ETV Bharat / state

प्रदेश के पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत, अन्य पद के लिए चयन होने पर नहीं वसूली जाएगी 'ट्रेनिंग व्यय' राशि

राजस्थान में पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत मली है. दो वर्ष की नौकरी पूरी करने के बाद अन्य नौकरी में चयन होने पर ट्रेनिंग व्यय राशि नहीं वसूली जाएगी. इस फैसले से कांस्टेबल निम्ब्बाराम के साथ हजारों कांस्टेबलों को बड़ी राहत मिली है.

Big relief to policemen of the rajasthan
author img

By

Published : Jul 30, 2019, 2:06 AM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं हजारों कांस्टेबलों को बड़ी राहत दी है. बता दें कि 2 वर्ष या अधिक सेवा करने पर अन्य पद के लिए चयन वाले प्रतिभागियों से ट्रेनिंग व्ययराशि वसूली जा रही थी जो अब नहीं वसूली जाएगी .गृह विभाग ने कांस्टेबल निंबाराम के मामले के बाद अधिकारियों को यह आदेश जारी कर दिए हैं.

प्रदेश के पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत

दरअसल, राजस्थान पुलिस में कार्यरत कांस्टेबल निंबाराम का तृतीय श्रेणी अध्यापक पद पर चयन हुआ था. लेकिन पुलिस मुख्यालय ने एनओसी या अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से इंकार कर दिया था. और निंबाराम से ट्रेनिंग व्यय वसूलने के आदेश दिए थे. निम्बाराम ने 5 वर्ष 10 माह तक पुलिस कांस्टेबल के पद पर नौकरी की लेकिन जब उसका तृतीय श्रेणी अध्यापक में चयन हो गया तो चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने निंबाराम से 840474 रुपये बकाया और ट्रेनिंग व्यय राशि 59215 वसूलने के आदेश दिए थे.

इसके बाद निंबाराम ने गृह विभाग को इस बात की गुहार लगाई. मामला काफी हाईप्रोफाइल हो गया था. मामला जब गृह विभाग के संज्ञान में आया तो गृह विभाग ने इसका पूरा अध्यन कर चितौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक से यह कहते हुए पैसे की वसूली पर रोक लगाई कि अगर किसी भी पुलिस कांस्टेबल ने 2 वर्ष की नौकरी पूरी कर ली. और उसके बाद उसका किसी अन्य सेवा में चयन हो जाता है तो उससे कोई ट्रेनिंग राशि नहीं वसूली जाएगी. 2 वर्ष की अवधि के भीतर अगर वो कांस्टेबल की नौकरी छोड़ अन्य सेवा में जाता है तब उसे ट्रेनिंग व्यय देना होगा.

गृह विभाग द्वारा जारी इस आदेश के बाद निंबाराम को तो बड़ी राहत मिली है. साथ ही प्रदेश के उन हजारों कांस्टेबलों के लिए भी यह राहत भरी खबर है कि अब वह अपनी 2 साल की नौकरी के बाद अन्य सेवा के चयन के लिए तैयारी कर सकते हैं. चयन होने पर उनसे किसी भी तरह का कोई भी व्यय नहीं वसूला जाएगा.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं हजारों कांस्टेबलों को बड़ी राहत दी है. बता दें कि 2 वर्ष या अधिक सेवा करने पर अन्य पद के लिए चयन वाले प्रतिभागियों से ट्रेनिंग व्ययराशि वसूली जा रही थी जो अब नहीं वसूली जाएगी .गृह विभाग ने कांस्टेबल निंबाराम के मामले के बाद अधिकारियों को यह आदेश जारी कर दिए हैं.

प्रदेश के पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत

दरअसल, राजस्थान पुलिस में कार्यरत कांस्टेबल निंबाराम का तृतीय श्रेणी अध्यापक पद पर चयन हुआ था. लेकिन पुलिस मुख्यालय ने एनओसी या अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से इंकार कर दिया था. और निंबाराम से ट्रेनिंग व्यय वसूलने के आदेश दिए थे. निम्बाराम ने 5 वर्ष 10 माह तक पुलिस कांस्टेबल के पद पर नौकरी की लेकिन जब उसका तृतीय श्रेणी अध्यापक में चयन हो गया तो चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने निंबाराम से 840474 रुपये बकाया और ट्रेनिंग व्यय राशि 59215 वसूलने के आदेश दिए थे.

इसके बाद निंबाराम ने गृह विभाग को इस बात की गुहार लगाई. मामला काफी हाईप्रोफाइल हो गया था. मामला जब गृह विभाग के संज्ञान में आया तो गृह विभाग ने इसका पूरा अध्यन कर चितौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक से यह कहते हुए पैसे की वसूली पर रोक लगाई कि अगर किसी भी पुलिस कांस्टेबल ने 2 वर्ष की नौकरी पूरी कर ली. और उसके बाद उसका किसी अन्य सेवा में चयन हो जाता है तो उससे कोई ट्रेनिंग राशि नहीं वसूली जाएगी. 2 वर्ष की अवधि के भीतर अगर वो कांस्टेबल की नौकरी छोड़ अन्य सेवा में जाता है तब उसे ट्रेनिंग व्यय देना होगा.

गृह विभाग द्वारा जारी इस आदेश के बाद निंबाराम को तो बड़ी राहत मिली है. साथ ही प्रदेश के उन हजारों कांस्टेबलों के लिए भी यह राहत भरी खबर है कि अब वह अपनी 2 साल की नौकरी के बाद अन्य सेवा के चयन के लिए तैयारी कर सकते हैं. चयन होने पर उनसे किसी भी तरह का कोई भी व्यय नहीं वसूला जाएगा.

Intro:
जयपुर

प्रदेश के पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत , दो वर्ष की नोकरी पूरी करने के बाद अन्य नोकरी में चयन होने पर नही वसूली जाएगी राशि , कांस्टेबल निम्ब्बाराम के साथ हजारों कांस्टेबल को बड़ी राहत

एंकर:- प्रदेश की गहलोत सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं हजारों कांस्टेबल को बड़ी राहत दी है , 2 वर्ष या अधिक सेवा करने पर अन्य पद के लिए चयन वाले प्रतिभागियों से ट्रेनिंग व्ययराशि वसूली जा रही थी जो अब नहीं वसूली जाएगी , गृह विभाग ने कांस्टेबल निंबाराम के मामले के बाद अधिकारियों को यह आदेश जारी कर दिए हैं ।


Body:VO:- दरअसल कांस्टेबल निंबाराम का तृतीय श्रेणी अध्यापक पद पर चयन हो गया था , लेकिन पुलिस मुख्यालय ने एनओसी या ने अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से इंकार कर दिया था , और निंबाराम से ट्रेनिंग वे राशि वसूलने के आदेश दिए थे , निम्बाराम ने 5 वर्ष 10 माह तक पुलिस कांस्टेबल के पद पर नोकरी की , लेकिन जब उसका तृतीय श्रेणी शिक्षक में चयन ही गया तो , चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने निंबाराम से उठाया गया राशि करीब ₹840474 बकाया और ट्रेनिंग वे राशि 59215 रुपये वसूलने के आदेश दिए थे , इस पर निंबाराम गृह विभाग को इस बात की गुहार लगाई , मामला काफी हाईप्रोफाइल हो गया था , मामला जब गृह विभाग के संज्ञान में तो गृह विभाग ने इसका पूरा अध्यन कर चितौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक को निम्बाराम ने ये कहते हुए पैसे की वशूली पर रोक लगाई की अगर किसी भी पुलिस कांस्टेबल य्या पुलिसकर्मी ने 2 वर्ष की नोकरी पूरी कर ली और उसके बार उसका किसी अन्य सेवा में चयन हो गया तो उससे कोई ट्रेनिंग राशि नही वसूली जाएगी , 2 वर्ष की अवधि के भीतर अगर वो कांस्टेबल की नोकरी छोड़ अन्य सेवा में जाता है उससे ट्रेनिंग व्यय देना होगा ,


Conclusion:VO:- गृह विभाग की सा देश के बाद में निंबाराम को तो बड़ी राहत मिली है साथ ही प्रदेश के उन हजारों कांस्टेबल को भी यह बड़ी राहत मिली है कि अब वह अपने 2 साल की नौकरी के बाद अन्य सेवा के चयन के लिए तैयारी कर सकते हैं चयन होने पर उनसे किसी भी तरह का कोई भी वसूला नहीं जाएगा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.