जयपुर. सरकार बदलने की साथ ही पूर्ववर्ती सरकार के कामकाज को रोकने की परंपरा कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों में देखने को मिली है. प्रदेश में नई सरकार ने गठन होने के साथ ही पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं पर रोक लगना शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नए दिशा-निर्देशों के तहत प्रदेश के पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के स्वीकृत कार्यो पर रोक लगा दी गई है.
इन कार्यों पर लगी रोक : वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोरा ने आदेश जारी कर जिन कार्यों के टेंडर वर्तमान में आमंत्रित नहीं किए गए हैं, उन्हें आगामी निर्देशों तक आमंत्रित नहीं करने के निर्देश दिए हैं, इतना ही नही जिन कार्यों के टेंडर आमंत्रित करने के बाद कार्य आदेश नहीं दिए गए हैं, उनके कार्यादेश आगामी निर्देशों तक जारी नहीं किए जाने के आदेश भी दिए, वहीं जो कार्य कार्यादेश के बाद भी प्रारंभ नहीं हुए हैं, उन्हें आगामी निर्देशों तक प्रारंभ नहीं करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही सामग्री, सेवा के मामले भी आगामी निर्देशों तक कार्यादेश को स्थगित रखा गया है.
मुख्यमंत्र के आदेश के बाद ही होंगे काम : आदेश में कहा गया है कि सभी प्रशासनिक विभागों को पूर्व में जारी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति की स्थिति में उपरोक्त कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही कहा गया है कि ऐसी स्वीकृतियां मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाएं. आदेश में ये भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री की स्वीकृति और निर्देश मिलने के बाद ही किसी भी कार्य की प्रक्रिया को निरंतर जारी रखा जा सकेगा.
वर्क आर्डर जारी होने के बाद भी जहां पर काम शुरू नहीं हुआ उसे पर भजन लाल सरकार ने रोक लगाई है. नई सरकार इस बारे में नीतिगत फैसला करेगी, ऐसे प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृतियों के तमाम मामले सीएम खुद तय करेंगे.
अधिकारियों से लंबी मंत्रणा के बाद जारी किए गए निर्देश. भजन लाल सरकार के इस आदेश के बाद पूर्व की सरकार के कार्यों की निविदा जारी नहीं हो सकती और न ही कार्य के आदेश जारी हो सकते हैं, कार्यदेश जारी होने के बाद भी जंहा काम शुरू नहीं हुआ है, वह प्रोजेक्ट भी अब रुक जाएंगे. वित्त विभाग के अधिकारियों से लंबी मंत्रमा के बाद मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए हैं.