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जन आक्रोश यात्रा में वसुंधरा राजे की दूरी पर अरुण सिंह ने बताई ये वजह...

बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा 200 विधानसभा में पूरी हो गई है, लेकिन इस यात्रा में कहीं पर भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दिखाई नहीं दीं. राजे की यात्रा से दूरी पर प्रदेश बीजेपी प्रभारी अरुण सिंह ने कहा (Arun Singh on Raje absence from Jan Aakrosh Yatra) कि वह व्यक्तिगत कारणों से नहीं शामिल नहीं हुई हैं. इसके अलावा कोई अन्य वजह नहीं है.

Arun Singh on Raje absence from Jan Aakrosh Yatra
जन आक्रोश यात्रा में राजे की दूरी पर बोले अरुण सिंह,' व्यक्तिगत कारण से नहीं आईं'
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Published : Jan 9, 2023, 3:55 PM IST

Updated : Jan 9, 2023, 5:01 PM IST

वसुंधरा क्यों नहीं शामिल हुईं जन आक्रोश यात्राओं में...

जयपुर. बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा समाप्त हो गई है, जबकि जनाक्रोश सभाएं कल यानी 10 जनवरी को समाप्त हो जाएंगी. 200 विधानसभा तक पहुंची जन आक्रोश यात्रा लगभग 1 लाख 15 हजार किलोमीटर चली है. बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने सोमवार को बीजेपी मुख्यालय पर मीडिया से बात करते हुए इस यात्रा को पूरी तरीके से सफल बताया और कहा कि यह यात्रा बीजेपी की ना रह कर जन-जन की यात्रा हो गई है. अरुण सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की यात्रा से दूरी पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा (Arun Singh on Raje absence from Jan Aakrosh Yatra) कि वह व्यक्तिगत कारण से इस यात्रा में शामिल नहीं हो पा रही हैं. उनकी तबीयत खराब है.

वसुंधरा राजे बीमार : वसुंधरा राजे जन आक्रोश यात्रा के पहले दिन के बाद वह इस यात्रा में कहीं पर भी शामिल नहीं हुई, जबकि प्रदेश और केंद्र नेता इस यात्रा में शामिल हुए. वसुंधरा राजे की यात्रा से दूरी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इन सवालों पर बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे व्यक्तिगत कारणों से इस जन आक्रोश यात्रा में शामिल नहीं हो पा रही हैं. वह बीमार हैं, इसलिए यात्रा से दूर हैं और कोई वजह नहीं है.

पढ़ें: धौलपुर में निकाली गई भाजपा की जन आक्रोश यात्रा...लेकिन वसुंधरा समर्थक रहे नदारद

200 विधानसभा में 1 लाख 15 चली यात्रा: अरुण सिंह ने कहा जन आक्रोश यात्रा सम्पन्न हो गई है. जन सभा 10 जनवरी को संपन्न हो जाएगी. यात्रा और सभाओं में जनता का भरपूर समर्थन मिला है. यह जन आक्रोश यात्रा बीजेपी तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि जन-जन की आक्रोश यात्रा बन गई. अरुण सिंह ने कहा कि इस तरह की 200 विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा पहली बार निकली है. ये यात्रा 1 लाख 15 हजार किलोमीटर चली, जिसमें एक करोड़ से ज्यादा लोगों से संपर्क हुआ. 90 हजार से ज्यादा पत्र बांटे गए हैं. जिला से लेकर ब्लॉक तक इस यात्रा का असर दिख रहा है. अरुण सिंह ने कहा कि कांग्रेस के विकास विरुद्ध, सरकार के खिलाफ ये यात्रा सफल रही है. जन आक्रोश यात्रा के माध्यम से गहलोत सरकार की विदाई तय हो गई है.

पढ़ें: दुष्यंत का डोटासरा पर प्रहार, कहा- झालावाड़ की जनता वसुंधरा के साथ, PCC चीफ के बयान को बताया बेहूदा...

मुख्यमंत्री से लेकर विधायक हिले: अरुण सिंह ने कहा कि इस यात्रा से मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस के विधायक हिल चुके हैं. कांग्रेस कह रह रही यात्रा फेल हो गई, लेकिन उनको जमीन पर देखना चाहिए. गहलोत सरकार के जंगल राज से त्रस्त ये जनता जन आक्रोश यात्रा से जुड़ी है. जंगल राज के कारण राजस्थान में उद्योग नहीं लग रहा है. सबसे ज्यादा युवा और किसान आक्रोशित हैं. सिंह ने कहा कि इस बार जनता मन बना चुकी है और इसके बाद कांग्रेस 20 साल सत्ता में नहीं आएगी.

राहुल गांधी गए, बिजली गई: अरुण सिंह ने राहुल गांधी की यात्रा को लेकर कहा कि राहुल गांधी की यात्रा गई लोगों की बिजली गुल हो गई. राहुल किसानों के कर्ज पर खामोश रहे. किसान आत्महत्या कर रहा है, कर्ज माफ नहीं हुआ. गहलोत सरकार में किसान का बाजरा नहीं खरीदा गया.

पढ़ें: वसुंधरा के गढ़ से शुरू होगी भारत जोड़ो यात्रा, कुल 6 भाजपा दिग्गजों के क्षेत्रों से गुजरेगा कांग्रेस का कारवां

ये नेता भी आये दिल्ली से: दरअसल वसुंधरा राजे को लेकर सवाल इस लिए उठ रहें हैं क्योंकि वो जन आक्रोश सभा के अलावा अन्य कार्यक्रमों में शामिल हो रही हैं. इतना ही नहीं उनके अलावा बाकी अन्य नेता जिनका नाम इस जन आक्रोश यात्रा और सभा में वो समय-समय पर शामिल हो रहे हैं. जिसमे प्रभारी अरुण सिंह, सह प्रभारी विजय रहाटकर, राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, जनरल वीके सिंह, राजकुमार चाहर, रमेश विधूड़ी, ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन लाल मेघवाल, कैलाश चौधरी, सांसद दिया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह सहित संयुक्त दिल्ली से आए बड़े नेता सभाओं में शामिल हुए.

वसुंधरा क्यों नहीं शामिल हुईं जन आक्रोश यात्राओं में...

जयपुर. बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा समाप्त हो गई है, जबकि जनाक्रोश सभाएं कल यानी 10 जनवरी को समाप्त हो जाएंगी. 200 विधानसभा तक पहुंची जन आक्रोश यात्रा लगभग 1 लाख 15 हजार किलोमीटर चली है. बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने सोमवार को बीजेपी मुख्यालय पर मीडिया से बात करते हुए इस यात्रा को पूरी तरीके से सफल बताया और कहा कि यह यात्रा बीजेपी की ना रह कर जन-जन की यात्रा हो गई है. अरुण सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की यात्रा से दूरी पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा (Arun Singh on Raje absence from Jan Aakrosh Yatra) कि वह व्यक्तिगत कारण से इस यात्रा में शामिल नहीं हो पा रही हैं. उनकी तबीयत खराब है.

वसुंधरा राजे बीमार : वसुंधरा राजे जन आक्रोश यात्रा के पहले दिन के बाद वह इस यात्रा में कहीं पर भी शामिल नहीं हुई, जबकि प्रदेश और केंद्र नेता इस यात्रा में शामिल हुए. वसुंधरा राजे की यात्रा से दूरी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इन सवालों पर बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे व्यक्तिगत कारणों से इस जन आक्रोश यात्रा में शामिल नहीं हो पा रही हैं. वह बीमार हैं, इसलिए यात्रा से दूर हैं और कोई वजह नहीं है.

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200 विधानसभा में 1 लाख 15 चली यात्रा: अरुण सिंह ने कहा जन आक्रोश यात्रा सम्पन्न हो गई है. जन सभा 10 जनवरी को संपन्न हो जाएगी. यात्रा और सभाओं में जनता का भरपूर समर्थन मिला है. यह जन आक्रोश यात्रा बीजेपी तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि जन-जन की आक्रोश यात्रा बन गई. अरुण सिंह ने कहा कि इस तरह की 200 विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा पहली बार निकली है. ये यात्रा 1 लाख 15 हजार किलोमीटर चली, जिसमें एक करोड़ से ज्यादा लोगों से संपर्क हुआ. 90 हजार से ज्यादा पत्र बांटे गए हैं. जिला से लेकर ब्लॉक तक इस यात्रा का असर दिख रहा है. अरुण सिंह ने कहा कि कांग्रेस के विकास विरुद्ध, सरकार के खिलाफ ये यात्रा सफल रही है. जन आक्रोश यात्रा के माध्यम से गहलोत सरकार की विदाई तय हो गई है.

पढ़ें: दुष्यंत का डोटासरा पर प्रहार, कहा- झालावाड़ की जनता वसुंधरा के साथ, PCC चीफ के बयान को बताया बेहूदा...

मुख्यमंत्री से लेकर विधायक हिले: अरुण सिंह ने कहा कि इस यात्रा से मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस के विधायक हिल चुके हैं. कांग्रेस कह रह रही यात्रा फेल हो गई, लेकिन उनको जमीन पर देखना चाहिए. गहलोत सरकार के जंगल राज से त्रस्त ये जनता जन आक्रोश यात्रा से जुड़ी है. जंगल राज के कारण राजस्थान में उद्योग नहीं लग रहा है. सबसे ज्यादा युवा और किसान आक्रोशित हैं. सिंह ने कहा कि इस बार जनता मन बना चुकी है और इसके बाद कांग्रेस 20 साल सत्ता में नहीं आएगी.

राहुल गांधी गए, बिजली गई: अरुण सिंह ने राहुल गांधी की यात्रा को लेकर कहा कि राहुल गांधी की यात्रा गई लोगों की बिजली गुल हो गई. राहुल किसानों के कर्ज पर खामोश रहे. किसान आत्महत्या कर रहा है, कर्ज माफ नहीं हुआ. गहलोत सरकार में किसान का बाजरा नहीं खरीदा गया.

पढ़ें: वसुंधरा के गढ़ से शुरू होगी भारत जोड़ो यात्रा, कुल 6 भाजपा दिग्गजों के क्षेत्रों से गुजरेगा कांग्रेस का कारवां

ये नेता भी आये दिल्ली से: दरअसल वसुंधरा राजे को लेकर सवाल इस लिए उठ रहें हैं क्योंकि वो जन आक्रोश सभा के अलावा अन्य कार्यक्रमों में शामिल हो रही हैं. इतना ही नहीं उनके अलावा बाकी अन्य नेता जिनका नाम इस जन आक्रोश यात्रा और सभा में वो समय-समय पर शामिल हो रहे हैं. जिसमे प्रभारी अरुण सिंह, सह प्रभारी विजय रहाटकर, राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, जनरल वीके सिंह, राजकुमार चाहर, रमेश विधूड़ी, ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन लाल मेघवाल, कैलाश चौधरी, सांसद दिया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह सहित संयुक्त दिल्ली से आए बड़े नेता सभाओं में शामिल हुए.

Last Updated : Jan 9, 2023, 5:01 PM IST
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