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जयपुर: 108 एंबुलेंस यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने दी आत्मदाह की चेतावनी, गिरफ्तारी पर साथियों ने ठप की एंबुलेंस सेवा

108 एंबुलेंस राजस्थान यूनियन का अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह शेखावत अपने साथी के साथ कालवाड़ थाने पहुंचा और आत्मदाह की धमकी देने लगा. इसके बाद विरेन्द्र सिंह शेखावत और उसके साथी को शांति भंग के आरोप में कालवाड़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

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एंबुलेंस कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन
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Published : Jun 15, 2021, 6:48 PM IST

कालवाड़ (जयपुर). जिले के कालवाड़ थाना क्षेत्र में 108 एंबुलेंस यूनियन के प्रदर्शन का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार 108 एंबुलेंस राजस्थान यूनियन का अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह शेखावत अपने साथी के साथ कालवाड़ थाने पहुंचा और आत्मदाह की धमकी देने लगा. जिसके बाद विरेन्द्र सिंह शेखावत और उसके साथी को शांति भंग के आरोप में कालवाड़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद एंबूलेंसकर्मी अपने नेता की गिरफ्तारी का विरोध करने लगे. यही नहीं कई इलाकों में तो एंबूलेंस सेवा भी ठप कर दी गई. इसके साथ ही उन्होंने ने यह चेतावनी भी दी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो पूरे प्रदेश में एंबूलेंस सेवा ठप कर दी जाएगी.

वहीं राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन (Rajasthan Ambulance Employees Union) के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि 108,104 एम्बुलेंस कर्मचारियों की मांगो को लेकर हम पिछले 2 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन एम्बुलेंस कर्मचारियों की कोई सुनने वाला नहीं है. एम्बुलेंस कर्मचारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उच्च अधिकारी, चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी, चिकित्सा एंव स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय तक गुहार लगा चुके है. लेकिन एम्बुलेंस कर्मचारियों की समस्या का कोई भी समाधान नही करना चाहता.

पढ़ें: नहीं मिल पाया 16 करोड़ का इंजेक्शन, राजस्थान की नूर फातिमा ने दुनिया को कहा अलविदा

पिछले 13 वर्षों से जिस कंपनी ने इसका संचालन किया है उसने एम्बुलेंस कर्मचारियों का शोषण ही किया है.और अब एम्बुलेंस संचालन के लिए जो नई निविदा आई है उसी तरह अगर टेंडर किसी भी कंपनी को मिल जाता है तो फिर आने वाले 5 वर्ष तक एम्बुलेंस कर्मचारियों का शोषण होगा. एम्बुलेंस कर्मचारियों की मांगो के समाधान के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय में भी याचिका लगाई गई लेकिन वहां से भी न्याय नहीं मिला. और अगर यह निविदा कल खोल दी जाती है तो एम्बुलेंस कर्मचारियों का भविष्य अंधकार मय हो जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान 108 एम्बूलेंस कर्मचारी यूनियन प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते प्रदेश के सभी एम्बुलेंस कर्मचारियों को उनका हक और न्याय दिलाना मेरी जिम्मेदारी है लेकिन अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो इन एम्बुलेंस कर्मचारियों को उनका हक़ और न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री निवास के बाहर आत्मदाह करूँगा.

एम्बूलेंस कर्मचारियों की प्रमुख मांगे

1.राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार वर्तमान में मिल रहा सकल वेतन ई एम टी नर्सिंगकर्मी 9880 रुपये और पायलेट ड्राइवर 9566 रुपये में 20% की बढ़ोतरी हो

2. श्रम कानून अनुसार कार्य समय 8 घंटे किया जाए

3. एम्बुलेंस कर्मचारियों के वेतन में प्रतिवर्ष 10% बढ़ोतरी हो

कालवाड़ (जयपुर). जिले के कालवाड़ थाना क्षेत्र में 108 एंबुलेंस यूनियन के प्रदर्शन का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार 108 एंबुलेंस राजस्थान यूनियन का अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह शेखावत अपने साथी के साथ कालवाड़ थाने पहुंचा और आत्मदाह की धमकी देने लगा. जिसके बाद विरेन्द्र सिंह शेखावत और उसके साथी को शांति भंग के आरोप में कालवाड़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद एंबूलेंसकर्मी अपने नेता की गिरफ्तारी का विरोध करने लगे. यही नहीं कई इलाकों में तो एंबूलेंस सेवा भी ठप कर दी गई. इसके साथ ही उन्होंने ने यह चेतावनी भी दी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो पूरे प्रदेश में एंबूलेंस सेवा ठप कर दी जाएगी.

वहीं राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन (Rajasthan Ambulance Employees Union) के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि 108,104 एम्बुलेंस कर्मचारियों की मांगो को लेकर हम पिछले 2 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन एम्बुलेंस कर्मचारियों की कोई सुनने वाला नहीं है. एम्बुलेंस कर्मचारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उच्च अधिकारी, चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी, चिकित्सा एंव स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय तक गुहार लगा चुके है. लेकिन एम्बुलेंस कर्मचारियों की समस्या का कोई भी समाधान नही करना चाहता.

पढ़ें: नहीं मिल पाया 16 करोड़ का इंजेक्शन, राजस्थान की नूर फातिमा ने दुनिया को कहा अलविदा

पिछले 13 वर्षों से जिस कंपनी ने इसका संचालन किया है उसने एम्बुलेंस कर्मचारियों का शोषण ही किया है.और अब एम्बुलेंस संचालन के लिए जो नई निविदा आई है उसी तरह अगर टेंडर किसी भी कंपनी को मिल जाता है तो फिर आने वाले 5 वर्ष तक एम्बुलेंस कर्मचारियों का शोषण होगा. एम्बुलेंस कर्मचारियों की मांगो के समाधान के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय में भी याचिका लगाई गई लेकिन वहां से भी न्याय नहीं मिला. और अगर यह निविदा कल खोल दी जाती है तो एम्बुलेंस कर्मचारियों का भविष्य अंधकार मय हो जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान 108 एम्बूलेंस कर्मचारी यूनियन प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते प्रदेश के सभी एम्बुलेंस कर्मचारियों को उनका हक और न्याय दिलाना मेरी जिम्मेदारी है लेकिन अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो इन एम्बुलेंस कर्मचारियों को उनका हक़ और न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री निवास के बाहर आत्मदाह करूँगा.

एम्बूलेंस कर्मचारियों की प्रमुख मांगे

1.राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार वर्तमान में मिल रहा सकल वेतन ई एम टी नर्सिंगकर्मी 9880 रुपये और पायलेट ड्राइवर 9566 रुपये में 20% की बढ़ोतरी हो

2. श्रम कानून अनुसार कार्य समय 8 घंटे किया जाए

3. एम्बुलेंस कर्मचारियों के वेतन में प्रतिवर्ष 10% बढ़ोतरी हो

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