जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के महासचिव अरविंद जाजड़ा के कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम के मंच से राज्य की गहलोत सरकार पर निशाना साधा गया. बीजेपी प्रांत संगठन मंत्री ने छात्रों को पांच संकल्प दिलाते हुए कहा कि लंबे समय तक पॉलिटिकल पार्टियों ने राष्ट्रवादी भावना नहीं होने के कारण जातिवादी मानसिकता का निर्माण किया. वहीं, मुख्य समारोह के बाद हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बिगड़ती व्यवस्थाओं को देखते हुए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए छात्रों की भीड़ को तितर-बितर किया.
वहीं, भाजपा के प्रांत संगठन मंत्री चंद्रशेखर ने युवा शक्ति को 5 संकल्प लेने का आह्वान करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यहां बैठे छात्रों को पहला विकसित भारत का संकल्प लेना होगा. दूसरा संकल्प गुलामी से आजादी का और उन लोगों से इसके बारे में पूछना चाहिए, जिन्होंने हमारे देश में बहुत सालों तक अपनी सरकार चलाई है. चंद्रशेखर ने कहा कि अगर वो कहे कि राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन का क्या काम था? हालांकि, अब वो मुगल गार्डन अमर उद्यान हो गया है, जो गुलामी से आजादी की निशानी है. दिल्ली का राजपथ का नाम कर्तव्य पथ हो गया, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी वहां विक्टोरिया की मूर्ति लगी थी, लेकिन आज उस मूर्ति को हटाकर महान देशभक्त सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लग गई है, जो गुलामी से आजादी की निशानी है.
उन्होंने तीसरा संकल्प अपनी विरासत पर गर्व करने का दिलाया और कहा कि हम जानतें हैं कि गंगा, यमुना, मीरा, पद्मा, माता अमृता, महाराणा प्रताप और दुर्गादास हमारी विरासत हैं. वंदे मातरम और जय भारत हमारी विरासत है. उन्होंने कहा कि हम वसुधैव कुटुम्बकम के पालनकर्ता हैं, क्योंकि ये हमारी विरासत का अहम हिस्सा है. चंद्रशेखर ने चौथा संकल्प एक अटल भारत की दिलाते हुए कहा कि हम संकट से घबराए नहीं. कोविड हो या कोई और संकट हम बिना घबराए हर चुनौती से सामना करने को तैयार रहें.
इसे भी पढ़ें - राजस्थान यूनिवर्सिटी: छात्रसंघ महासचिव ने तोड़ा सेंट्रल लाइब्रेरी का ताला, अध्यक्ष ने सीएम की तस्वीर के साथ किया हवन
जबकि पांचवां संकल्प कर्तव्य भावना के विकास का दिलाते हुए यूनिवर्सिटी के छात्रों से आह्वान किया कि वो गंदगी से मुक्त भारत, गरीबी से मुक्त भारत, जातिवाद से मुक्त भारत का संकल्प लें. उन्होंने कहा कि हमें ये सभी संकल्प लेने होंगे, क्योंकि लंबे समय तक सियासी पार्टियों में राष्ट्रवादी भावना न होने के कारण जातिवादी मानसिकता का निर्माण किया है. ऐसे में हमें आज इन सभी संकल्पों को लेने की जरूरत है, ताकि आंतकवाद, नक्सलवाद, भ्रष्टाचार और जातिवाद से मुक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सकें.
इस दौरान मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अर्जुन तिवारी ने मंच से राज्य सरकार और कुलपति प्रो. राजीव जैन को अपने निशाने पर लिया. बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में जो लोग सरकार के मुखबिर बनकर बैठे हैं, उन्होंने ही सरकार के कहने पर छात्रसंघ चुनाव में अरविंद का पर्चा रद्द कराया था. लेकिन ये यूनिवर्सिटी की छात्रशक्ति ही थी, जिसने ऐसा नहीं होने दिया और अरविंद ने रिकॉर्ड जीत हासिल की. उन्होंने कहा कि अरविंद ने ऐलान किया था कि वो डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन करेगा और चुनाव जीतने के बाद अरविंद ने ये भी कर दिखाया है.
उन्होंने आगे कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने रीट में हुए भ्रष्टाचार का विरोध किया. सैनिकों की वीरांगनाओं के लिए आवाज उठाई, लेकिन यहां मौजूद पुलिस ने उन पर अत्याचार किया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ये भी कह रहे थे कि अरविंद के कार्यालय का उद्घाटन नहीं होगा और वो परिषद की आंधी में उड़ जाएंगे. वहीं, इस कार्यक्रम में ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर भी शामिल हुईं, जिन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी अखाड़ा न बने, इस बात का हमें ध्यान रखना होगा. वहीं, महासचिव अरविंद जाजड़ा ने कहा कि उनके पिता साधारण एलडीसी थे. वो 2015 में एलबीएस कॉलेज में दाखिले के बाद इलेक्शन के लिए नॉमिनेशन भरे, लेकिन उनका पर्चा रद्द कर दिया गया.
खैर, वो विचलित नहीं हुए और फिर लॉ कॉलेज में एडमिशन लिए. हालांकि, इस दौरान वो इलेक्शन हार गए, लेकिन आज वो यहां हैं. जाजड़ा ने कहा कि जब इलेक्शन हुए तो उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की गई. राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उनका पर्चा तक रद्द कर दिया था, लेकिन उनके साथियों ने उनके लिए लड़ाई लड़ी. इसलिए वो आज यहां तक पहुंच सके हैं. उद्घाटन समारोह के बाद यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें पंजाबी सिंगर परमेश ने अपनी प्रस्तुति दी. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में छात्र मंच के पास आ गए. जिससे व्यवस्था बिगड़ गई और वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया. ऐसे में व्यवस्था को संभालने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. सांस्कृतिक कार्यक्रम में पंजाबी सिंगर अपने तय समय से करीब तीन घंटे लेट पहुंचे. लेट पहुंचने के कारण मंच पर पहुंचते ही परमिश वर्मा ने घुटनों पर बैठ माफ़ी भी मांगी. पंजाबी सिंगार्स से पहले राजस्थानी सिंगर अजीत चौधरी और अशोक बिश्नोई ने जमकर तालियां लूटी. कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षाविद राजवीर सिंह ने कहा कि राजस्थान के नाम वाले विश्व विद्यालय में राजस्थानी भाषा का विभाग नहीं होना शर्मनाक बात हैं.