जयपुर. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में सरकार और सरकारी अमला लगा (Bharat Jodo Yatra) हुआ है. इसको लेकर हर बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक भी इस बार नहीं हो रही है. बजट पूर्व होने वाली सुझाव बैठक भी नहीं हो पा रही है. कामकाज पर लगे इस ब्रेक पर बीजेपी ने भी सवाल खड़े किए है. बीजेपी ने कहा कि सीएम गहलोत सहित मंत्री मंडल राहुल गांधी की आवभगत में लगा है तो फिर प्रदेश की सरकार कौन चला रहा है?
बीजेपी ने कहा सरकार कौन चला रहा है : बीजेपी प्रदेश मंत्री लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में (BJP targets Congress on Bharat Jodo Yatra) सरकार राहुल गांधी की मर्जी पर चल रही है. इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित मंत्रिमंडल और अफसर राहुल गांधी की आवभगत में लगे हैं. सरकार को राजस्थान की जनता से कोई सरोकार नहीं है. प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ जाए, विकास कार्यों पर ब्रेक लगे, किसानों को बिजली, खाद नहीं मिले इन सब बातों से सरकार को कोई वास्ता नहीं है. भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राहुल गांधी को खुश करने के लिए पूरी मेहमान नवाजी में लगे हुए हैं.
लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले घोषणा कर रहे थे कि बजट इस बार 1 महीने पहले आएगा. लेकिन अब उनसे कोई पूछे कि जब आप 18 दिन तक राहुल गांधी की आवभगत में लगे हैं, 15 दिन पहले से तैयारियों में लगे हुए थे तो फिर बजट तैयार कर कौन रहा है? लोगों की जरूरत क्या है, क्या चाहती है राजस्थान की आम जनता इसको लेकर सुझाव कौन ले रहा है? इसका कोई जवाब सरकार के पास नहीं है. उन्होंने कहा कि अधिकारी बजट तैयार करते हैं, उसकी समीक्षा होती है. उस समीक्षा को कौन कर रहा है? इसका कोई जवाब नहीं है. उन्होंने कहा कि अपनी कुर्सी बची रहे, इसी को लेकर सब काम हो रहा है. भारद्वाज ने कहा कि मौजूदा वक्त में तो ये भी समझ से परे है कि जब मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रिमंडल राहुल की यात्रा में है तो प्रदेश में सरकार चला कौन रहा है?
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कब से कब तक : प्रदेश में राहुल गांधी की यात्रा पहुंचे 3 दिन हो गए. यह यात्रा 5 से लेकर 21 दिसंबर तक राजस्थान में रहेगी. इस दौरान सरकारी अमला इस यात्रा की व्यवस्था में लगा हुआ है. 18 दिन तक रहने वाली इस यात्रा के चलते सरकारी कामकाज रूक सा गया है. अब कोई बड़ी मीटिंग इसलिए नहीं हो रही क्योंकि सभी मंत्री राहुल गांधी की यात्रा में व्यस्त हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कैबिनेट की बैठक हर बुधवार को लेते हैं, वह भी इस बार नहीं हो रही है. क्योंकि सीएम भी लगातार राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हैं. मुख्यमंत्री और मंत्री की गैरमौजूदगी में अब कामकाज एक तरह से थम सा गया है. कोई भी बड़ी फाइल या प्रस्ताव इसलिए आगे नहीं बढ़ पा रहा है क्योंकि उस पर निर्णय करने वाला मौजूद नहीं है. आगे भी कामकाज की रफ्तार सुस्त रहेगी क्योंकि नौकरशाह काम भी करेंगे तो भी मंत्रियों की मंजूरी के बगैर फाइल आगे नहीं बढ़ेगी. ऐसे में विभागों की योजनाओं और उनके क्रियान्वयन पर भी इसका असर पड़ेगा.
जनवरी माह में प्रस्तावित बजट : प्रदेश की गहलोत सरकार इस बार जनवरी में बजट पेश करने जा रही है. लेकिन बजट को लेकर होने वाली बैठक अभी सिर्फ एक ही बार हुई है. जबकि बजट से पूर्व सीएम गहलोत हर वर्ग से अलग-अलग संवाद करते हैं. बजट पूर्व होने वाले संवाद की गति इस बार धीमी है. जबकि इसको लेकर पूर्व में विभागीय स्तर पर बजट पूर्व संवाद बैठकों का भी दौर शुरू हुआ था. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जनप्रतिनिधियों, सिविल सोसायटी, आमजन, विभिन्न एनजीओ, किसानों, विद्यार्थियों के साथ बजट पूर्व संवाद बैठक करके उनके सुझाव लेने और उसके बाद बजट की तैयारियों को अंतिम रूप देना था. लेकिन अब मुख्यमंत्री की व्यस्तता के चलते संभवतः इस माह में बजट पूर्व संवाद बैठकों का दौर शायद ही हो. ऐसे में जब बजट पूर्व संवाद बैठकर नहीं होगी तो फिर बजट की तैयारियां भी नहीं हो पाएगी. इसके चलते सरकार के पांचवें और अंतिम बजट में भी देरी होना संभव है.