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Satish Poonia Targets Congress : पूनिया बोले- प्रतिशोध में बीजेपी कार्यकर्त्ताओं के खिलाफ दर्ज करवाए मुकदमे

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक बार फिर कांग्रेस सरकार पर निशाना (Satish Poonia in Ajmer) साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रतिशोध लेने के लिए बीजेपी पर मुकदमें दर्ज करवा रही है.

Satish Poonia Targets Congress
Satish Poonia Targets Congress
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Published : Feb 7, 2023, 5:54 PM IST

Updated : Feb 7, 2023, 6:47 PM IST

पूनिया ने एक बार फिर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा

अजमेर. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया मंगलवार को अजमेर दौरे पर रहे. यहां उन्होंने जीसीए कॉलेज और एमडीएस यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रतिशोध में बीजेपी नेताओं के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराए गए हैं. इनमें वो खुद भी शामिल हैं.

पूनिया ने कहा कि विपक्ष के नाते सरकार की विफलताओं के खिलाफ पार्टी ने आंदोलन किया. कांग्रेस सरकार ने प्रतिशोध के रूप में बीजेपी नेताओं के खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे दर्ज कराए. उन्होंने कहा कि उनपर भी 12 मुकदमें दर्ज हुए हैं. बीजेपी ने प्रदेश में विपक्ष की भूमिका पुरजोर तरीके से निभाई है. उन्होंने कहा कि पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं. राजस्थान में तो पिछले 4 वर्षों से कांग्रेस की सरकार है. 2019 में थानागाजी की गैंगरेप घटना से सरकार की बुनियाद शुरू हुई थी. इस घटना ने पूरे देश में शर्मसार किया था. कालांतर में इस घटना की परिणति साढ़े आठ लाख मुकदमे के रूप में हुई.

पढ़ें. सतीश पूनिया का कांग्रेस पर प्रहार, कहा- जंगलराज, कुशासन और भ्रष्टाचार के 4 साल हमेशा रहेंगे याद

उन्होंने कहा कि नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 17 रेप और 7 हत्याएं प्रतिदिन हो रही हैं. यानी सरकार ने पिछले 4 वर्षों में प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था दी है. पूनिया ने कहा कि किसी भी प्रदेश की खुशहाली और तरक्की की कारक उसकी शांति व्यवस्था होती है. राजस्थान की सरकार ने इस मामले में निराश इसलिए किया क्योंकि पूर्णकालिक गृहमंत्री सरकार में नहीं है. पुलिस में राजनीतिक हस्तक्षेप है एवं संसाधनों के अभाव के कारण पुलिसिंग लगभग खत्म हो गई है.

पूनिया ने तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान आज अपराधों का गढ़ बन गया है. कांग्रेस सरकार ने कर्जा माफी के नाम पर किसानों के साथ ठगी की है. कर्ज में डूबे 18 हजार किसानों की जमीनें नीलाम हो गई, जबकि सरकार ने किसानों से पूरा कर्जा माफी का वादा किया था. राजस्थान के 5 हजार 953 युवाओं ने बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की है. राजस्थान में देश की सर्वाधिक बेरोजगारी दर 30 प्रतिशत है. इसमें भी पेपर लीक प्रकरणों ने बेरोजगारों के सपनों को तोड़ा है. राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. उन्होंने बताया कि सीएम ने सार्वजनिक रूप से जब लोगों से तबादले के लिए रिश्वत देने के बारे में पूछा तो हां में आवाज आई थी. उन्होंने बताया कि हर वर्ष 600 मुकदमे एंटी करप्शन ब्यूरो में दर्ज होते हैं. प्रदेश में हर 12 किलोमीटर पर कोई न कोई अधिकारी और कर्मचारी ट्रैप होता है.

पढ़ें. बेरोजगारी के खिलाफ उद्वेलित हैं प्रदेश के छात्र, भेदभाव कर रही गहलोत सरकार : सतीश पूनिया

पिछड़े राज्यों में राजस्थान हुआ शुमार : पूनिया ने सरकार की विफलताओं को गिनाते हुए कहा कि बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रदेश की जनता जूझ रही है. उन्होंने कहा कि यह राजस्थान सरकार की बानगी है कि 4 वर्षों में वह नेतृत्व का फैसला नहीं कर पाए. कांग्रेस में लगातार अंतर्कलह, अंतर्द्वंद्व और अंतर्विरोध बाड़ाबंदी के रूप में तो कभी इस्तीफे के रूप में सामने आई है. इसका असर शासन पर भी पड़ा है. इस कारण राजस्थान देश के पिछड़े राज्यों में शुमार हो गया है.

पेपर लीक प्रकरण पर बोले पुनिया : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जारोली का बयान था कि सारा काम राजनीतिक संरक्षण में हुआ है. उन्होंने कहा कि लगता है कांग्रेस पार्टी पिछले दरवाजे से अपने कार्यकर्ताओं और कांग्रेस के लोगों को भर्ती करना चाह रही थी. जब इस प्रकरण का खुलासा हुआ तब छोटी मछलियां तो पकड़ी गईं, लेकिन बड़े मगरमच्छ बच गए. राजस्थान की सरकार में नैतिकता और इमान नहीं है. एसओजी ने सही दिशा में जांच शुरू की थी लेकिन आधे रास्ते में ही जांच को डायवर्ट कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जब इतना बड़ा अपराध होता है तो उस अपराध का दोषी मुखिया ही होता है. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इस मामले में राजस्थान के युवाओं के साथ न्याय नहीं किया है. एक ओर प्रदेश में 30 फीसदी बेरोजगारी, दूसरी ओर रीट में चीट कर प्रदेश के नौजवानों के सपनों को तोड़ा गया है.

पढ़ें. Poonia Supports Hosabale: दत्तात्रेय होसबोले के समर्थन में उतरे सतीश पूनिया, कहा- हम सब भारत माता की संतान ये ऐतिहासिक सत्य

पीएफआई को राजस्थान में मिला सुरक्षित माहौल : उदयपुर में बजरंग दल के कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या के मामले में पूनिया ने कहा कि उदयपुर में यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कन्हैयालाल की गला काटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी. उसका कोई दोष नहीं था. पूनिया ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार तुष्टिकरण करती है. इसका उदाहरण है कि रामनवमी और हिंदू नव वर्ष पर प्रतिबंध लगाया जाता है. वहीं हिजाब के मामले पर पीएफआई को रैली करने की स्वीकृति दी जाती है.

उन्होंने कहा कि जब सरकार निष्पक्ष नहीं होती है और तुष्टिकरण करती है तो इस तरह की आशंकाएं बढ़ जाती हैं. पूनिया ने कहा कि एनआईए ने मामले की जांच की तो पता लगा कि दहशतगर्दी के लिए अरब से पीएफआई को फंडिंग की जा रही थी. ऐसे अराजक तत्वों ने प्रदेश की शांति को भी भंग किया और उनको राजस्थान महफूज लगा कि वह यहां अपराध कर सके. प्रदेश के हर हिस्से में इस तरह की घटनाएं हुई हैं. ऐसी घटनाओं ने राजस्थान की सरकार पर सीधे सीधे कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में पीएफआई को एक धरातल मिला है. कन्हैया लाल हत्याकांड में एनआईए ने जब जांच शुरू की थी तब बीजेपी ने कहा था कि पीएफआई के तार राजस्थान से जुड़े हुए हैं. तुष्टीकरण के नाम से उन पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने पर पीएफआई के हौसले बढ़े हैं.

पढ़ें. Union Budget 2023 : कांग्रेस के 'अंधे' लोगों को राजस्थान ही दिखता है, लेकिन PM मोदी पूरे देश को देखते हैं - सतीश पूनिया

कांग्रेस ने बेरोजगारों से की वादाखिलाफी : राजस्थान में बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़ों पर पूनिया ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कहा था कि सत्ता में आएंगे तो रोजगार देंगे. रोजगार की बात तो दूर है बेरोजगारी भत्ता की बात भी पूरी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि 30 लाख से अधिक बेरोजगार हैं और भत्ता 65 हजार बेरोजगारों को दिया जा रहा है. नौकरी देने के सरकार ने वादे किए, लेकिन 16 प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक हुए. इससे सारी ही गणित बिगड़ गई. बेरोजगारी के मामले में राजस्थान सरकार ने जो भी कहा वह वादाखिलाफी है.

सरकार की विफलताओं के खिलाफ आंदोलन : पूनिया ने कहा कि कोई भी आंदोलन 1 दिन में नहीं होता. उन्होंने कहा कि सरकार को बरस तो 4 हुए हैं लेकिन बीच में 2 वर्ष कोरोना की छाया में गुजरे हैं. इस पूरे कोरोना कालखंड में बीजेपी ने सेवा कार्य जारी रखा और करोड़ों लोगों को भोजन-पानी उपलब्ध करवाकर सेवा का ही आंदोलन किया था. उन्होंने कहा कि बिजली की दरें बढ़ी तो प्रदेश में डेढ़ लाख से भी अधिक लोगों ने प्रदेश भर में बिजली विभाग के कार्यालयों पर प्रदर्शन किया. रीट में चीट के मामले में भी प्रभावी आंदोलन हुए. अक्टूबर 2020 में बीजेपी युवा मोर्चा के आंदोलन में लाठीचार्ज किया गया जिसमें 40 से अधिक कार्यकर्ताओं के चोटें आईं थी. बीजेपी ने पुरजोर तरीके से सरकार की विफलताओं के खिलाफ आंदोलन किए हैं.

पूनिया ने एक बार फिर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा

अजमेर. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया मंगलवार को अजमेर दौरे पर रहे. यहां उन्होंने जीसीए कॉलेज और एमडीएस यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रतिशोध में बीजेपी नेताओं के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराए गए हैं. इनमें वो खुद भी शामिल हैं.

पूनिया ने कहा कि विपक्ष के नाते सरकार की विफलताओं के खिलाफ पार्टी ने आंदोलन किया. कांग्रेस सरकार ने प्रतिशोध के रूप में बीजेपी नेताओं के खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे दर्ज कराए. उन्होंने कहा कि उनपर भी 12 मुकदमें दर्ज हुए हैं. बीजेपी ने प्रदेश में विपक्ष की भूमिका पुरजोर तरीके से निभाई है. उन्होंने कहा कि पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं. राजस्थान में तो पिछले 4 वर्षों से कांग्रेस की सरकार है. 2019 में थानागाजी की गैंगरेप घटना से सरकार की बुनियाद शुरू हुई थी. इस घटना ने पूरे देश में शर्मसार किया था. कालांतर में इस घटना की परिणति साढ़े आठ लाख मुकदमे के रूप में हुई.

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उन्होंने कहा कि नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 17 रेप और 7 हत्याएं प्रतिदिन हो रही हैं. यानी सरकार ने पिछले 4 वर्षों में प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था दी है. पूनिया ने कहा कि किसी भी प्रदेश की खुशहाली और तरक्की की कारक उसकी शांति व्यवस्था होती है. राजस्थान की सरकार ने इस मामले में निराश इसलिए किया क्योंकि पूर्णकालिक गृहमंत्री सरकार में नहीं है. पुलिस में राजनीतिक हस्तक्षेप है एवं संसाधनों के अभाव के कारण पुलिसिंग लगभग खत्म हो गई है.

पूनिया ने तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान आज अपराधों का गढ़ बन गया है. कांग्रेस सरकार ने कर्जा माफी के नाम पर किसानों के साथ ठगी की है. कर्ज में डूबे 18 हजार किसानों की जमीनें नीलाम हो गई, जबकि सरकार ने किसानों से पूरा कर्जा माफी का वादा किया था. राजस्थान के 5 हजार 953 युवाओं ने बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की है. राजस्थान में देश की सर्वाधिक बेरोजगारी दर 30 प्रतिशत है. इसमें भी पेपर लीक प्रकरणों ने बेरोजगारों के सपनों को तोड़ा है. राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. उन्होंने बताया कि सीएम ने सार्वजनिक रूप से जब लोगों से तबादले के लिए रिश्वत देने के बारे में पूछा तो हां में आवाज आई थी. उन्होंने बताया कि हर वर्ष 600 मुकदमे एंटी करप्शन ब्यूरो में दर्ज होते हैं. प्रदेश में हर 12 किलोमीटर पर कोई न कोई अधिकारी और कर्मचारी ट्रैप होता है.

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पेपर लीक प्रकरण पर बोले पुनिया : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जारोली का बयान था कि सारा काम राजनीतिक संरक्षण में हुआ है. उन्होंने कहा कि लगता है कांग्रेस पार्टी पिछले दरवाजे से अपने कार्यकर्ताओं और कांग्रेस के लोगों को भर्ती करना चाह रही थी. जब इस प्रकरण का खुलासा हुआ तब छोटी मछलियां तो पकड़ी गईं, लेकिन बड़े मगरमच्छ बच गए. राजस्थान की सरकार में नैतिकता और इमान नहीं है. एसओजी ने सही दिशा में जांच शुरू की थी लेकिन आधे रास्ते में ही जांच को डायवर्ट कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जब इतना बड़ा अपराध होता है तो उस अपराध का दोषी मुखिया ही होता है. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इस मामले में राजस्थान के युवाओं के साथ न्याय नहीं किया है. एक ओर प्रदेश में 30 फीसदी बेरोजगारी, दूसरी ओर रीट में चीट कर प्रदेश के नौजवानों के सपनों को तोड़ा गया है.

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पीएफआई को राजस्थान में मिला सुरक्षित माहौल : उदयपुर में बजरंग दल के कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या के मामले में पूनिया ने कहा कि उदयपुर में यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कन्हैयालाल की गला काटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी. उसका कोई दोष नहीं था. पूनिया ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार तुष्टिकरण करती है. इसका उदाहरण है कि रामनवमी और हिंदू नव वर्ष पर प्रतिबंध लगाया जाता है. वहीं हिजाब के मामले पर पीएफआई को रैली करने की स्वीकृति दी जाती है.

उन्होंने कहा कि जब सरकार निष्पक्ष नहीं होती है और तुष्टिकरण करती है तो इस तरह की आशंकाएं बढ़ जाती हैं. पूनिया ने कहा कि एनआईए ने मामले की जांच की तो पता लगा कि दहशतगर्दी के लिए अरब से पीएफआई को फंडिंग की जा रही थी. ऐसे अराजक तत्वों ने प्रदेश की शांति को भी भंग किया और उनको राजस्थान महफूज लगा कि वह यहां अपराध कर सके. प्रदेश के हर हिस्से में इस तरह की घटनाएं हुई हैं. ऐसी घटनाओं ने राजस्थान की सरकार पर सीधे सीधे कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में पीएफआई को एक धरातल मिला है. कन्हैया लाल हत्याकांड में एनआईए ने जब जांच शुरू की थी तब बीजेपी ने कहा था कि पीएफआई के तार राजस्थान से जुड़े हुए हैं. तुष्टीकरण के नाम से उन पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने पर पीएफआई के हौसले बढ़े हैं.

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कांग्रेस ने बेरोजगारों से की वादाखिलाफी : राजस्थान में बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़ों पर पूनिया ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कहा था कि सत्ता में आएंगे तो रोजगार देंगे. रोजगार की बात तो दूर है बेरोजगारी भत्ता की बात भी पूरी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि 30 लाख से अधिक बेरोजगार हैं और भत्ता 65 हजार बेरोजगारों को दिया जा रहा है. नौकरी देने के सरकार ने वादे किए, लेकिन 16 प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक हुए. इससे सारी ही गणित बिगड़ गई. बेरोजगारी के मामले में राजस्थान सरकार ने जो भी कहा वह वादाखिलाफी है.

सरकार की विफलताओं के खिलाफ आंदोलन : पूनिया ने कहा कि कोई भी आंदोलन 1 दिन में नहीं होता. उन्होंने कहा कि सरकार को बरस तो 4 हुए हैं लेकिन बीच में 2 वर्ष कोरोना की छाया में गुजरे हैं. इस पूरे कोरोना कालखंड में बीजेपी ने सेवा कार्य जारी रखा और करोड़ों लोगों को भोजन-पानी उपलब्ध करवाकर सेवा का ही आंदोलन किया था. उन्होंने कहा कि बिजली की दरें बढ़ी तो प्रदेश में डेढ़ लाख से भी अधिक लोगों ने प्रदेश भर में बिजली विभाग के कार्यालयों पर प्रदर्शन किया. रीट में चीट के मामले में भी प्रभावी आंदोलन हुए. अक्टूबर 2020 में बीजेपी युवा मोर्चा के आंदोलन में लाठीचार्ज किया गया जिसमें 40 से अधिक कार्यकर्ताओं के चोटें आईं थी. बीजेपी ने पुरजोर तरीके से सरकार की विफलताओं के खिलाफ आंदोलन किए हैं.

Last Updated : Feb 7, 2023, 6:47 PM IST
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