जयपुर. विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश में पिछले लोकसभा चुनाव में मिली सफलता को इस चुनाव में बरकरार रखने के लिए प्रदेश भाजपा संगठन जी जान से जुटी है. विधानसभा चुनाव में हुई हार के बाद भाजपा नेता इस बात को लेकर आश्वस्त है कि प्रदेश की 25 सीटों पर भाजपा का कमल खिलेगा. हालांकि उनके इस दावे के पीछे संगठन की मजबूती का तर्क दिया जा रहा है.
भाजपा नेताओं की माने तो प्रदेश में बूथ स्तर तक फैले करीब 90 लाख कार्यकर्ताओं की फौज में शामिल हर कार्यकर्ता यदि 1-1 वोट भी दिलवाए तो जीत पक्की है. वहीं केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भाजपा अपना पक्का वोट मानकर चल रही है.लोकतंत्र में जिसके पास जीतने अधिक वोट उसकी जीत उतनी ही पक्की है. उसी को ध्यान में रख कर भाजपा ने अपना कुनबा बढ़ाया और सदस्यों की संख्या में इजाफा किया.
इसी सदस्यों की संख्या के आधार पर भाजपा फिर से प्रदेश से लोकसभा की 25 सीटे जीतने का दावा कर रही है और प्रदेश भाजपा ने साल 2014 के बाद से अब तक पदाधिकारियों समेत नब्बे लाख से ज्यादा वैरिफाई मेंम्बर बताए जा रहे है. यदि यह तमाम मेम्बर अपने अलावा तीन वोट भाजपा के खाते में डलवाने में सफल रहते हैं तो भाजपा की जीत पक्की है. क्योंकि राजस्थान में चार करोड़ 86 लाख से ज्यादा मतदाताओं की संख्या है. लिहाजा इस गणित के जरिए भाजपा 25 सीटों पर अपनी जीत पक्की मानकर चल रही है.
प्रदेश भाजपा संगठन की बात करें तो इसकी जड़ें कुछ इस तरह बूथ स्तर तक फैली है..
- भाजपा के 90 लाख से ज्यादा के प्राथमिक सदस्यों की टीम
- भाजपा मे प्रदेश स्तर पर अध्य़क्ष समेत 31 पदाधिकारियों की टीम.
- भाजपा की कार्यसमिति मे सौ से ज्यादा सदस्य.
- प्रदेश स्तर पर 7 मोर्चे,12 प्रकोष्ठ 19 विभाग,10 प्रकल्प, 42 जिला इकाई की टीम
- भाजपा के पास 1032 मंडल-7816 शक्ति केन्द्रों पर बनाया है संगठन.
- 51227 बूथों पर कार्य समिति का गठन,एक बूथ पर 21 सदस्यों की टीम
- प्रदेश में भाजपा के 35 हजार से ज्य़ादा सक्रिय सदस्यों की फौज.
- भाजपा के 200 विधानसभा क्षेत्रों में लगे है विस्तारक.
- भाजपा के विभिन्न मंडलों के 6635 सदस्यों की सक्रिय भागीदारी.
इन सब आंकडों को देख कर भाजपा का कॉन्फिडेंस सातवें आसमान पर भी है और देश में हुए विकास के कामों के साथ सामाजिक सुरक्षा के कामों को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रहे है. वही मोदी सरकार की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ दो बार की गई सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भी भाजपा आश्वसत है और मजबूर नही मजबूत सरकार का नारा, दिया जा रहा है.
भाजपा के दावें अपनी जगह है संगठन का कामकाज अपनी जगह है लेकिन वोटर किसी वोट देता है यह उसी पर निर्भर करता है. बहरहाल राजस्थान में दो चरणों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा और ईवीएम से परिणाम निकलनें पर ही पता लगेगा कि मतदाता ने किस पार्टी को कितनी सीटें दी.