जयपुर. राजधानी में दुष्कर्म की वारदातें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं. एक बार फिर से एक अस्पताल में एक महिला के साथ दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है. घटनाक्रम को लेकर 38 वर्षीय पीड़िता द्वारा चौमूं थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि उसे चौमूं के एक नामी निजी अस्पताल में काम दिलाने के बहाने मिलने के लिए बुलाया गया और कंपाउंडर द्वारा चेंबर में बुलाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया. साथ ही घटनाक्रम के बारे में किसी को भी कुछ बताने पर बदनाम करने व जान से मारने की धमकी दी गई. जिसके बाद पीड़िता ने चौमूं थाने पहुंचकर आरोपी कंपाउंडर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई.
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी कंपाउंडर तीन अलग-अलग अस्पतालों में पार्ट टाइम जॉब करता है और पीड़ित भी एक निजी अस्पताल में नर्सिंग का काम करती है. पीड़िता की आरोपी कंपाउंडर से पूर्व से ही जान पहचान होने के चलते आरोपी कंपाउंडर ने पीड़िता को अस्पताल में काम दिलाने का झांसा देकर मिलने बुलाया और फिर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच एसीपी चौमूं राजेंद्र सिंह को सौंपी गई है.
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गौरतलब है कि 8 जून को राजधानी के शास्त्री नगर थाना इलाके में भी एक अस्पताल में एक महिला नर्सिंग कर्मी के साथ अस्पताल के ही एक कर्मचारी द्वारा दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया. इस प्रकरण में भी शास्त्री नगर थाना पुलिस अब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.
गैंगरेप के आरोपी 3 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से दूर
राजधानी के भांकरोटा थाना इलाके में सोमवार को एक युवती को अगवा कर उससे गैंगरेप करने के प्रकरण में फरार चल रहे आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए हैं. गैंगरेप के प्रकरण को सुलझाने जाने के लिए पांच थानों की पुलिस लगी हुई है, जिसमें पांच सीआई और दो आरपीएस अधिकारी शामिल हैं. पुलिस अब तक इस पूरे प्रकरण को लेकर 150 से भी अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी अब तक आरोपियों का कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग सका है. वहीं आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए डीएससी वेस्ट, साइबर सेल और कमिश्नरेट स्पेशल टीम जुटी हुई है.