जयपुर. राजधानी जयपुर में शादी के चार दिन बाद ही दुल्हन ने पति को ब्लैकमेल कर रुपए की डिमांड करनी शुरू कर दी. वह रुपए नहीं दे पाया, तो दुल्हन ने साथ रहने से भी इनकार कर दिया और घर छोड़कर चली गई. बाद में जब उस युवक ने युवती के परिजनों से संपर्क किया, तो उन्होंने भी रुपए देने का दबाव बनाया और रुपए नहीं देने पर केस में फंसाने की धमकी दी. जब युवक को पता चला कि जिस लड़की के साथ उसने सात फेरे लिए. वह पहले से शादीशुदा है और उसके घरवालों ने रुपए के लिए ही उससे उसकी शादी करवाई है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई.
अब युवक ने मुहाना थाने में लड़की और परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. मुहाना थानाधिकारी दिलीप सिंह ने बताया कि तलाई की ढाणी, जटवाड़ा हाल डिग्गी रोड स्थित कृष्णा विहार निवासी छोटूलाल कुमावत (36) ने छापोलों का खुर्रा, सांगानेर निवासी राजेश कुमार, दीपक उर्फ कालू, मंजू और मधु के खिलाफ इस्तगासे के जरिए मुकदमा दर्ज करवाया है. उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वह मजदूरी करता है. उसकी दीपक से राजू कुमावत की चाय की थड़ी पर मुलाकात हुई थी. जहां दीपक ने अपनी बहन मधु की शादी के बारे में चर्चा की, तो राजू ने उसकी शादी की बात चलाई.
पढ़ेंः Robber Bride: सात वचनों के साथ लिए सात फेरे, शादी के 7 घंटे बाद ही फुर्र हो गई 2 लाख की दुल्हन
इसके बाद दीपक अपने पिता राजेश के साथ उसके घर आया और मधु की शादी उसके साथ 8 जुलाई, 2022 को तय कर दी. उसके करीब 3 लाख रुपए खर्च कर मधु से शादी की और जेवरात भी दिए. मधु के पिता को भी उसने करीब 1.50 लाख रुपए दिए. शादी के बाद मधु 4-5 दिन उसके साथ रही. इसके बाद उसने रुपए की डिमांड की. रुपए नहीं देने पर वह घर छोड़कर चली गई. जब उसने मधु के परिजनों से बात की तो उन्होंने भी रुपए की डिमांड की और मुकदमे में फंसाने की धमकी दी.
पढ़ेंः 5 लाख में खरीदी दुल्हन ने शादी से पहले प्रेमी के साथ भागने का किया प्रयास, दोनों पुलिस के हवाले
पहले से शादीशुदा निकली लड़कीः परिवादी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जब उसने पड़ताल की, तो पता चला कि मधु की शादी पहले से राजवास निवासी उत्तमचंद के साथ हो चुकी है. इस बारे में लड़की के परिजनों से बात की तो उन्होंने कहा कि रुपयों के लिए ही यह साजिश रची थी. इसके बाद मधु के परिजन उसे ब्लैकमेल करने लगे और रुपए की डिमांड करते रहे. पुलिस का कहना है कि परिवादी की रिपोर्ट पर चार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 384, 420, 406, 504, 506 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है.