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मीणा के बाद सैनी ने की चांदना के इस्तीफे की मांग...लेकिन गुंजल तो कुछ और ही कह रहे है - जयपुर

भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा पहले ही सीएम को पत्र लिखकर चांदना को बर्खास्त करने की मांग कर चुके है. लेकिन प्रहलाद गुंजल ने चांदना का समर्थन करते हुए ब्यूरोक्रेसी को ही नसीहत दे डाली.

भाजपा नेता प्रहलाद गुंजल
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Published : Mar 1, 2019, 11:53 PM IST

जयपुर. पिछले दिनों खेल मंत्री अशोक चांदना द्वारा डिस्कॉम इंजीनियर के साथ की गई बदसलूकी के मामले पर सियासत जारी है. सियासत इसलिए क्योंकि गहलोत सरकार के इस मंत्री की हरकत पर भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा पहले ही सीएम को पत्र लिखकर चांदना को बर्खास्त करने की मांग कर चुके है. लेकिन प्रहलाद गुंजल ने चांदना का समर्थन करते हुए ब्यूरोक्रेसी को ही नसीहत दे डाली.

डिस्कॉम इंजीनियर के साथ की गई बदसलूकी मामले में भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने चांदना की बर्खास्तगी की मांग की. वहीं अब बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी अपने बयानों में इसका समर्थन कर दिया. लेकिन भाजपा के भीतर ही कुछ नेता ऐसे भी है जो इस पूरे घटनाक्रम में पार्टी लाइन से अलग खेल मंत्री अशोक चांदना के समर्थन में दिख रहे है. भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल भी उसमें शामिल है. गुंजल के अनुसार जिस दिन राजनीति का अंकुश ब्यूरोक्रेसी पर से खत्म हो जाएगा उस दिन ब्यूरोक्रेसी नंगा नाच करेगी.

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खेल मंत्री अशोक चांदना द्वारा डिस्कॉम इंजीनियर के साथ बदसलूकी का मामला पिछले लंबे समय से सियासी सुर्खियों में रहा है. इस मामले में कर्मचारी संगठन तो पहले ही खेल मंत्री के खिलाफ आंदोलनरत थे. लेकिन पिछले दिनों इस मामले में मीणा समाज से आने वाले भाजपा के सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी कूद गए और सीएम को पत्र लिखकर चांदना को बर्खास्त करने की मांग कर डाली.

क्लिक कर देखें वीडियो.

अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी मीणा की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपनी मयार्दा में रहना चाहिए और जहां तक मंत्री पर कार्रवाई का सवाल है तो वो तो सीएम को बहुत पहले ही कर देना चाहिए थी. हालांकि भाजपा के इन दोनों दिग्गज नेताओं की राय खेल मंत्री अशोक चांदना के मामले में सियासी हो सकती है. लेकिन भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने जो बयान दिया है वो हैरान करने वाला है.

प्रहलाद गुंजल के अनुसार ब्यूरोक्रेसी पर राजनीति का अंकुश रहना बेहद जरूरी है और यह अंकुश हटा तो ब्यूरोंक्रेसी का नंगा नाच करेगी और जनता त्राहीमाम करेगी. गुंजल के अनुसार दो प्रतिशत अधिकारी भी ईमानदार नहीं है और अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को सिस्टम बना लिया है और उसी सिस्टम से वो काम करते है. गुंजल ने इस दौरान खुद का उदाहरण देते हुए मीडिया को भी नसीहत दी कि वो भी इस बारे में विचार करे और केवल राजनीतिक लोगों के ऐसे घटनाक्रम को एक्सपोज करके जनता के बचाव के रास्ते को बंद न करे.खेल मंत्री अशोक चांदना गुर्जर समाज से आते है और गुंजल भी गुर्जर समाज के बड़े नेता माने जाते है. ऐसे में पार्टी लाइन से अलग हटकर प्रहलाद गुंजल इस पूरे विवाद में खेल मंत्री अशोक चांदना के समर्थन में खड़े नजर आ रहे है.

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जयपुर. पिछले दिनों खेल मंत्री अशोक चांदना द्वारा डिस्कॉम इंजीनियर के साथ की गई बदसलूकी के मामले पर सियासत जारी है. सियासत इसलिए क्योंकि गहलोत सरकार के इस मंत्री की हरकत पर भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा पहले ही सीएम को पत्र लिखकर चांदना को बर्खास्त करने की मांग कर चुके है. लेकिन प्रहलाद गुंजल ने चांदना का समर्थन करते हुए ब्यूरोक्रेसी को ही नसीहत दे डाली.

डिस्कॉम इंजीनियर के साथ की गई बदसलूकी मामले में भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने चांदना की बर्खास्तगी की मांग की. वहीं अब बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी अपने बयानों में इसका समर्थन कर दिया. लेकिन भाजपा के भीतर ही कुछ नेता ऐसे भी है जो इस पूरे घटनाक्रम में पार्टी लाइन से अलग खेल मंत्री अशोक चांदना के समर्थन में दिख रहे है. भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल भी उसमें शामिल है. गुंजल के अनुसार जिस दिन राजनीति का अंकुश ब्यूरोक्रेसी पर से खत्म हो जाएगा उस दिन ब्यूरोक्रेसी नंगा नाच करेगी.

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खेल मंत्री अशोक चांदना द्वारा डिस्कॉम इंजीनियर के साथ बदसलूकी का मामला पिछले लंबे समय से सियासी सुर्खियों में रहा है. इस मामले में कर्मचारी संगठन तो पहले ही खेल मंत्री के खिलाफ आंदोलनरत थे. लेकिन पिछले दिनों इस मामले में मीणा समाज से आने वाले भाजपा के सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी कूद गए और सीएम को पत्र लिखकर चांदना को बर्खास्त करने की मांग कर डाली.

क्लिक कर देखें वीडियो.

अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी मीणा की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपनी मयार्दा में रहना चाहिए और जहां तक मंत्री पर कार्रवाई का सवाल है तो वो तो सीएम को बहुत पहले ही कर देना चाहिए थी. हालांकि भाजपा के इन दोनों दिग्गज नेताओं की राय खेल मंत्री अशोक चांदना के मामले में सियासी हो सकती है. लेकिन भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने जो बयान दिया है वो हैरान करने वाला है.

प्रहलाद गुंजल के अनुसार ब्यूरोक्रेसी पर राजनीति का अंकुश रहना बेहद जरूरी है और यह अंकुश हटा तो ब्यूरोंक्रेसी का नंगा नाच करेगी और जनता त्राहीमाम करेगी. गुंजल के अनुसार दो प्रतिशत अधिकारी भी ईमानदार नहीं है और अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को सिस्टम बना लिया है और उसी सिस्टम से वो काम करते है. गुंजल ने इस दौरान खुद का उदाहरण देते हुए मीडिया को भी नसीहत दी कि वो भी इस बारे में विचार करे और केवल राजनीतिक लोगों के ऐसे घटनाक्रम को एक्सपोज करके जनता के बचाव के रास्ते को बंद न करे.खेल मंत्री अशोक चांदना गुर्जर समाज से आते है और गुंजल भी गुर्जर समाज के बड़े नेता माने जाते है. ऐसे में पार्टी लाइन से अलग हटकर प्रहलाद गुंजल इस पूरे विवाद में खेल मंत्री अशोक चांदना के समर्थन में खड़े नजर आ रहे है.

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Intro:(special story)

मंत्री अशोक चांदना द्वारा डिस्कॉम इंजीनियर के साथ दुरूव्यवहार का मामला

भाजपा नेताओं में ही इस मामले में दो फाड

मीणा के बाद सैनी ने की चांदना के इस्तीफे की मांग लेकिन गुंजल दिखे चांदना के साथ

राजनीति का ब्यूरोंक्रेसी पर अंकुश खत्म हुआ तो नंगा नाच करेगी ब्यूरोंक्रेसी—प्रहलाद गुंजल


जयपुर (एंकर इंट्रो)

पिछले दिनों खेल मंत्री अशोक चांदना द्वारा डिस्कॉम इंजीनियर के साथ की गई बदसलुकी के मामले पर सियासत जारी है। सियासत इसलिए क्योंकि गहलोत सरकार के इस मंत्री की हरकत पर भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा पहले ही सीएम को पत्र लिखकर चांदना को बर्खास्त करने की मांग कर चुके है तो वहीं अब बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी अपने बयानों में इसका समर्थन कर दिया लेकिन भाजपा के भीतर ही कुछ नेता ऐसे भी है जो इस पूरे घटनाक्रम में पार्टी लाइन से अलग खेल मंत्री अशोक चांदना के समर्थन में दिख रहे है। भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल भी उसमें शामिल है। गुंजल के अनुसार जिस दिन राजनीति का अंकुश ब्यूरोक्रेसी पर से खत्म हो जाएगा उस दिन ब्यूरोक्रेसी नंगा नाच करेगी। 


वीओ 1 (अपनी ही पार्टी के सांसद,प्रदेशाध्यक्ष से जुदा है गुंजल की राय ) 

खेल मंत्री अशोक चांदना द्वारा डिस्कॉम इंजीनियर के साथ बदसुलूकी का मामला पिछले लंबे समय से सियासी सुर्खियों में रहा है। इस मामले में कर्मचारी संगठन तो पहले ही खेल मंत्री के खिलाफ आंदोलनरत थे लेकिन पिछले दिनों इस मामले में मीणा समाज से आने वाले भाजपा के सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी कूद गए और सीएम को पत्र लिखकर चांदना को बर्खास्त करने की मांग कर डाली। अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी मीणा की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपनी मयार्दा में रहना चाहिए और जहां तक मंत्री पर कार्रवाई का सवाल है तो वो तो सीएम को बहुत पहले ही कर देना चाहिए थी। हालांकि भाजपा के इन दोनों दिग्गज नेताओं की राय खेल मंत्री अशोक चांदना के मामले में सियासी हो सकती है लेकिन भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल की राय अपनी ही पार्टी के नेताओं से जुदा है। आप खुद ही सुन लिजिये...

बाइट—मदनलाल सैनी,प्रदेशाध्यक्ष,भाजपा
बाइट—प्रहलाद गुंजल,पूर्व विधायक,भाजपा


वीओ 2
गुर्जर समाज से आने वाले तेज तर्रार भाजपा नेता प्रहलाद गुंजल के अनुसार ब्यूरोंक्रेसी पर राजनीति का अंकुश रहना बेहद जरूरी है और यह अंकुश हटा तो ब्यूरोंक्रेसी का नंगा नाच करेगी और जनता त्राहीमाम करेगी। गुंजल के अनुसार दो प्रतिशत अधिकारी भी भी ईमानदार नहीं है और अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को सिस्टम बना लिया है और उसी सिस्टम से वो काम करते है। गुंजल ने इस दौरान खुद का उदाहरण देते हुए मीड़िया को भी नसीहत दी कि वो भी इस बारे में विचार करे और केवल राजनीतिक लोगों के ऐसे घटनाक्रम को एक्सपोज करके जनता के बचाव के रास्ते को बंद न करे। 

बाइट—प्रहलाद गुंजल,पूर्व भाजपा विधायक


वीओ 3 (भुगतभोगी है प्रहलाद गुंजल)
दरअसल भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल इस तरह के मामले में पहले से ही भुगतभोगी रहे है। विधायक रहते हुए कोटा सीएमएचओ के साथ उनकी दबंगाई का आॅडियों सुर्खियों में रहा था और भाजपा संगठन द्वारा उन पर अनुशासना का डंडा भी चला लेकिन अपनी दबंग छबि के चलते गुंजल अपनी बात से पीछे नहीं हटे। वहीं खेल मंत्री अशोक चांदना गुर्जर समाज से आते है और गुंजल भी गुर्जर समाज के बडे नेता माने जाते है। ऐसे में पार्टी लाइन से अलग हटकर प्रहलाद गुंजल इस पूरे विवाद में खेल मंत्री अशोक चांदना के समर्थन में खडे नजर आ आ रहे है जिससे संकट में पडे मंत्री अशोक चांदना को भी था राहत जरूर मिली होगी। ईटीवी भारत के लिए जयपुर से पीयूष शर्मा की रिपोर्ट।


(Edited vo pkg-bjp mai 2 faad)




Body:(Edited vo pkg-bjp mai 2 faad)


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