जयपुर. मंडावा और खींवसर विधानसभा उप चुनाव की तारीख का ऐलान होने के साथ ही राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं. रविवार को खींवसर विधानसभा में पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण चतुर्वेदी ने उपचुनाव तैयारियों को लेकर अहम बैठक ली. जिसमें स्थानीय भाजपा नेता और पदाधिकारी शामिल हुए लेकिन इसी क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले अपने गठबंधन के सहयोगी आरएलपी पदाधिकारी इस बैठक में दूर तक नजर नहीं आए.
आलम यह रहा कि उपचुनाव की दृष्टि से बनाए गए प्रभारी अरुण चतुर्वेदी और आरएलपी संयोजक व सांसद हनुमान बेनीवाल खींवसर में होने के बावजूद भी एक दूसरे से नहीं मिले.
आरएलपी से उच्च स्तर पर होगी वार्ता
खींवसर में हुई तैयारी बैठक के बाद यह बात तो तय हो गई है कि भाजपा ने उपचुनाव वाले क्षेत्रों में पार्टी के स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि खींवसर में बीजेपी खुद अपना प्रत्याशी उतारेगी या फिर आरएलपी प्रत्याशी को समर्थन देगी इस पर फैसला होना बाकी है और यह फैसला उच्च स्तर पर ही तय होगा.
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यही कारण है कि अरुण चतुर्वेदी के खींवसर में होने के बावजूद न तो हनुमान बेनीवाल उनसे मिले और ना ही चतुर्वेदी ने बेनीवाल से संपर्क करने की कोशिश की. मतलब साफ है कि बेनीवाल खुद यही कहते हैं कि गठबंधन को लेकर उच्च स्तर पर बात करके फैसला कराए जाएं जब तक दोनों ही पार्टियां उप चुनाव की तैयारी करती रहे ताकि उप चुनाव में दोनों ही सहयोगी मजबूत स्थिति में नजर आए.
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संभवत माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में खींवसर उप चुनाव में भाजपा आरएलपी के गठबंधन का फैसला हो जाएगा और यह भी साफ हो जाएगा कि दोनों ही राजनीतिक दलों में से किस का प्रत्याशी चुनाव मैदान में खड़ा नजर आएगा.