवार को 5 महिला भी जमीन समाधि सत्याग्रह में शामिल हुई. महिलाओं ने कहा कि सरकार की ओर से जो नया भूमि अधिग्रहण बिल लागू हुआ है, वो नींदड़ के किसानों पर भी लागू होना चाहिए. जब सरकार किसानों के भले के लिए बनी हैं, तो उनकी मांग भी सुननी चाहिए.
सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि आंदोलन पेचीदा है, और इसका हल निकलने में 10 से 15 दिन का समय लग सकता है. उन्होंने आश्वासन दिया कि जब तक आंदोलन स्थगित रहता है, और वार्ता चलती है. तब तक यहां की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इसी के साथ उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के प्रति सद्भावना रखना चाहती है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर वो यहां पहुंचे हैं.
वहीं सरकार और जेडीए प्रशासन की ओर से मिले आश्वासन के बाद जमीन समाधि सत्याग्रह की अगुवाई कर रहे नगेंद्र सिंह ने आंदोलन स्थगित किया. साथ ही उन्होंने सरकार से मिले आश्वासन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब तक वार्ता का दौर चलेगा, तब तक ना तो समाधि स्थल को छेड़ा जाएगा, और ना ही नींदड़ में जेडीए कोई कार्रवाई करेगा. और यदि जेडीए किसानों के साथ कोई धोखा करता है तो आंदोलन एक बार फिर शुरू किया जाएगा. जिसमें मुख्य सचेतक महेश जोशी भी शामिल होंगे.
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इस दौरान जेडीए और जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. वहीं खुद मुख्य सचेतक ने आंदोलनकारियों की मिट्टी हटाकर उन्हें जमीन से बाहर निकाला और आंदोलन स्थगित करवाया. बहरहाल, अब जेडीए प्रशासन की ओर से एक कमेटी बनेगी जिनके साथ नींदड़ के किसान वार्ता करेंगे. वार्ता का केंद्र नए भूमि अधिग्रहण बिल से किसानों को मुआवजा देने का रहेगा. इस पर सहमति बनती है या नहीं, ये देखने वाली बात होगी. लेकिन, यही वार्ता इस आंदोलन का भविष्य तय करेगी.