जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस की हार को लेकर शनिवार को दिल्ली में समीक्षा बैठक हुई. एआईसीसी मुख्यालय पर करीब 2 घंटे तक चली इस बैठक के बाद बाहर निकले नेताओं ने चुप्पी साधे रखी. इस दौरान प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, बायतु से विधायक हरीश चौधरी बाहर आए. सभी नेताओं ने मीडिया के सामने चुप्पी साधे रखी. बैठक के दौरान राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई, पार्टी के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन, वीरेंद्र राठौड़ और अमृता धवन भी मौजूद रहे. वहीं, बैठक में सीपी जोशी, भंवर जितेंद्र सिंह, महेंद्रजीत सिंह मालवीय और मोहन प्रकाश भी शामिल रहे.
रंधावा ने की इस्तीफे की पेशकश : कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दिल्ली में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान हार की जिम्मेदारी ली और इस्तीफे की पेशकश की. वहीं, बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''हम आज से ही लोकसभा की तैयारी में जुट रहे हैं. इस बैठक में हार के कारणों की समीक्षा की गई. साथ ही हमारे बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं ने बेहतर प्रदर्शन किया है. इससे बीते चुनाव के मुकाबले में हमारा वोट प्रतिशत मजबूत हुआ है.''
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पार्टी में बदलाव पर बोले रंधावा : कांग्रेस की हार के कारण की समीक्षा के दौरान राज्य के संगठन और जिम्मेदारी को लेकर इस्तीफों से जुड़े सवाल पर भी सुखजिंदर रंधावा ने कहा, ''चुनाव में हमारा वोट प्रतिशत अच्छा रहा है और ये नीचे नहीं गया है. वहीं, पार्टी के बड़े नेताओं ने भी माना है कि राजस्थान का चुनाव मन से लड़ा गया है. यही कारण है कि 70 के करीब विधायक जीत कर आए हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं हुआ था.'' उन्होंने आगे कहा, ''सात-आठ विधायक ऐसे भी रहे, जो 300 से लेकर 500 वोटों की अंतर से हारे हैं.'' हालांकि, इस दौरान जब उनसे नए पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इन विषय पर कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया.