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Ajmer Files Controversy : 'अजमेर 92' का विरोध, मुस्लिम संगठन बोले- दरगाह को बदनाम करने की साजिश

अजमेर में हुए अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड पर आधारित फिल्म Ajmer Files को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. मुस्लिम संगठनों का कहना है कि दरगाह को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. मुस्लिम धर्म गुरुओं ने इस फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है.

Ajmer Files Controversy
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Published : Jun 8, 2023, 8:56 AM IST

धर्मगुरू हाफिज मंजूरू ने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. अजमेर 92 फिल्म को लेकर मुस्लिम संगठनों में रोष नजर आ रहा है. बुधवार को जयपुर में मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों और मुस्लिम धर्म गुरुओं की तरफ से फिल्म का विरोध जताया गया. केंद्र और राजस्थान सरकार से यह मांग की गई है कि इस फिल्म पर रोक लगाई जाए. मुस्लिम धर्म गुरु और संगठनों का आरोप है कि इस फिल्म के जरिए ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में इस फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाई जानी चाहिए.

गौरतलब है कि 90 के दशक में अजमेर के फोटो ब्लैकमेल कांड की स्टोरी को आधार बनाकर यह फिल्म बनाई गई है. बड़ी संख्या में इस फोटो ब्लैकमेल कांड की चपेट में स्कूली छात्राएं एवं कॉलेज गर्ल्स आईं थीं, जिसके खुलासे के बाद पूरे देश में खलबली मच गई थी.

पढ़ें : अजमेर के 1992 ब्लैकमेल कांड पर बनीं फिल्म Ajmer Files, रिलीज होने के पहले ही विवादों में घिरी

सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश : अजमेर 92 फिल्म का विरोध कर रहे मुस्लिम संगठनों का कहना है कि इस तरह की फिल्मों के प्रसारण से सांप्रदायिक माहौल खराब होगा. हाल के दौर में जिस तरह से पहले कश्मीर फाइल्स और उसके बाद द केरला स्टोरी आई, ऐसी फिल्में नफरत का माहौल तैयार कर रही हैं. अब अजमेर 92 फिल्म के जरिए अजमेर शरीफ को बदनाम करने की कोशिश हो रही है. मुस्लिम संगठनों ने मांग की है कि इस तरह की फिल्मों को तुरंत बैन किया जाना चाहिए. साथ ही इस तरह की फिल्मों को बनाने वाले निर्माताओं को भी सांप्रदायिक सौहार्द के लिए हिदायत दी जानी चाहिए. इन संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकार से फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है.

धर्मगुरू हाफिज मंजूरू ने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. अजमेर 92 फिल्म को लेकर मुस्लिम संगठनों में रोष नजर आ रहा है. बुधवार को जयपुर में मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों और मुस्लिम धर्म गुरुओं की तरफ से फिल्म का विरोध जताया गया. केंद्र और राजस्थान सरकार से यह मांग की गई है कि इस फिल्म पर रोक लगाई जाए. मुस्लिम धर्म गुरु और संगठनों का आरोप है कि इस फिल्म के जरिए ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में इस फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाई जानी चाहिए.

गौरतलब है कि 90 के दशक में अजमेर के फोटो ब्लैकमेल कांड की स्टोरी को आधार बनाकर यह फिल्म बनाई गई है. बड़ी संख्या में इस फोटो ब्लैकमेल कांड की चपेट में स्कूली छात्राएं एवं कॉलेज गर्ल्स आईं थीं, जिसके खुलासे के बाद पूरे देश में खलबली मच गई थी.

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सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश : अजमेर 92 फिल्म का विरोध कर रहे मुस्लिम संगठनों का कहना है कि इस तरह की फिल्मों के प्रसारण से सांप्रदायिक माहौल खराब होगा. हाल के दौर में जिस तरह से पहले कश्मीर फाइल्स और उसके बाद द केरला स्टोरी आई, ऐसी फिल्में नफरत का माहौल तैयार कर रही हैं. अब अजमेर 92 फिल्म के जरिए अजमेर शरीफ को बदनाम करने की कोशिश हो रही है. मुस्लिम संगठनों ने मांग की है कि इस तरह की फिल्मों को तुरंत बैन किया जाना चाहिए. साथ ही इस तरह की फिल्मों को बनाने वाले निर्माताओं को भी सांप्रदायिक सौहार्द के लिए हिदायत दी जानी चाहिए. इन संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकार से फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है.

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