जयपुर. राजधानी की मानसरोवर थाना पुलिस ने फोन पे और पेटीएम की फर्जी पेमेंट के स्क्रीनशॉट भेजकर ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने बुधवार को गैंग के सरगना समेत 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में आरोपी अक्षय कुमार गुगडोदीया और अक्षय पींगोलिया पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. आरोपियों के कब्जे से ठगी की राशि भी बरामद की गई है. वारदात के उपयोग में लिया गया मोबाइल और सिम को पुलिस ने बरामद कर लिया है.
डीसीपी साउथ योगेश गोयल के मुताबिक ऑनलाइन ठगी की बढ़ती वारदातों को गंभीरता से लेते हुए सभी थाना अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि ठगी गैंग के खिलाफ कार्रवाई करें. 2 जनवरी को पीड़ित महिला ने मानसरोवर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 15 दिसंबर 2023 को सुबह मोबाइल फोन पर प्रोडक्ट खरीदने का व्हाट्सएप मैसेज आया था. प्रोडक्ट की कीमत पूछकर मैंने 10 पीस का आर्डर दे दिया.
ऑर्डर कंफर्म होते ही इसके बाद आरोपी ठग ने 16 हजार रुपये पेटीएम पर डालने का महिला के पास स्क्रीनशॉट भेजा. स्क्रीनशॉट भेज कर ठग ने कहा कि मेरा फोन हैंग हो गया है, आप अपना पैसा काट कर मेरे बचे हुए रुपए वापस भेजो. पीड़ित महिला के सामान की कीमत 600 रुपये ही थी. पीड़िता ने शेष पैसे 15400 रुपये वापस भेज दिए. 18 दिसंबर 2023 को पीड़ित महिला ने बैंक से चेक किया तो यह सभी स्क्रीनशॉट फर्जी पाए गए. आरोपी बार-बार सामान का ऑर्डर देते रहे और फर्जी स्क्रीनशॉट और बारकोड के पेटीएम के पेमेंट के स्क्रीनशॉट भेजते रहे. पीड़ित महिला से अधिक हुए भुगतान का दबाव डालकर रुपए ठग लिए गए. अलग-अलग बार में महिला के साथ ठगी करके करीब 2,06,200 रुपये ठग लिए गए थे.
ठगी गई राशि 2,01,200 रुपये बरामद : पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू की. पीड़ित महिला की ओर से दिए गए मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल प्राप्त की गई. नंबरों से रजिस्टर्ड बैंक खातों की डिटेल प्राप्त की गई. पेमेंट बैंक का रिकॉर्ड लिया गया, जिसमें अक्षय कुमार पींगोलिया को दस्तयाब करके पूछताछ की गई तो वारदात सरगना उसकी ओर से वारदात करना स्वीकार किया गया. पुलिस ने इसके बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके दोनों की सिम और मोबाइल बरामद कर लिए हैं. धोखाधड़ी कर ठगी गई राशि 2,01,200 रुपये भी बरामद कर लिए गए हैं. वहीं, अन्य आरोपी लोकेश बैरवा की तलाश की जा रही है.
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ऐसे देते थे वारदातों का अंजाम : आरोपी इंस्टाग्राम और फेसबुक आईडी से प्रोडक्ट के विज्ञापन देखकर प्रोडक्ट खरीदने के लिए फर्जी नाम से बनाए गए व्हाट्सएप से आर्डर का मैसेज करते थे. व्हाट्सएप पर ऑर्डर कंफर्म होने पर फर्जी फोन पे और पेटीएम पेमेंट की रसीद का स्क्रीनशॉट भेज कर सामने वाले को फोन हैंग होने का बहाना बनाकर बकाया रुपए वापस भिजवाने के लिए अन्य पेटीएम के मोबाइल नंबर देते थे. आरोपी बार-बार मैसेज करके पेमेंट डालने के लिए दबाव बनाते थे. मोबाइल नंबर से केवल व्हाट्सप्प प्रयोग में लेते थे. सिम को बंद रखते थे, ताकि कोई संपर्क नहीं कर सके. अलग-अलग बार में अलग-अलग नंबर से ऑर्डर करके ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे.