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सहायक न्यायिक कर्मचारी संघ का पीठासीन अधिकारी पर गंभीर आरोप, सुप्रीम कोर्ट को लिखी चिट्ठी

न्यायिक कर्मचारी संघ (Assistant Judicial Employees Association) ने एनडीपीएस कोर्ट के पीठासीन अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. संघ की ओर से कहा गया कि एनडीपीएस कोर्ट के न्यायाधीश कोर्ट के सहायक कर्मचारी सुभाष मेहरा को जबरन अपने घर पर रखते थे. उससे कपड़े-बर्तन, खाना और शौचालय की साफ-सफाई करवाते थे. साथ ही संघ ने आगे कहा कि न्यायाधीश उसे घर पर बंधक बनाकर रखते थे.

serious allegation on presiding officer
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Published : Dec 11, 2022, 2:09 PM IST

जयपुर. न्यायिक सहायक कर्मचारी सुभाष मेहरा की न्यायिक अधिकारी के (serious allegation on presiding officer) घर आत्मदाह से जुड़े मामले में अब सहायक न्यायिक कर्मचारी संघ भी सामने आ गया है. कर्मचारी संघ ने सभी सहायक कर्मचारियों को रोजाना धरना स्थल पर पहुंचे के लिए पाबंद किया है. साथ ही कर्मचारियों की धरना स्थल पर सुबह और शाम के वक्त उपस्थिति दर्ज की जाएगी. यदि वे उपस्थित नहीं होते हैं या सामूहिक अवकाश की अवधि में उसका वेतन बनता है तो यह माना जाएगा कि संबंधित कोर्ट के पीठासीन अधिकारी उससे अपने घर बेगारी करा रहे हैं. ऐसे में उक्त मामले की हाईकोर्ट में शिकायत भेजी जाएगी.

सहायक कर्मचारी संघ की ओर से सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र में कहा गया कि सहायक कर्मचारी सुभाष मेहरा न्यायिक अधिकारी के (staff self immolation case) घर झाडू, पोछा करते थे और इसके चलते उनकी हत्या हुई है. साथ ही कहा गया कि सहायक कर्मचारी कोर्ट के पीठासीन अधिकारियों के घरों पर बेगारी से त्रस्त हैं. जहां उन पर विभिन्न तरीकों से दबाव डालते हुए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और उसमें फिलहाल तक कोई सुधार नहीं हुआ है.

इसे भी पढ़ें : जयपुर न्यायिक कर्मचारी संघ ने CJ को लिखा पत्र, कहा- न्यायिक अधिकारी कोर्ट का सामान ले जा रहे हैं घर

गौरतलब है कि मामले में पुलिस की ओर से आत्मदाह की घटना बताने के बाद न्यायिक कर्मचारी संघ ने एनडीपीएस कोर्ट के पीठासीन अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कर्मचारी संघ का कहना है कि एनडीपीएस कोर्ट के न्यायाधीश कोर्ट के सहायक कर्मचारी सुभाष मेहरा को जबरन अपने घर पर रखते थे. उससे कपड़े-बर्तन, खाना और शौचालय की साफ-सफाई करवाते थे. साथ ही संघ ने आगे कहा कि न्यायाधीश उसे घर पर बंधक बनाकर रखते थे और उसे कभी कोर्ट नहीं आने देते थे. इधर, न्यायिक कर्मचारी संघ ने पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए हैं.

जयपुर. न्यायिक सहायक कर्मचारी सुभाष मेहरा की न्यायिक अधिकारी के (serious allegation on presiding officer) घर आत्मदाह से जुड़े मामले में अब सहायक न्यायिक कर्मचारी संघ भी सामने आ गया है. कर्मचारी संघ ने सभी सहायक कर्मचारियों को रोजाना धरना स्थल पर पहुंचे के लिए पाबंद किया है. साथ ही कर्मचारियों की धरना स्थल पर सुबह और शाम के वक्त उपस्थिति दर्ज की जाएगी. यदि वे उपस्थित नहीं होते हैं या सामूहिक अवकाश की अवधि में उसका वेतन बनता है तो यह माना जाएगा कि संबंधित कोर्ट के पीठासीन अधिकारी उससे अपने घर बेगारी करा रहे हैं. ऐसे में उक्त मामले की हाईकोर्ट में शिकायत भेजी जाएगी.

सहायक कर्मचारी संघ की ओर से सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र में कहा गया कि सहायक कर्मचारी सुभाष मेहरा न्यायिक अधिकारी के (staff self immolation case) घर झाडू, पोछा करते थे और इसके चलते उनकी हत्या हुई है. साथ ही कहा गया कि सहायक कर्मचारी कोर्ट के पीठासीन अधिकारियों के घरों पर बेगारी से त्रस्त हैं. जहां उन पर विभिन्न तरीकों से दबाव डालते हुए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और उसमें फिलहाल तक कोई सुधार नहीं हुआ है.

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गौरतलब है कि मामले में पुलिस की ओर से आत्मदाह की घटना बताने के बाद न्यायिक कर्मचारी संघ ने एनडीपीएस कोर्ट के पीठासीन अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कर्मचारी संघ का कहना है कि एनडीपीएस कोर्ट के न्यायाधीश कोर्ट के सहायक कर्मचारी सुभाष मेहरा को जबरन अपने घर पर रखते थे. उससे कपड़े-बर्तन, खाना और शौचालय की साफ-सफाई करवाते थे. साथ ही संघ ने आगे कहा कि न्यायाधीश उसे घर पर बंधक बनाकर रखते थे और उसे कभी कोर्ट नहीं आने देते थे. इधर, न्यायिक कर्मचारी संघ ने पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए हैं.

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