जयपुर. छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. सूत्रों की मानें तो 27 दिसंबर को दोपहर बाद मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. हालांकि अभी सरकार की ओर से इसको लेकर आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुए हैं, लेकिन राजभवन में जिस तरह से तैयारियां शुरू हुईं हैं, उससे यही माना जा रहा है कि अगले दो दिन में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल को देखें तो राजस्थान में भी 25 विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है, जिसमें 15 कैबिनेट, 10 राज्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. 10 राज्य मंत्रियों में से 5 को स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है.
जातीय, क्षेत्रीय और युवा चेहरे पर फोकस : बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिल्ली दौरे पर रहे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद ये माना जा रहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लिस्ट पर मुहर लग गई है, जिसमें 15 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्रियों को मौका दिया जा सकता है. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के अब राजस्थान में भी माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख ये विस्तार किया जा जाएगा, जिसमें क्षेत्रीय और जाति संतुलन बिठाने की पूरी कोशिश होगी.
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माना जा रहा है कि पहले मंत्रिमंडल विस्तार में युवा चेहरों पर फोकस किया जाएगा. 6 महीने बाद लोकसभा चुनाव हैं, ऐसे में बीजेपी की कोशिश होगी कि युवाओं को साधा जाए. ऐसे में पार्टी कुछ नया प्रयोग करके एक संदेश देने की भी कोशिश करेगी. मंत्रिमंडल में वरिष्ठ विधायकों की अपेक्षा उन युवा विधायकों को मौका दिया जा सकता है, जो अभी तक अभी मंत्री नहीं बने या पहली बार जीत कर आए हैं. हालांकि कुछ वरिष्ठ विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है, इनकी संख्या ज्यादा नहीं होगी.
इन विधायकों को मिल सकती है जगह : भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों में जातिगत और क्षेत्रीय आधार पर गौर किया जा सकता है. लिहाजा आदिवासी, दलित और सवर्ण के साथ ही महिला और पिछड़ों को भी तवज्जो मिल सकती है. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल युवा और अनुभवी चेहरों का समावेश होगा. इनमें आदिवासी चेहरों में पूर्वी राजस्थान से डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा, वागड़ से फूलसिंह मीणा और एक युवा नेता के तौर पर हाड़ौती से ललित मीणा को भी मौका मिल सकता है. इसी तरह दलित चेहरों में जोगेश्वर गर्ग, मदन दिलावर, डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, जितेन्द्र गोठवाल और एक महिला और स्वच्छ छवि के कारण अनिता भदेल या मंजू बाघमार में से किसी एक को मौका मिल सकता है.
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इन नामों की भी चर्चा : इनके अलावा राजपूत चेहरों में छह बार के विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत को फ्लोर मैनेजमेंट का मौका भी दिया जा सकता है. इस रेस में सिद्धि कुमारी, हमीर सिंह और आयुष्मान सिंह को मौका मिल सकता है. ब्राह्मण मुख्यमंत्री के बाद अब कोटा दक्षिण से आने वाले विधायक संदीप शर्मा को मौका मिल सकता है. संजय शर्मा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के भी करीबी हैं. वहीं, शत्रुघन गौतम, जिन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता रघु शर्मा को हराया है, उन्हें भी मौका दिया जा सकता है. इसके आलावा देवेन्द्र जोशी और गोपाल लाल शर्मा मांडलगढ़ को मौका दिया जा सकता है. चार धार्मिक नेताओं में से इस रेस में बाबा बालकनाथ और महंत प्रतापपुरी को मौका दिया जा सकता है. महिला और युवा चेहरों में दिप्ती किरण माहेश्वरी और नौक्षम चौधरी को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है.
पिछड़े वर्ग के नेताओं में जाट चेहरे के रूप में झाबर सिंह खर्रा और अजय सिंह किलक में से एक को पूर्व मंत्री के अनुभव के लिहाज से मौका दिया जा सकता है. बीकानेर संभाग से सुमित गोदारा या संजीव बेनीवाल में से एक को भी मौका दिया जा सकता है, इसी तरह से कन्हैयालाल चौधरी, शैलेश सिंह, जवाहर सिंह बेढम में से भी एक को मौका मिल सकता है. अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों में मेवाड़ से जीते एक मात्र गुर्जर और पहली बार के विधायक उदयलाल भड़ाना और हंसराज पटेल को मौका मिल सकता है. अन्य जातियों में माली समाज से आने वाले अविनाश गहलोत, बिश्नोई समाज से पब्बाराम और कलवी समाज से जोगाराम पटेल या पचपदरा से जीतकर आए अरुण चौधरी को मौका दिया जा सकता है. इसी तरह से धाकड़ समाज से हीरालाल नागर का चांस मिल सकता है.