जयपुर. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में नया अध्यक्ष (congress president Mallikarjun Kharge) मिल गया है. कांग्रेस पार्टी के संविधान के अनुसार नए अध्यक्ष के पद संभालते ही पुरानी कार्यकारिणी निवर्तमान हो जाती है और यही कारण है कि आज कांग्रेस पार्टी के सभी महासचिवों, राज्यों के प्रभारियों और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने अपने इस्तीफे अध्यक्ष को सौंप (AICC in charges resign from Congress executive) दिए हैं. आज खड़गे को इस्तीफे सौंपने वालों में वह 5 नेता भी शामिल हैं जिनके इस्तीफों से राजस्थान की राजनीति पर भी खासा असर पड़ेगा.
इन नेताओं में राजस्थान के प्रभारी महासचिव अजय माकन, गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, असम के प्रभारी महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा शामिल हैं. इन पांच नेताओं के साथ ही राजस्थान से आने वाले एआईसीसी सचिवों के भी आज से ही इस्तीफे माने जाएंगे. इनमें कांग्रेस सचिव धीरज गुर्जर, जुबेर खान और कुलदीप इंदौरा भी आज भी एआईसीसी के कार्यकारी सचिव रह गए हैं.
1.अजय माकन- आज जो इस्तीफे हुए हैं उनमें राजस्थान की राजनीति को सर्वाधिक प्रभावित करने वाला इस्तीफा अगर कोई है तो वह प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन का है. 25 सितंबर को राजस्थान में राजनीतिक उठापटक और पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर आए और वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन विधायक दल की बैठक कर आलाकमान के पक्ष में एक लाइन का प्रस्ताव ले जाने में असफल रहे.
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पिछले 1 महीने से यह द्वंद्व चल रहा है कि राजस्थान में क्या परिवर्तन देखने को मिलेंगे और क्योंकि पूरी घटना के साक्षी अजय माकन भी थे और उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही कांग्रेस ने मंत्री महेश जोशी, शांति धारीवाल और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस दिए गए थे. ऐसे में अब उस नोटिस पर कारवाई तो नवनिर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे, लेकिन आज हुए इस्तीफा के आधार पर अब माकन प्रदेश के प्रभारी नहीं रहे. माकन आज से राजस्थान के कार्यकारी प्रभारी हो गए हैं और संभावना यही है कि जिस तरह से राजस्थान के विधायकों, मंत्रियों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला है उन्हें प्रभारी के तौर पर दोबारा नहीं लगाया जाएगा. भले ही आज अजय माकन जिस तरह प्रभावशाली रूप में नए अध्यक्ष के पदभार ग्रहण के दौरान नजर आ रहे थे, लगता है कि उन्हें प्रमोशन मिलेगा. वहीं अब राजस्थान को भी नया प्रभारी मिलेगा जिसमें संजय निरूपम, कुमारी शैलजा और दीपेंद्र हुड्डा के नाम प्रमुख हैं.
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राजस्थान के ये नेता भी हुए अब कार्यकारी
1.रघु शर्मा: रघु शर्मा गुजरात के प्रभारी है और इस्तीफे के बाद आब वह चुनावी राज्य गुजरात के कार्यकारी प्रभारी रह गए हैं. भले ही वह गुजरात चुनाव तक कार्यकारी प्रभारी के तौर पर पद पर बने रहें लेकिन चुनाव के बाद हो सकता है कि वह राजस्थान में सक्रिय दिखाई दें और फिर से कैबिनेट का हिस्सा भी बनें. रघु शर्मा आज इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक में हिस्सा लेते भी नजर आए.
2. हरीश चौधरी: वर्तमान में कांग्रेस के नेता हरीश चौधरी पंजाब के प्रभारी हैं और आज इस्तीफा देने के बाद वह भी अब नया प्रभारी चुने जाने तक कार्यकारी प्रभारी के तौर पर ही पंजाब में काम करेंगे. संभव है कि पंजाब के चुनाव के लिए हरीश चौधरी ने राजस्थान में जो कैबिनेट का पद ठुकराया था उन्हें फिर से राजस्थान में मंत्री बनाकर एडजस्ट किया जाए.
3. भंवर जितेंद्र: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और असम के प्रभारी भंवर जितेंद्र भी आज से कार्यकारी महासचिव हो गए हैं. हालांकि भंवर जितेंद्र हमेशा संगठन में काम देखते रहे हैं तो संभावना है कि राजस्थान से जो चेहरे फिर एआईसीसी में दिखाई देंगे उनमें खड़गे फिर से उन्हें कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी के तौर पर शामिल कर लें. वैसे भी भंवर जितेंद्र की उम्र 51 साल है जो कांग्रेस के नए फार्मूले से केवल 1 साल ही ज्यादा है.
4. रघुवीर मीणा: कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रहे पूर्व सांसद रघुवीर मीणा का भी आज वर्किंग कमेटी से इस्तीफा हो गया है. जब तक नई कांग्रेस वर्किंग कमेटी नहीं बनती है तब तक वह भी कार्यकारी सीडब्ल्यूसी मेंबर रहेंगे. कहा जा रहा है कि रघुवीर मीणा को राजस्थान में ही कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
धीरज गुर्जर, कुलदीप इंदौरा और जुबेर खान भी नहीं रहे एआईसीसी सचिव
कांग्रेस महासचिव कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों के साथ ही राजस्थान से आने वाले एआईसीसी के तीनों सचिव धीरज गुर्जर, जुबेर खान और कुलदीप इंदौरा भी अब मल्लिकार्जुन खड़गे के पदभार संभालते ही कार्यकारी सचिव हो गए हैं. वैसे भी धीरज गुर्जर और जुबेर खान को राजस्थान में सरकार राजनीतिक नियुक्ति दे चुकी है, ऐसे में इन्हें इन पदों पर रहते हुए दोबारा सचिव बनाने की संभावना कम है. इसके साथ ही कुलदीप इंदौरा भी गंगानगर के जिला प्रमुख हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के चयन के लिए पीसीसी पहले ही भेज चुकी है राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रस्ताव
ऐसा नहीं है की मल्लिकार्जुन खड़गे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के साथ ही केवल एआईसीसी के पदाधिकारियों के इस्तीफे हुए हैं बल्कि इसका असर पूरे देश की प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणीयों पर भी पड़ेगा. राजस्थान कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चयन करने के लिए राजस्थान के पीसीसी के सदस्य पहले ही एक लाइन का प्रस्ताव राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम भेज चुके हैं कि वह चाहे तो वर्तमान अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को रिपीट करें या फिर नया अध्यक्ष बनाएं इसके लिए वह स्वतंत्र हैं. वैसे तो डोटासरा के कार्यकाल के अभी 2 साल ही पूरे हुए हैं लेकिन अगर उनकी जगह किसी और को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो भी डोटासरा को सरकार में मंत्री पद फिर से दिया जा सकता है.
सचिन पायलट बोले, खड़गे ने उदयपुर संकल्प को लागू करने का किया ऐलान, अब कांग्रेस में युवा ऊर्जा का होगा संचार
आज राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है. इस मौके पर राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने (Sachin Pilot on congress president election) कहा कि कांग्रेस ही देश में ऐसी पार्टी है जो लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव करवा कर अपने अध्यक्ष का चयन करती है. पायलट ने कहा कि खड़गे ने उदयपुर संकल्प को पूरा करने की बात कही है और उसका असर भी यह दिखाई देगा कि कांग्रेस पार्टी 50% पदाधिकारी 50 साल की उम्र से कम होंगे. पायलट ने कहा कि खड़गे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के साथ ही जैसे ही नई कार्यकारिणी का गठन होगा उससे कांग्रेस पार्टी में युवाओं की ऊर्जा का संचार होगा.