जयपुर. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव को लेकर अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. कांग्रेस इस घोषणा पत्र को सरकार बनने के बाद का विजन करार दे रही है, जिसे भाजपा ने झूठ का पुलिंदा बता दिया है. मंगलवार को इसपर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी ने कहा कि ये घोषणा उसी तरह से है, जैसे कांग्रेस नेता आलू से सोना बनाने की बात करते हैं. कांग्रेस की गारंटी और घोषणाओं पर जनता को विश्वास नहीं है.
घोषणा पत्र, आलू से सोना बनाने वाला : भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को आलू से सोना बनाने वाला और सब्जबाग दिखाने वाला बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जिस प्रकार 2018 में झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया, वही प्रयास इस घोषणा पत्र में साफ दिखाई देता है. जोशी ने कहा कि मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना का नाम बदलकर गहलोत सरकार की चिरंजीवी योजना किया है. घोषणा पत्र में न तो पेपर लीक के बारे में प्रावधान है और न ही नारी सुरक्षा के बारे में कुछ कहा गया है.
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काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती : उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली गहलोत सरकार में जिन लोगों को राजीव गांधी पाठशाला में लगाया गया था, उनकी सैलरी नरेगा में काम करने वाले मजदूर भाइयों से भी कम थी. गहलोत सरकार सिर्फ चुनावी समय में सब्जबाग दिखाकर सत्ता में आने का रास्ता तलाश करती है. सीपी जोशी ने कहा कि 'काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती'. राजस्थान की जनता इनका असली चेहरा जान चुकी है. जनता का विश्वास कांग्रेस की नहीं, पीएम मोदी की दी गई गारंटी में है. अब तो सीएम गहलोत का बेटा भी कांग्रेस सरकार के रिपीट नहीं होने की बात करता है.
युवाओं से पेपर लीक के नाम पर छलावा : कांग्रेस के घोषणा पत्र पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार झूठ का पुलिंदा लेकर आई है. 2018 में की गई घोषणाओं को ही सरकार आज तक पूरा नहीं कर पाई है. उन्होंने 2018 के घोषणा पत्र की कुछ घोषणाओं को पढ़कर सुनाया और उनके पूरे नहीं होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि यहां कि प्रशासन की वजह से राजस्थान रेप की राजधानी बन गया है. कांग्रेस पार्टी ने 15 साल तक शासन किया और तीन बार एक ही व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया, लेकिन सिवाय प्रदेश को रेप कैपिटल बनाने, किसानों की जमीन नीलाम करने और युवाओं से पेपर लीक के नाम पर छलावा करने के कुछ भी नहीं किया.
5 साल में 9 बार बिजली की दरें बढ़ाई : उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2018 में भी घोषणा पत्र जारी किया था, जो कि महज 44 पेज का था. इसमें कांग्रेस पार्टी ने जो वादे किए थे, उनमें से एक भी पूरा नहीं किया. अबकी बार दोगुना 85 पेज का घोषणा पत्र लेकर आए हैं. कांग्रेस ने 2023 के घोषणा पत्र के प्राक्कथन में लिखा है कि हमने 2018 के जन-घोषणा पत्र में किए गए 96 प्रतिशत वादे पूरे किए हैं. शेखावत ने कहा कि कृषि पर कांग्रेस ने 2018 के घोषणा पत्र के पहले पेज पर 27 बिंदु रखे, लेकिन उसमें 25 पूरे नहीं किए. कांग्रेस ने घोषणा पत्र में बिजली के दाम नहीं बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन पिछले 5 साल में 9 बार बिजली की दरें बढ़ाई. गांवों को सड़कों से जोड़ने का वादा किया था, अब फिर से वो ही घोषणा लेकर आ गए.
झूठ का पुलिंदा : उन्होंने कहा कि एमपी, हरियाणा और गुजरात ने एमएसपी पर बाजरे की खरीद की, लेकिन राजस्थान सरकार ने बाजरा खरीद के लिए केंद्र को पत्र नहीं लिखा. इसके चलते बाजरे पर प्रति क्विंटल 1 हजार रुपए का नुकसान हुआ. इस बार फिर कांग्रेस ने किसानों को भ्रमित करने के लिए कई घोषणाएं की हैं. शेखावत ने कहा कि कांग्रेस ने चिरंजीवी योजना को 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख करने की घोषणा की है, जब इन लोगों ने 5 लाख से 10 लाख की घोषणा की थी तब विधानसभा में यह प्रश्न किया गया कि कितने लोगों को इसका लाभ मिला तो यह संख्या 300 से भी कम थी. वहीं, जब 10 लाख से ज्यादा बीमा की सुविधा मिलेगी तो उस बीमा राशि का पैसा मुख्यमंत्री के फंड से मिलेगा. यह मुख्यमंत्री के विवेक पर होगा जो विषय मुख्यमंत्री के विवेक अधिकार का विषय हो उसे एक स्कीम के तरह दर्शाना छलावा है. यदि सीएम तय करेंगे तो फिर यह 1 करोड़ भी हो सकती है. यह घोषणा पत्र सिर्फ और सिर्फ भ्रमित करने वाला झूठ का पुलिंदा है.