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अशोक गहलोत के बाद अब सचिन पायलट को भी बड़ी जिम्मेदारी, क्या राजस्थान में चलेगी बदलाव की बयार ?

राजस्थान विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने अशोक गहलोत को नेशनल अलायंस कमेटी में जगह दी थी. अब सचिन पायलट को महासचिव बनाकर छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या राजस्थान में कांग्रेस में भी अब बदलाव की बयार चलेगी ? पढ़िए यह रिपोर्ट...

Ashok Gehlot in National Alliance
Ashok Gehlot in National Alliance
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 24, 2023, 10:55 AM IST

Updated : Dec 24, 2023, 11:01 AM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में हार के बाद कांग्रेस नए सिरे से रणनीति बनाकर लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने में जुटी है. इसी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए नेशनल अलायंस कमेटी में शामिल किया गया था. अब पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का भी प्रमोशन कर पार्टी ने उन्हें महासचिव बना दिया है और छत्तीसगढ़ का प्रभार सौंपा गया है.

हालांकि, कांग्रेस में इसे लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को मजबूत बनाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन अहम सवाल यह है कि क्या विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सत्ता गंवाने के बाद यहां बदलाव की बयार चलेगी. अशोक गहोत और सचिन पायलट को मिली नई जिम्मेदारियों को दोनों के समर्थक अपने-अपने खेमे की जीत मान रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच दो प्रमुख सवाल यहां निकलकर सामने आ रहे हैं. पहला सवाल यह है कि राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा और दूसरा बड़ा सवाल यह है कि प्रदेशाध्यक्ष का चेहरा बदला जाएगा या नहीं. इन दोनों ही सवालों पर फिलहाल, पार्टी के प्रमुख नेताओं ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन जानकारों का कहना है कि चुनाव के बाद किए गए बदलावों में ही इन दोनों सवालों का जवाब छिपा हुआ है, जो जल्द ही सबके सामने आ जाएगा.

पढ़ें : कांग्रेस ने 12 महासचिव और 12 प्रभारी नियुक्त किए, अविनाश पांडे को यूपी और सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी

क्या गहलोत और पायलट छोड़ेंगे राजस्थान ? : अशोक गहलोत को नेशनल अलायंस कमेटी में शामिल करने और सचिन पायलट को महासचिव बनाकर छत्तीसगढ़ का प्रभार देने के बाद एक और अहम सवाल है कि क्या दोनों नेता राजस्थान छोड़ेंगे. हालांकि, अशोक गहलोत और सचिन पायलट कई बार साफ कर चुके हैं कि वे राजस्थान छोड़ने वाले नहीं हैं, लेकिन अब आलाकमान ने जो साफ संदेश दिया है. उसे प्रदेश में नए चेहरों को तरजीह देने की रणनीति के संदेश के तौर पर देखा जा रहा है.

कौन बनेगा राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष ? : राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल का नेता (नेता प्रतिपक्ष) कौन होगा, यह रहस्य अभी भी बरकरार है. हालांकि, इस पद की दौड़ में सचिन पायलट के साथ ही गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी, महेंद्र जीत सिंह मालवीय और शांति धारीवाल सरीखे कई नाम शामिल बताए जा रहे थे. बायतु से विधायक हरीश चौधरी को पंजाब के प्रभार से मुक्त करने के बाद उनका नाम इस दौड़ में सबसे आगे होने की अटकलें तेज हो गई हैं.

क्या बदला जाएगा प्रदेशाध्यक्ष का चेहरा ? : विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही यह सवाल उठने लगा था कि क्या राजस्थान में कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बदला जाएगा. हालांकि, चर्चा गोविंद सिंह डोटासरा को नेता प्रतिपक्ष का पद देने की भी चल रही थी. ऐसे में प्रदेशाध्यक्ष के रूप में पार्टी को नया चेहरा मिल सकता था, लेकिन फिलहाल नेता प्रतिपक्ष के नाम पर रहस्य बरकरार है. ऐसे में राजनीतिक पंडितों का आकलन है कि प्रदेशाध्यक्ष के चेहरे में बदलाव संभवतः लोकसभा चुनाव के बाद हो.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में हार के बाद कांग्रेस नए सिरे से रणनीति बनाकर लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने में जुटी है. इसी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए नेशनल अलायंस कमेटी में शामिल किया गया था. अब पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का भी प्रमोशन कर पार्टी ने उन्हें महासचिव बना दिया है और छत्तीसगढ़ का प्रभार सौंपा गया है.

हालांकि, कांग्रेस में इसे लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को मजबूत बनाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन अहम सवाल यह है कि क्या विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सत्ता गंवाने के बाद यहां बदलाव की बयार चलेगी. अशोक गहोत और सचिन पायलट को मिली नई जिम्मेदारियों को दोनों के समर्थक अपने-अपने खेमे की जीत मान रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच दो प्रमुख सवाल यहां निकलकर सामने आ रहे हैं. पहला सवाल यह है कि राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा और दूसरा बड़ा सवाल यह है कि प्रदेशाध्यक्ष का चेहरा बदला जाएगा या नहीं. इन दोनों ही सवालों पर फिलहाल, पार्टी के प्रमुख नेताओं ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन जानकारों का कहना है कि चुनाव के बाद किए गए बदलावों में ही इन दोनों सवालों का जवाब छिपा हुआ है, जो जल्द ही सबके सामने आ जाएगा.

पढ़ें : कांग्रेस ने 12 महासचिव और 12 प्रभारी नियुक्त किए, अविनाश पांडे को यूपी और सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी

क्या गहलोत और पायलट छोड़ेंगे राजस्थान ? : अशोक गहलोत को नेशनल अलायंस कमेटी में शामिल करने और सचिन पायलट को महासचिव बनाकर छत्तीसगढ़ का प्रभार देने के बाद एक और अहम सवाल है कि क्या दोनों नेता राजस्थान छोड़ेंगे. हालांकि, अशोक गहलोत और सचिन पायलट कई बार साफ कर चुके हैं कि वे राजस्थान छोड़ने वाले नहीं हैं, लेकिन अब आलाकमान ने जो साफ संदेश दिया है. उसे प्रदेश में नए चेहरों को तरजीह देने की रणनीति के संदेश के तौर पर देखा जा रहा है.

कौन बनेगा राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष ? : राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल का नेता (नेता प्रतिपक्ष) कौन होगा, यह रहस्य अभी भी बरकरार है. हालांकि, इस पद की दौड़ में सचिन पायलट के साथ ही गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी, महेंद्र जीत सिंह मालवीय और शांति धारीवाल सरीखे कई नाम शामिल बताए जा रहे थे. बायतु से विधायक हरीश चौधरी को पंजाब के प्रभार से मुक्त करने के बाद उनका नाम इस दौड़ में सबसे आगे होने की अटकलें तेज हो गई हैं.

क्या बदला जाएगा प्रदेशाध्यक्ष का चेहरा ? : विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही यह सवाल उठने लगा था कि क्या राजस्थान में कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बदला जाएगा. हालांकि, चर्चा गोविंद सिंह डोटासरा को नेता प्रतिपक्ष का पद देने की भी चल रही थी. ऐसे में प्रदेशाध्यक्ष के रूप में पार्टी को नया चेहरा मिल सकता था, लेकिन फिलहाल नेता प्रतिपक्ष के नाम पर रहस्य बरकरार है. ऐसे में राजनीतिक पंडितों का आकलन है कि प्रदेशाध्यक्ष के चेहरे में बदलाव संभवतः लोकसभा चुनाव के बाद हो.

Last Updated : Dec 24, 2023, 11:01 AM IST
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