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District ranking : शिक्षा मंत्री का जिला टॉप 10 से बाहर, ये है बाकी जिलों का हाल

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की जनवरी माह की रैंकिंग सूची में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला का गृह जिला बीकानेर 15वें नंबर पर रहा है. जयपुर को 8वां स्थान मिला है.

district ranking of school education January 2023
District ranking : शिक्षा मंत्री का जिला टॉप 10 से बाहर, ये है बाकी जिलों का हाल
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Published : Jan 31, 2023, 9:58 PM IST

जयपुर. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने जनवरी की जिलों की रैंकिंग जारी कर दी है. शिक्षामंत्री बीडी कल्ला का गृह जिला रैंकिंग में फिसड्डी रहा है. बीकानेर रैंकिंग में 15वें नंबर पर रहा है. वहीं सीकर पहले, चूरू दूसरे, बूंदी तीसरे, नागौर चौथे और सवाई माधोपुर पांचवें स्थान पर रहा है. जबकि राजधानी जयपुर को रैंकिंग में 8वां स्थान मिला है.

प्रदेश के सभी जिलों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से रैंकिंग जारी की है. संयुक्त जिला रैंकिंग में नामांकन, परीक्षा परिणाम, भवन, कक्षा-कक्ष, बिजली-पानी की सुविधा, शौचालयों की स्थिति, फर्नीचर, कम्यूटर, खेल मैदान, चारदीवारी, सैनिटरी नैपकिन डिस्पेंसर, ज्ञान उपलब्धता, शंका समाधान, सह शैक्षणिक गतिविधियों के आधार पर रैंकिंग जारी की गई है.

पढ़ें: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट रैंकिंग में उदयपुर दूसरे स्थान पर, फिर भी लोग नाराज! जानें क्यों?

स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से जारी रैंकिंग में सबसे फिसड्डी जिलों में टोंक 33वें, दौसा 32वें, उदयपुर 31वें, धौलपुर 30वें और बाड़मेर 29वें स्थान पर रहा है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो अफसरों की लापरवाही की वजह से शिक्षा की क्वालिटी कम हो रही है. विभागीय अधिकारी स्कूलों का समय से निरीक्षण नहीं करते, जिसके चलते स्कूल प्रशासन भी लापरवाह हो जाता है. कई जिलों में तो स्कूल रैंकिंग निर्धारण करने के लिए मांगी गई जानकारी को ही अपलोड नहीं करते, तो कई पैरामीटर्स पूरे नहीं कर पाते, ऐसे में जिलों की रैंकिंग गिर जाती है.

पढ़ें: DOIT software for colleges: कॉलेज शिक्षकों और विद्यार्थियों की मॉनिटरिंग के लिए सॉफ्टवेयर बना रहा डीओआईटी

आपको बता दें कि शिक्षा परिषद की ओर से हर महीने 44 बिंदुओं के आधार पर सभी सरकारी स्कूलों की ऑनलाइन रैंकिंग तय होती है. इसमें जिला मुख्यालय, ब्लॉक समेत अधिकारियों की नियमित गतिविधियों, नामांकन की स्थिति, विद्यालयों में उपलब्ध संसाधन, सुविधाएं जुटाने और डाटा की ऑनलाइन फीडिंग की जाती है.

जयपुर. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने जनवरी की जिलों की रैंकिंग जारी कर दी है. शिक्षामंत्री बीडी कल्ला का गृह जिला रैंकिंग में फिसड्डी रहा है. बीकानेर रैंकिंग में 15वें नंबर पर रहा है. वहीं सीकर पहले, चूरू दूसरे, बूंदी तीसरे, नागौर चौथे और सवाई माधोपुर पांचवें स्थान पर रहा है. जबकि राजधानी जयपुर को रैंकिंग में 8वां स्थान मिला है.

प्रदेश के सभी जिलों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से रैंकिंग जारी की है. संयुक्त जिला रैंकिंग में नामांकन, परीक्षा परिणाम, भवन, कक्षा-कक्ष, बिजली-पानी की सुविधा, शौचालयों की स्थिति, फर्नीचर, कम्यूटर, खेल मैदान, चारदीवारी, सैनिटरी नैपकिन डिस्पेंसर, ज्ञान उपलब्धता, शंका समाधान, सह शैक्षणिक गतिविधियों के आधार पर रैंकिंग जारी की गई है.

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स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से जारी रैंकिंग में सबसे फिसड्डी जिलों में टोंक 33वें, दौसा 32वें, उदयपुर 31वें, धौलपुर 30वें और बाड़मेर 29वें स्थान पर रहा है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो अफसरों की लापरवाही की वजह से शिक्षा की क्वालिटी कम हो रही है. विभागीय अधिकारी स्कूलों का समय से निरीक्षण नहीं करते, जिसके चलते स्कूल प्रशासन भी लापरवाह हो जाता है. कई जिलों में तो स्कूल रैंकिंग निर्धारण करने के लिए मांगी गई जानकारी को ही अपलोड नहीं करते, तो कई पैरामीटर्स पूरे नहीं कर पाते, ऐसे में जिलों की रैंकिंग गिर जाती है.

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आपको बता दें कि शिक्षा परिषद की ओर से हर महीने 44 बिंदुओं के आधार पर सभी सरकारी स्कूलों की ऑनलाइन रैंकिंग तय होती है. इसमें जिला मुख्यालय, ब्लॉक समेत अधिकारियों की नियमित गतिविधियों, नामांकन की स्थिति, विद्यालयों में उपलब्ध संसाधन, सुविधाएं जुटाने और डाटा की ऑनलाइन फीडिंग की जाती है.

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