जयपुर. प्रदेश में बेरोजगार युवकों को खुश करने के लिए सीधी भर्ती के नाम पर संविदा पर ग्राम रक्षक की भर्ती की योजना पर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं. भाजपा नेताओं को गहलोत सरकार की इस संभावित योजना को लेकर संदेह है कि सीधी भर्ती के नाम पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को उपकृत करने का मन तो नहीं रखती.
यही कारण है कि भाजपा नेता योजना शुरू होने से पहले ही उस पर सवाल खड़े कर रहे हैं भाजपा के वरिष्ठ नेता पंकज जोशी और जयपुर शहर पूर्व अध्यक्ष व दौसा लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी संजय जैन ने गहलोत सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं भाजपा पैनलिस्ट रहे डॉ आलोक भारद्वाज ने भी सीधे तौर पर सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए इनके अनुसार बेरोजगारों को भर्ती कर रोजगार देने का तो भाजपा स्वागत करेगी लेकिन भर्ती की प्रक्रिया पारदर्शी होना चाहिए ताकि उसका लाभ बेरोजगार व्यक्ति को ही मिल सके.
भाजपा नेताओं के अनुसार जिस तरह सीधी भर्ती कर ₹4000 प्रति माह के मानदेय पर ग्राम रक्षक रखे जाएंगे उसमें इस बात का भी संदेह है कि कांग्रेस नेता अपने अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को इस संविदा भर्ती के नाम पर उपकृत कर दे इसीलिए सरकार यदि ग्राम रक्षक रखें तो उसकी भर्ती में पूरी पारदर्शिता रखे.
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गौरतलब है कि सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार और गांवों की रक्षा के लिए गहलोत सरकार ने पहल करते हुए 40 हजार 'ग्राम रक्षकों' का चयन करने का निर्णय किया है. इन ग्राम रक्षकों को बाकायदा 4 हजार रुपए मासिक वेतन भी दिया जाएगा. ग्राम रक्षक के रूप में चयनित होने वाले इन युवाओं के कंधे पर जहां योजनाओं के प्रचार की जिम्मेदारी होगी, वहीं ये गांवों की सुरक्षा में मुख्य भूमिका निभाएंगे. सीएम अशोक गहलोत के इस निर्णय को सरकार में बैठे लोग जहां अभिनव पहल करार दे रहे हैं. वहीं, भाजपा इसे कांग्रेसियों को उपकृत करने की योजना करार दे रही है.