जयपुर. लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए सिरदर्द बनी दौसा संसदीय सीट पर आखिरकार पार्टी ने अपने पत्ते खोल ही दिए हैं. भाजपा ने इस सीट पर जसकौर मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया है.
दरअसल, इस सीट पर ओम प्रकाश हुडला और डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा की लड़ाई के चलते भाजपा ने पूर्व मंत्री जसकौर मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया है. जसकौर मीणा पूर्व में सवाई माधोपुर सीट पर साल 1999 से 2004 के बीच सांसद रह चुकी हैं और इस अवधि में महज एक साल के लिए जसकौर मीणा को केंद्र में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री भी बनाया गया था. जसकौर मीणा भाजपा की वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं और लंबे समय तक संगठन में विभिन्न पदों पर भी काबिज रह चुकी हैं. जसकौर मीणा पूर्व में राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
बता दें, इस सीट पर लंबे समय से विवाद बना हुआ था. पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे इस सीट पर पूर्व संसदीय सचिव रहे ओम प्रकाश हुडला को टिकट दिलाना चाहती थीं. लेकिन, इसके साथ ही दो अन्य नाम भी वसुंधरा राजे ने सुझाए थे जिसमें पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर मीणा और पूर्व मंत्री जसकौर मीणा का नाम भी शामिल था. वहीं, भाजपा में आए राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा इस सीट पर अपनी पत्नी गोलमा देवी को टिकट दिलाने पर अड़े थे. ऐसी स्थिति में पार्टी ने बीच का रास्ता निकालते हुए जसकौर मीणा को दौसा से अपना प्रत्याशी बनाया है.
वसुंधरा राजे का गेम प्लान रहा सक्सेस
दौसा संसदीय सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चाहती थी कि डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के परिवार से किसी को टिकट ना मिले. इसके लिए ओम प्रकाश हुड़ला को आगे किया गया. जिसका टिकट पिछले विधानसभा चुनाव में डॉ किरोडी लाल मीणा ने कटवा दिया था. बावजूद इसके हुड़ला निर्दलीय ही चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए. हुड़ला का नाम आने के बाद किरोड़ी मीणा भी सक्रिय हो गए और ऐसी स्थिति में बीच के नाम के रूप में जसकौर मीणा और रामकिशोर मीणा का नाम आगे किया गया. यह दोनों नाम भी संगठन की ओर से आगे बढ़ाए गए जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भी सहमति थी. वहीं, ओमप्रकाश हुडला भी खुद को टिकट नहीं मिलने की स्थिति में जसकौर मीणा के समर्थन में थे. मतलब जसकौर मीणा का टिकट तय होने के पीछे भी वसुंधरा राजे की सहमति मानी जा सकती.