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गोविंद देव जी में धूमधाम से मनाई गई बसंत पंचमी..देखें Video

बसंत पंचमी का पावन पर्व जयपुर के गोविंददेवजी में धूमधाम से मनाया गया. यह सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा सात ही पूरे श्रृंगार के साथ ठाकुर जी को सजाकर उनका अभिशेक किया गया

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Published : Feb 10, 2019, 7:58 PM IST

गोविंददेवजी में बसंत पंचमी का आयोजन

जयपुर. बसंत पंचमी का पर्व छोटी काशी जयपुर में बड़े हर्षोउल्लाष के साथ मनाया गया. इस पर्व के शुभ अवसर पर मंदिर परिसर में झांकियां लगाई गई. पूरे श्रृंगार के साथ ठ्कुर जी को तैयर किया गया. साथ ही सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा.

बसंत पंचमी के पावन पर्व पको बड़े धूमधाम से मनाया गया. इसका एक नजारा जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में देखा गया. बसंत पंचमी की सुबह 4.45 से 5 बजे तक ठाकुर जी का अभिषेक और तिथि पूजन हुआ. धूप झांकी खुलने से पहले अधिवास पूजन होने के बाद धूप आरती हुई. श्रृंगार झांकी के बाद मां सरस्वती का पूजन पश्चिमी परिक्रमा में ठाकुर जी के चित्रपट के समक्ष हुआ. उसके बाद राजभोग आरती की गई. वसंत पंचमी के अवसर पर ठाकुर जी को पीली पोशाक धारण करवाई गई. साथ ही पीले पुष्पों से श्रृंगार किया गया. वहीं, उन्हें केसर मिश्रित खीर का भो

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गोविंददेवजी में बसंत पंचमी का आयोजन
ग अर्पित किया गया.
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आराध्य गोविंददेवजी बसंत पंचमी पर ही जयपुर में प्रतिष्ठित हुए थे. इसका शास्त्रों में भी उल्लेख मिलता है. इस दिन ठाकुर जी का पट्टाअभिषेक अनुष्ठान हुआ. मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने बताया कि माधव गौड़ीय संप्रदाय के ग्रंथ भक्ति रत्नाकर में उल्लेख है कि रूप गोस्वामी ने ठाकुर श्री गोविंददेवजी को प्रकट किया था. पहले वृंदावन में और बाद में जयपुर में बसंत पंचमी के अवसर पर ही ठाकुरजी को प्रतिष्ठित किया गया. तब से माध शुल्क बसंत पंचमी को ठाकुर जी का पाटोत्सव मनाया जाता रहा है.

जयपुर. बसंत पंचमी का पर्व छोटी काशी जयपुर में बड़े हर्षोउल्लाष के साथ मनाया गया. इस पर्व के शुभ अवसर पर मंदिर परिसर में झांकियां लगाई गई. पूरे श्रृंगार के साथ ठ्कुर जी को तैयर किया गया. साथ ही सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा.

बसंत पंचमी के पावन पर्व पको बड़े धूमधाम से मनाया गया. इसका एक नजारा जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में देखा गया. बसंत पंचमी की सुबह 4.45 से 5 बजे तक ठाकुर जी का अभिषेक और तिथि पूजन हुआ. धूप झांकी खुलने से पहले अधिवास पूजन होने के बाद धूप आरती हुई. श्रृंगार झांकी के बाद मां सरस्वती का पूजन पश्चिमी परिक्रमा में ठाकुर जी के चित्रपट के समक्ष हुआ. उसके बाद राजभोग आरती की गई. वसंत पंचमी के अवसर पर ठाकुर जी को पीली पोशाक धारण करवाई गई. साथ ही पीले पुष्पों से श्रृंगार किया गया. वहीं, उन्हें केसर मिश्रित खीर का भो

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आराध्य गोविंददेवजी बसंत पंचमी पर ही जयपुर में प्रतिष्ठित हुए थे. इसका शास्त्रों में भी उल्लेख मिलता है. इस दिन ठाकुर जी का पट्टाअभिषेक अनुष्ठान हुआ. मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने बताया कि माधव गौड़ीय संप्रदाय के ग्रंथ भक्ति रत्नाकर में उल्लेख है कि रूप गोस्वामी ने ठाकुर श्री गोविंददेवजी को प्रकट किया था. पहले वृंदावन में और बाद में जयपुर में बसंत पंचमी के अवसर पर ही ठाकुरजी को प्रतिष्ठित किया गया. तब से माध शुल्क बसंत पंचमी को ठाकुर जी का पाटोत्सव मनाया जाता रहा है.

Intro:जयपुर- बसंत पंचमी का पर्व छोटी काशी जयपुर में बड़े हर्षोउल्लाष के साथ मनाया गया। आराध्य गोविंदेवजी बसंत पंचमी पर ही जयपुर में प्रतिष्ठित हुए थे, इसका शास्त्रों में भी उल्लेख मिलता है। इस दिन ठाकुर जी का पट्टाअभिषेक अनुष्ठान हुआ। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने बताया कि माधव गौड़ीय संप्रदाय के ग्रंथ भक्ति रत्नाकर में उल्लेख है कि 'श्री गोविंद प्रगटे होइलो रूप द्वारे',,,यानी रूप गोस्वामी ने ठाकुर श्रीगोविंददेवजी को प्रकट किया था. पहले वृंदावन में और बाद में जयपुर में बसंत पंचमी को ही ठाकुरजी को प्रतिष्ठित किया गया। तब से माध शुल्क बसंतपंचमी को ठाकुरजी का पाटोउत्सव मनाया जाता रहा है।


Body:मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि बसंत पंचमी की सुबह 4.45 से 5बजे तक ठाकुर जी के अभिषेक व तिथि पूजन हुआ। धूप झांकी खुलने से पहले अधिवास पूजन हुआ। इसके बाद धूप आरती हुई। श्रृंगार झांकी के बाद मां सरस्वती का पूजन पश्चिमी परिक्रमा में ठाकुर जी के चित्रपट के समक्ष हुआ। उसके बाद राजभोग आरती की गई। वसंत पंचमी को ठाकुर जी को पीली पोशाक धारण करवाई गई, पीले पुष्पों से श्रृंगार किया गया वहीं केसर मिश्रित खीर का भोग अर्पित किया गया।


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