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युवाओं को फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के बाद क्या गहलोत सरकार बदलेगी अपना ये फैसला, चर्चओं ने पकड़ा जोर - Rajasthan Government

केन्द्र सरकार ने हाल ही में 18 से 44 साल के युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन (Free Vaccination) की घोषणा की है. ऐसे में अब यह सवाल तेजी से उठने लगा है कि गहलोत सरकार ने युवाओं के वैक्सीनेशन के लिए राज्य कर्मचारियों के वेतन में जो कटौती की थी उस पैसे का अब क्या किया जाएगा.

राजस्थान की ताजा खबर,केंद्र की फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा,वेतन कटौती
फ्री वैक्सीनेशन के लिए की गई वेतन कटौती पर चर्चाएं तेज
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Published : Jun 8, 2021, 11:17 AM IST

जयपुर. केंद्र की फ्री वैक्सीनेशन (Free Vaccination) की घोषणा के बाद क्या वेतन कटौती का अंशदान वापस करेगी गहलोत सरकार. यह सवाल इसलिए क्योंकि युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन को लेकर विधायकों, मंत्रियों और नौकरशाहों से आर्थिक सहायता ली गई थी. युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन से गहलोत सरकार पर 3500 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ आ रहा था. लेकिन केंद्र सरकार की घोषणा के बाद अब 3500 करोड़ का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा. ऐसे में एमएलए फंड (MLA Fund) और नौकरशाहों की वेतन कटौती से आया पैसा अब कहां खर्च होगा इसको लेकर चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं.

पढ़ें : नि:शुल्क टीकाकरण पर बाेले पायलट, केंद्र को मानना पड़ा कांग्रेस का सुझाव

हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से सभी 18 से 44 साल के युवाओं को फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के बाद अब राज्यों का भी आर्थिक बोझ हल्का हुआ है. युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के चलते अकेले राज्य की गहलोत सरकार पर 3500 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था, जिसके लिए गहलोत सरकार ने एमएलए फंड के साथ-साथ मंत्रियों के एक-एक माह का वेतन और आईएएस-आईपीएस और आरएएस अफसरों की वेतन में कटौती की थी.

साथ ही 8 लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती की तैयारी थी. अकेले विधायक कोष के जरिए गहलोत सरकार 600 करोड़ रुपए एकत्र करने जा रही थी. यह पैसा 18 से 44 साल के युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन पर खर्च होना था लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकार की ओर से 18 से 44 साल के युवाओं को फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के बाद राज्य की गहलोत सरकार पर आर्थिक बोझ कम हुआ है.

हालांकि चर्चा यह भी है कि एमएलए फंड, मंत्री-विधायकों की वेतन कटौती और नौकरशाहों की वेतन कटौती से आए पैसे का अब क्या होगा. क्या गहलोत सरकार काटे गए वेतन को वापस नौकरशाहों को देगी या फिर एमएलए फंड, मंत्री विधायकों की वेतन कटौती और आरएएस, आईपीएस-आईएएस अफसरों की वेतन कटौती से आया पैसा कहीं और खर्च होगा.

यह भी पढ़ें: राजस्थान में 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के टीकाकरण पर संशय, चिकित्सा मंत्री ने वैक्सीनेशन कंपनी पर लगाए आरोप

इसे लेकर सत्ता के गलियारों में भी चर्चाएं खूब तेजी से चल रहीं हैं.हालांकि बड़ी बात यह भी है कि गहलोत सरकार ने तकरीबन एक माह पहले ही 18 से 44 साल के युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा भी कर दी थी और इसके तहत युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन का कार्यक्रम भी शुरू कर दिया था. युवाओं का फ्री वैक्सीनेशन हो सके इसके लिए गहलोत सरकार ने ग्लोबल टेंडर भी जारी किए थे.

अब जब केंद्र की मोदी सरकार ने 18 से 44 साल के युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा कर दी है तो क्या अब गहलोत सरकार फ्री वैक्सीनेशन के नाम पर की गई वेतन कटौती का पैसा मंत्री-विधायकों और अधिकारियों को वापस करेगी या फिर अब इस पैसे को किसी अन्य मद में खर्च किया जाएगा.

बता दें कि जब केंद्र सरकार ने 18 से 44 वर्ष के युवाओं के लिए फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराने से मना कर दिया था उस वक्त प्रदेश की गहलोत सरकार ने इन लोगों की वेतन में से कटौती करते हुए उस फंड को वैक्सीनेशन खरीद के लिए उपयोग में लेने की बात कही थी.

जयपुर. केंद्र की फ्री वैक्सीनेशन (Free Vaccination) की घोषणा के बाद क्या वेतन कटौती का अंशदान वापस करेगी गहलोत सरकार. यह सवाल इसलिए क्योंकि युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन को लेकर विधायकों, मंत्रियों और नौकरशाहों से आर्थिक सहायता ली गई थी. युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन से गहलोत सरकार पर 3500 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ आ रहा था. लेकिन केंद्र सरकार की घोषणा के बाद अब 3500 करोड़ का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा. ऐसे में एमएलए फंड (MLA Fund) और नौकरशाहों की वेतन कटौती से आया पैसा अब कहां खर्च होगा इसको लेकर चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं.

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हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से सभी 18 से 44 साल के युवाओं को फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के बाद अब राज्यों का भी आर्थिक बोझ हल्का हुआ है. युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के चलते अकेले राज्य की गहलोत सरकार पर 3500 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था, जिसके लिए गहलोत सरकार ने एमएलए फंड के साथ-साथ मंत्रियों के एक-एक माह का वेतन और आईएएस-आईपीएस और आरएएस अफसरों की वेतन में कटौती की थी.

साथ ही 8 लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती की तैयारी थी. अकेले विधायक कोष के जरिए गहलोत सरकार 600 करोड़ रुपए एकत्र करने जा रही थी. यह पैसा 18 से 44 साल के युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन पर खर्च होना था लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकार की ओर से 18 से 44 साल के युवाओं को फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा के बाद राज्य की गहलोत सरकार पर आर्थिक बोझ कम हुआ है.

हालांकि चर्चा यह भी है कि एमएलए फंड, मंत्री-विधायकों की वेतन कटौती और नौकरशाहों की वेतन कटौती से आए पैसे का अब क्या होगा. क्या गहलोत सरकार काटे गए वेतन को वापस नौकरशाहों को देगी या फिर एमएलए फंड, मंत्री विधायकों की वेतन कटौती और आरएएस, आईपीएस-आईएएस अफसरों की वेतन कटौती से आया पैसा कहीं और खर्च होगा.

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इसे लेकर सत्ता के गलियारों में भी चर्चाएं खूब तेजी से चल रहीं हैं.हालांकि बड़ी बात यह भी है कि गहलोत सरकार ने तकरीबन एक माह पहले ही 18 से 44 साल के युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा भी कर दी थी और इसके तहत युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन का कार्यक्रम भी शुरू कर दिया था. युवाओं का फ्री वैक्सीनेशन हो सके इसके लिए गहलोत सरकार ने ग्लोबल टेंडर भी जारी किए थे.

अब जब केंद्र की मोदी सरकार ने 18 से 44 साल के युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा कर दी है तो क्या अब गहलोत सरकार फ्री वैक्सीनेशन के नाम पर की गई वेतन कटौती का पैसा मंत्री-विधायकों और अधिकारियों को वापस करेगी या फिर अब इस पैसे को किसी अन्य मद में खर्च किया जाएगा.

बता दें कि जब केंद्र सरकार ने 18 से 44 वर्ष के युवाओं के लिए फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराने से मना कर दिया था उस वक्त प्रदेश की गहलोत सरकार ने इन लोगों की वेतन में से कटौती करते हुए उस फंड को वैक्सीनेशन खरीद के लिए उपयोग में लेने की बात कही थी.

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