जयपुर. राजस्थान की सियासत में एक बार फिर भूचाल की स्थिति उत्पन्न हो गई है. एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सीएम गहलोत को आड़े हाथ लिया. साथ ही 25 सितंबर की घटना का जिक्र करते हुए पायलट ने विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक बुलाने के जिम्मेदार मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ पर कार्रवाई नहीं होने की बात कहकर मुद्दे को फिर से उछाल दिया है. इसके साथ ही पायलट ने तीनों नेताओं पर जल्द निर्णय लेने और 81 इस्तीफों को लेकर भी कई अहम बातें कही. वहीं, पायलट के इस साक्षात्कार के बाद अब उनके आवास पर उनके समर्थक विधायकों का आना शुरू हो गया है. गुरुवार को विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने सचिन पायलट से मुलाकात की. इसके बाद मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए बैरवा ने कहा कि रायपुर अधिवेशन के बाद सचिन पायलट को कभी भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
उधर, राहुल गांधी के अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों को एसेट बताए जाने पर बैरवा ने कहा कि भले ही दोनों को राहुल गांधी ने एसेट बताया हो, लेकिन पायलट कांग्रेस की वर्किंग कैपिटल हैं और गहलोत फिक्स डिपाजिट हैं. ऐसे में अब सचिन पायलट जैसे युवाओं को कमान सौंपना होगा. विधायक बैरवा ने आगे 25 सितंबर की घटना का जिक्र करते कहा कि अब तक तीनों नेताओं पर कार्रवाई नहीं होने से पार्टी को थोड़ा बहुत नुकसान मान सकते हैं. लेकिन आलाकमान जब निर्णय लेगा तो एक दिन में फर्क पड़ जाएगा.
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बैरवा ने कहा कि जब टीम अच्छी होगी तो चुनाव में भी परेशानी नहीं होगी. वहीं, उन्होंने कहा कि विधायक दल की बैठक तो जब उचित होगा तब बुला लिया जाएगा, लेकिनअब इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली है. उन्होंने कहा कि रायपुर अधिवेशन के बाद कभी भी सचिन पायलट की ताजपोशी हो सकती है. बैरवा ने कहा कि पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उनकी नहीं, बल्कि हर कार्यकर्ता की है.
मुख्यमंत्री तो आलाकमान तय करता है, विधायक नहीं - बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला कांग्रेस आलाकमान करता है और हमेशा से यही होता रहा है. इसमें विधायकों की कोई भूमिका नहीं होती है. हालांकि, पहले कभी ऐसी स्थितियां नहीं आई थी. उन्होंने आगे कहा कि अब भी एक झटके में जब निर्णय होगा तो पता नहीं चलेगा कि कौन बन गया कौन हट गया. इधर, बैरवा ने कहा कि 81 विधायकों के इस्तीफे तो दबाव में हुए थे. इसके बारे में हर कोई जानता है. उन्होंने कहा कि अगर पायलट को सीएम बनाएंगे तो 100% राजस्थान में सरकार आएगी.
हम कांग्रेस में हैं और कांग्रेस के लिए ही काम करेंगे. ताकि पार्टी निरंतर मजबूत होती रही. लेकिन राहुल गांधी ने गहलोत-पायलट दोनों को एसेट बताया है. लेकिन एक एसेट होता है, जो फिक्स डिपाजिट में जाता है और एक एसेट वर्किंग कैपिटल के रूप में होता है. ऐसे में मुख्यमंत्री वाली एसेट्स फिक्स डिपाजिट है और वर्किंग कैपिटल सचिन पायलट हैं. वहीं, बैरवा ने कहा कि आलाकमान की ओर से राजस्थान में सर्वे करवाए जा रहे हैं और नतीजे सबके सामने जल्द आ जाएंगे.