जयपुर. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लघु उद्योग के लिए लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस कमिश्नरेट जयपुर की करधनी थाना पुलिस ने गिरोह के 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मामला दर्ज होने महज 24 घंटे बाद ही इस गिरोह का भंडाफोड़ किया. आरोपी शशिकांत शर्मा, रणजीत सिंह और प्रदीप सिंह को पुलिस ने दबोचा है. वहीं आरोपियों को कब्जे से भारी मात्रा में लोन फॉर्म और फर्जी चेक भी पुलिस ने बरामद किए हैं.
डीसीपी कावेंद्र सिंह सागर के निर्देशन में पुलिस की स्पेशल टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. शातिर ठग 1 हजार रुपए का लोन फॉर्म भरवा कर फर्जी चेक देकर लोगों से एडवांस 10% राशि लेकर फरार हो जाते. आरोपी 10 लाख रुपए तक का लोन चुटकी में निकालने का झांसा देते थे.
पुलिस के अनुसार 1 फरवरी को परिवादी देवेंद्र सिंह ने रिपोर्ट दी की शातिर ठगों ने परफेक्ट माइक्रो मनी यार्ड एंटरप्राइजेज और सेडा नाम से आगरा में कंपनी खोल रखी है. ठगों ने परिवादी के पास प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लघु उद्योग लोन दिलाने के लिए कॉल कर झांसे में ले लिया.
ऐसे बनाते हैं ठगी का शिकार
शातिर अंतर्राज्यीय गिरोह के ठग प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लघु उद्योग के लिए लोन देने के लिए खुद का टेंडर बताते थे. जिसमें 3 प्रकार के लोन देने का झांसा देते. जिसमें शिशु लोन में 50 हजार रुपए तक, किशोर लोन के तहत 50 हजार से 5 लाख रुपये तक और तरुण लोन के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपए तक के लोन दिलवाने का जाल बिछाते, और उसके बाद ग्राहक का आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो, दो फोटो पासपोर्ट साइज, मोबाइल नंबर, मेल आईडी मंगवा कर उनसे 1 हजार रुपए का फॉर्म भरवाते. वहीं बाद में स्वीकृत होने के बाद लोन रकम का 10% उनको देने की बात कहते. इस प्रक्रिया के 120 दिन में लोन स्वीकृत होने का बोलकर लोगों से करीब 400 फार्म भरवा लिए और फर्जी लोन का स्वीकृत पत्र दिखाकर फर्जी चेक भर लिए.
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शातिर आरोपी ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ग्राहकों को लघु उद्योग के नाम से लोन दिलाने के नाम पर हजार रुपये फॉर्म भरवाते और ग्राहकों को फर्जी लोन सेशंन लेटर दिखाकर फर्जी चेक में लाखों रुपए की कीमत भरकर लोन रकम का 10% एडवांस लेकर ग्राहकों को फर्जी चेक पकड़ा कर गायब हो जाते. वहीं पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि अभी तक आरोपियों ने एमपी में करीब 1 करोड रुपए, यूपी में 2 करोड रुपए और राजस्थान में भी लाखों रुपए के फर्जी चेकों का वितरण कर चुके हैं. जिसको लेकर पुलिस गैंग के अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है.