चाकसू (जयपुर). कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉक डाउन के वजह से कई परिवारों को अपनी आजीविका चलाने के लिए इस मुश्किल के दौर से गुजरना पड़ रहा है. ऐसे में जयपुर के चाकसू से विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा है कि सीमित संसाधनों के चलते हर घर में अभी तक मदद नहीं पहुंच पाई है, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है कि सभी घर में जरूरत की चीजें पहुंच सके.
साथ ही कहा विधायक सोलंकी ने कहा कि सभी भामाशाहों से अपील है कि इस राष्ट्रीय आपदा कोरोना के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी जा रही है, उसमें वे खुलकर अपना सहयोग दें. साथ ही कहा कि पिछले सात दिनों से जो भी मास्क, सैनिटाइजर और भोजन की व्यवस्था की जा रही है, वो सभी भामाशाहों के मदद से की जा रही है. इसमें विधायक कोष और सांसद कोष से जो तीन लाख रुपए (एक लाख विधायक कोष एवं सांसद कोष से दो लाख) क्षेत्र में मास्क और सैनिटाइजर के लिए पास हुए है, वह तो अभी आए ही नहीं है. इन पैसों से जो मास्क, सैनिटाइजर आएंगे वे क्षेत्र में मंगलवार से वितरित किए जाएंगे.
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सोलंकी ने कहा विधायक कोष से सवा दो करोड़ रुपए की अनुशंसा की गई है, उनमें से 25 लाख रुपए स्वीकृत हो गए हैं, जिनमें से 20 लाख कोटखावदा सरकारी अस्पताल (सीएचसी) और 5 लाख चाकसू सैटेलाइट अस्पताल को दे दिए गए है. वहीं, माधोराजपुरा और रेनवाल मांझी अस्पतालों के लिए पांच-पांच लाख रुपए की अनुशंसा की है, जिससे इन अस्पतालों में कोरोना से लड़ने के उपकरण और दवाइयों की कोई कमी नहीं रहे.
वहीं, उपखण्ड अधिकारी ओपी सहारण ने कहा कि चाकसू के भामाशाहों से इस आपदा की घड़ी में अच्छा सहयोग मिल रहा है, जिसके चलते पिछले सात दिनों से हम लगातार जरूरतमन्दों को दोनों समय का खाना और सप्ताहभर की खाद्य सामग्री भेज पा रहे है. साथ ही चाकसू विधानसभा में कोरोना से सुरक्षा के लिए मास्क और सैनिटाइजर भेजे जा रहे है.
उपखण्ड अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 चाकसू वेलफेयर के नाम से एक बैंक अकाउंट खुलवाया जा रहा है, जिससे मदद करने वाले लोग चेक या नकद राशि के रूप में अपना सहयोग दे सकते हैं, इससे जरूरतमंदों को सहयोग मिलेगा. इसके लिए एक हेल्पलाइन न. 9460790411 भी करवाई गई है.
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विधायक सोलंकी ने कहा कि वे क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों को भामाशाहों को गोद देंगे, जिससे कि वे स्थानीय स्तर पर लोगों की मदद कर सकें. इसी तर्ज पर पालिका क्षेत्र में वार्डों को भी भामाशाहों को गोद देकर वार्ड स्तर पर लोगों की मदद करवाने की कोशिश करेंगे. इसके चलते सोशल डिस्टेन्स के अनुरूप लोग अपने क्षेत्र में ही रहेंगे और उनको वही पर मदद उपलब्ध हो पाएगी.